सिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता की विवेचना एवं मूल्यांकन कीजियेः (200 Words) [UPPSC 2018]
सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा के द्वास के प्रमुख कारणों का वर्णन परिचय सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा का द्वास एक गंभीर चिंता का विषय है, जो सरकारी प्रशासन की दक्षता और जनता के विश्वास को प्रभावित करता है। यह समस्या कई कारकों के संयोजन से उत्पन्न होती है। इन कारणों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि प्रभावी सुधRead more
सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा के द्वास के प्रमुख कारणों का वर्णन
परिचय
सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा का द्वास एक गंभीर चिंता का विषय है, जो सरकारी प्रशासन की दक्षता और जनता के विश्वास को प्रभावित करता है। यह समस्या कई कारकों के संयोजन से उत्पन्न होती है। इन कारणों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि प्रभावी सुधारात्मक उपाय किए जा सकें।
1. राजनीतिक हस्तक्षेप
- परिभाषा: राजनीतिक हस्तक्षेप का तात्पर्य उन परिस्थितियों से है जब राजनेता सिविल सेवाओं के कामकाज और निर्णयों पर अनावश्यक दबाव डालते हैं, जिससे सत्यनिष्ठा प्रभावित होती है।
- हाल का उदाहरण: 2024 में उत्तर प्रदेश में वरिष्ठ IAS अधिकारियों के स्थानांतरण की विवादास्पद घटनाओं ने दिखाया कि राजनीतिक दबाव प्रशासनिक निर्णयों को प्रभावित कर सकता है, जिससे सिविल सेवाओं की निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा प्रभावित होती है।
2. भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी
- परिभाषा: भ्रष्टाचार में व्यक्तिगत लाभ के लिए शक्ति का दुरुपयोग शामिल है, जिसमें रिश्वतखोरी और धन की हेराफेरी शामिल हैं, जो सिविल सेवकों के नैतिक मानकों को कमजोर करती हैं।
- हाल का उदाहरण: दिल्ली शराब नीति घोटाला (2023), जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों को शराब लाइसेंस के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगा, यह प्रदर्शित करता है कि भ्रष्टाचार किस प्रकार सिविल सेवाओं की सत्यनिष्ठा को कमजोर करता है।
3. जवाबदेही की कमी
- परिभाषा: जवाबदेही की कमी का मतलब है कि सिविल सेवकों के कार्यों के लिए प्रभावी उत्तरदायित्व के तंत्र की कमी, जो सत्यनिष्ठा में गिरावट का कारण बनती है।
- हाल का उदाहरण: असम में NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के मामले (2024) में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की कमी ने जवाबदेही के तंत्र की कमी को उजागर किया, जो सिविल सेवाओं की सत्यनिष्ठा को प्रभावित करता है।
4. अपर्याप्त प्रशिक्षण और पेशेवर विकास
- परिभाषा: अपर्याप्त प्रशिक्षण और पेशेवर विकास का मतलब है कि सिविल सेवकों को नैतिक मानकों और उचित आचरण की समझ की कमी हो सकती है।
- हाल का उदाहरण: दिल्ली दंगों (2024) के दौरान कुछ राज्य पुलिस बलों में प्रशिक्षण की कमी ने प्रबंधन और नैतिकता में विफलताओं को उजागर किया, यह दिखाते हुए कि प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों में सुधार की आवश्यकता है।
5. कम वेतन और खराब कार्य स्थितियाँ
- परिभाषा: कम वेतन और खराब कार्य स्थितियाँ असंतोष को जन्म देती हैं और सिविल सेवकों को अनैतिक प्रथाओं के प्रति संवेदनशील बना सकती हैं।
- हाल का उदाहरण: 2023 में जूनियर डॉक्टरों के वेतन और कार्य स्थितियों पर हुए विरोध ने यह दिखाया कि अपर्याप्त मुआवजा और खराब स्थितियाँ सत्यनिष्ठा को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे व्यापक असंतोष और अनैतिक प्रथाओं को बढ़ावा मिलता है।
6. पारदर्शिता की कमी
- परिभाषा: प्रशासनिक प्रक्रियाओं और निर्णय-निर्माण में पारदर्शिता की कमी संदिग्धता और अनैतिक व्यवहार को जन्म देती है।
- हाल का उदाहरण: COVID-19 राहत फंडों के आवंटन पर विवाद (2024) में पारदर्शिता की कमी ने दुरुपयोग और पक्षपात के आरोपों को जन्म दिया, यह दिखाते हुए कि पारदर्शिता की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है।
7. सामाजिक और सांस्कृतिक कारक
- परिभाषा: सामाजिक और सांस्कृतिक कारक, जैसे समाज की मान्यताएँ और मूल्य, सिविल सेवकों के व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं और सत्यनिष्ठा में कमी का कारण बन सकते हैं।
- हाल का उदाहरण: 2024 में जाति आधारित भेदभाव की घटनाओं ने यह दर्शाया कि समाज में जड़े हुए पूर्वाग्रह किस प्रकार सिविल सेवाओं की नैतिकता और सत्यनिष्ठा को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा के द्वास के प्रमुख कारणों में राजनीतिक हस्तक्षेप, भ्रष्टाचार, जवाबदेही की कमी, अपर्याप्त प्रशिक्षण, कम वेतन, पारदर्शिता की कमी, और सामाजिक-सांस्कृतिक कारक शामिल हैं। हाल के उदाहरण इन समस्याओं के प्रभाव को उजागर करते हैं और सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। इन कारकों को समझकर और प्रभावी उपायों को लागू करके सिविल सेवाओं की सत्यनिष्ठा को पुनः स्थापित किया जा सकता है।
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सिविल सेवा के संदर्भ में core values की प्रासंगिकता a. सत्यनिष्ठा परिभाषा: सत्यनिष्ठा का तात्पर्य है नैतिक और ईमानदार व्यवहार, जहां अधिकारी अपने कार्यों में सत्य और ईमानदारी बनाए रखते हैं। प्रासंगिकता: सत्यनिष्ठा सिविल सेवा में विश्वास और सार्वजनिक विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिRead more
सिविल सेवा के संदर्भ में core values की प्रासंगिकता
a. सत्यनिष्ठा
परिभाषा: सत्यनिष्ठा का तात्पर्य है नैतिक और ईमानदार व्यवहार, जहां अधिकारी अपने कार्यों में सत्य और ईमानदारी बनाए रखते हैं।
प्रासंगिकता: सत्यनिष्ठा सिविल सेवा में विश्वास और सार्वजनिक विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, आयकर विभाग के अधिकारी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार विरोधी कदम जैसे कि फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई ने जनता के विश्वास को बढ़ाया और सुशासन को बढ़ावा दिया।
b. निष्पक्षता
परिभाषा: निष्पक्षता का मतलब है सभी व्यक्तियों और मामलों को समान रूप से देखना और निर्णय लेना, बिना किसी पूर्वाग्रह या व्यक्तिगत पसंद के।
प्रासंगिकता: निष्पक्षता न्याय और समानता सुनिश्चित करती है। उच्चतम न्यायालय की हालिया निर्णय, जैसे कि तीन तलाक मामले में निर्णय, ने निष्पक्षता के महत्व को दर्शाया है, जिससे कानून के समक्ष सभी व्यक्तियों को समान उपचार मिला।
c. वस्तुनिष्ठता
परिभाषा: वस्तुनिष्ठता का तात्पर्य है निर्णय लेना तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित, व्यक्तिगत भावनाओं या विचारों से मुक्त।
प्रासंगिकता: वस्तुनिष्ठता प्रभावी नीति-निर्माण और प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है। COVID-19 महामारी के दौरान सरकार की रणनीतियाँ तथ्यों और वैज्ञानिक डेटा पर आधारित थीं, जिससे महामारी के प्रबंधन में प्रभावशीलता आई।
d. गैर-तरफदारी
परिभाषा: गैर-तरफदारी का मतलब है किसी भी राजनीतिक दल या समूह के प्रति पक्षपाती न होना और सभी नागरिकों के प्रति समान व्यवहार करना।
प्रासंगिकता: गैर-तरफदारी लोकतंत्र और पारदर्शिता को बनाए रखने में सहायक होती है। भारत के चुनाव आयोग की निष्पक्षता और तटस्थता ने चुनावों को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया, जिससे लोकतंत्र की संस्थाओं पर विश्वास कायम रहा।
मूल्यांकन
सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता, और गैर-तरफदारी इन मूल्यों के द्वारा सिविल सेवा को न केवल प्रभावी और न्यायपूर्ण बनाया जाता है, बल्कि यह सार्वजनिक विश्वास और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को भी मजबूत करता है। ये मूल्य सिविल सेवकों को उचित और ईमानदार तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम बनाते हैं।
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