ऐसी अवांछनीय अभिवृत्तियों को कैसे बदला जा सकता है तथा लोक सेवाओं के लिए आवश्यक समझे जाने वाले सामाजिक-नैतिक मूल्यों को आकांक्षी तथा कार्यरत लोक सेवकों में किस प्रकार संवर्धित किया जा सकता है ? (150 words) [UPSC 2016]
लोक सेवाओं में निष्पक्षता और अपक्षपातीयता का महत्व 1. न्याय और समानता सुनिश्चित करना: व्याख्या: निष्पक्षता और अपक्षपातीयता यह सुनिश्चित करती है कि सभी नागरिकों को समान सेवाएँ और अवसर प्राप्त हों, बिना किसी व्यक्तिगत या राजनीतिक पूर्वाग्रह के। उदाहरण: भारत निर्वाचन आयोग निष्पक्षता से चुनाव करवाता है,Read more
लोक सेवाओं में निष्पक्षता और अपक्षपातीयता का महत्व
1. न्याय और समानता सुनिश्चित करना:
- व्याख्या: निष्पक्षता और अपक्षपातीयता यह सुनिश्चित करती है कि सभी नागरिकों को समान सेवाएँ और अवसर प्राप्त हों, बिना किसी व्यक्तिगत या राजनीतिक पूर्वाग्रह के।
- उदाहरण: भारत निर्वाचन आयोग निष्पक्षता से चुनाव करवाता है, जिससे सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार समान रूप से प्रतिस्पर्धा कर पाते हैं।
2. जनसामान्य का विश्वास बनाए रखना:
- व्याख्या: जब सार्वजनिक अधिकारी निष्पक्ष रहते हैं, तो इससे नागरिकों का विश्वास और भरोसा बना रहता है, जिससे सरकारी संस्थानों की विश्वसनीयता बढ़ती है।
- उदाहरण: सुप्रीम कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण निर्णयों की निष्पक्षता ने न्यायपालिका की विश्वसनीयता को बनाए रखा है।
3. शक्ति के दुरुपयोग को रोकना:
- व्याख्या: अपक्षपातीयता शक्ति के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को रोकती है, जिससे सार्वजनिक प्रशासन में पारदर्शिता बनी रहती है।
- उदाहरण: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) का निष्पक्ष निगरानी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।
4. लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना:
- व्याख्या: निष्पक्ष और अपक्षपाती सेवाएँ लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में सहायक होती हैं, जिससे शासन का संचालन जनहित में होता है।
- उदाहरण: लोक सेवा आयोग की चयन प्रक्रियाएँ पारदर्शिता और निष्पक्षता के सिद्धांतों पर आधारित हैं।
निष्कर्ष: निष्पक्षता और अपक्षपातीयता लोक सेवाओं में महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये न्याय, विश्वास, पारदर्शिता, और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में सहायता करती हैं।
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अवांछनीय अभिवृत्तियों को बदलने और सामाजिक-नैतिक मूल्यों को संवर्धित करने की विधियाँ 1. समग्र प्रशिक्षण और शिक्षा नैतिकता और मूल्य शिक्षा: लोक सेवकों को नैतिकता और सामाजिक मूल्यों पर आधारित व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। हाल ही में IAS प्रशिक्षण में "लोक प्रशासन में नैतिकता" जैसे पाठ्यक्रमRead more
अवांछनीय अभिवृत्तियों को बदलने और सामाजिक-नैतिक मूल्यों को संवर्धित करने की विधियाँ
1. समग्र प्रशिक्षण और शिक्षा
नैतिकता और मूल्य शिक्षा: लोक सेवकों को नैतिकता और सामाजिक मूल्यों पर आधारित व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। हाल ही में IAS प्रशिक्षण में “लोक प्रशासन में नैतिकता” जैसे पाठ्यक्रम इसका अच्छा उदाहरण हैं।
2. निरंतर आत्ममूल्यांकन और जागरूकता
नियमित कार्यशालाएँ और सेमिनार: समय-समय पर कार्यशालाएँ और सेमिनार आयोजित किए जाएँ, जो सामाजिक मुद्दों और नैतिक प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करें। जैसे, लिंग संवेदनशीलता और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यशालाएँ।
3. सशक्त संस्थागत ढाँचा
आचार संहिता और उत्तरदायित्व: कठोर आचार संहिता लागू करें और नियमित निगरानी के माध्यम से उत्तरदायित्व सुनिश्चित करें। केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा किए गए निगरानी उदाहरण स्वरूप हैं।
4. नेतृत्व और आदर्श उदाहरण
नेतृत्व द्वारा उदाहरण: वरिष्ठ अधिकारी नैतिक व्यवहार और सार्वजनिक सेवा के मूल्यों का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें। हाल ही में, ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए मान्यता प्राप्त वरिष्ठ अधिकारियों के मामले प्रभावी आदर्श हैं।
इन उपायों के माध्यम से, लोक सेवकों में आवश्यक सामाजिक-नैतिक मूल्यों को प्रभावी ढंग से संवर्धित किया जा सकता है।
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