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नैतिक अन्तर्दृष्टि से आप क्या समझते हैं? लोकसेवकों की नैतिक परिस्थिति में यह किस प्रकार सहायक है ? (125 Words) [UPPSC 2023]
नैतिक अन्तर्दृष्टि का अर्थ नैतिक अन्तर्दृष्टि से तात्पर्य नैतिक और नैतिकता से संबंधित गहन समझ और आंतरिक जागरूकता से है, जो एक व्यक्ति को सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करती है। यह व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और निर्णय लेने में स्पष्टता प्रदान करती है। लोकसेवकों की नैतिकRead more
नैतिक अन्तर्दृष्टि का अर्थ
नैतिक अन्तर्दृष्टि से तात्पर्य नैतिक और नैतिकता से संबंधित गहन समझ और आंतरिक जागरूकता से है, जो एक व्यक्ति को सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करती है। यह व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और निर्णय लेने में स्पष्टता प्रदान करती है।
लोकसेवकों की नैतिक परिस्थिति में सहायता
इस प्रकार, नैतिक अन्तर्दृष्टि लोकसेवकों को सही निर्णय लेने और उनके कार्यों को नैतिक रूप से सही दिशा में मार्गदर्शित करने में सहायक होती है।
See lessनैतिक शासन व्यवस्था से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
नैतिक शासन व्यवस्था का अर्थ नैतिक शासन व्यवस्था से तात्पर्य ऐसी प्रशासनिक प्रणाली से है जिसमें नैतिकता, ईमानदारी, और सदाचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। यह प्रणाली प्रशासनिक निर्णयों, नीतियों, और कार्यवाहियों में नैतिक मानकों को सुनिश्चित करती है, ताकि जनता के हित सुरक्षित रहें और सार्वजनिक संRead more
नैतिक शासन व्यवस्था का अर्थ
नैतिक शासन व्यवस्था से तात्पर्य ऐसी प्रशासनिक प्रणाली से है जिसमें नैतिकता, ईमानदारी, और सदाचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। यह प्रणाली प्रशासनिक निर्णयों, नीतियों, और कार्यवाहियों में नैतिक मानकों को सुनिश्चित करती है, ताकि जनता के हित सुरक्षित रहें और सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग न हो।
उदाहरण
नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिकता के पालन से जन विश्वास और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा मिलता है, जिससे एक न्यायपूर्ण और प्रभावी सरकारी व्यवस्था सुनिश्चित होती है।
See lessसिविल सेवा के सन्दर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिए। अ) सेवा भाव ब) दृढ़ विश्वास का साहस । (125 Words) [UPPSC 2023]
सिविल सेवा के संदर्भ में प्रासंगिकता अ) सेवा भाव जन कल्याण की प्राथमिकता: सेवा भाव सिविल सेवकों की प्राथमिकता होती है, जो उन्हें समाज के उत्थान के लिए प्रेरित करता है। उदाहरण के तौर पर, COVID-19 महामारी के दौरान सिविल सेवकों ने स्वास्थ्य संकट प्रबंधन और आवश्यक वस्तुओं के वितरण में अत्यधिक तत्परता दिRead more
सिविल सेवा के संदर्भ में प्रासंगिकता
अ) सेवा भाव
ब) दृढ़ विश्वास का साहस
सारांश में, सेवा भाव और दृढ़ विश्वास का साहस सिविल सेवकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो उन्हें प्रभावी सेवा प्रदान करने और नैतिक मानकों को बनाए रखने में सक्षम बनाते हैं।
See lessसामाजिक पूँजी की व्याख्या कीजिए। यह सुशासन में वृद्धि कैसे करती है ? (150 words)[UPSC 2023]
सामाजिक पूँजी की व्याख्या सामाजिक पूँजी से तात्पर्य उन नेटवर्कों, मानकों, और सामाजिक विश्वासों से है जो समाज में समन्वय और सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं। इसमें व्यक्तिगत और सामुदायिक रिश्ते, आपसी विश्वास, और साझा मूल्यों का समावेश होता है जो सामूहिक क्रियावली को प्रोत्साहित करते हैं। सुशासन में वृद्Read more
सामाजिक पूँजी की व्याख्या
सामाजिक पूँजी से तात्पर्य उन नेटवर्कों, मानकों, और सामाजिक विश्वासों से है जो समाज में समन्वय और सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं। इसमें व्यक्तिगत और सामुदायिक रिश्ते, आपसी विश्वास, और साझा मूल्यों का समावेश होता है जो सामूहिक क्रियावली को प्रोत्साहित करते हैं।
सुशासन में वृद्धि:
इस प्रकार, सामाजिक पूँजी सुशासन को बढ़ावा देती है क्योंकि यह समुदाय की भागीदारी, विश्वास, और संसाधन साझा करने को प्रोत्साहित करती है।
See lessनैतिक निर्णय लेने के सन्दर्भ में जब कानून, नियमों और अधिनियमों की तुलना की जाती है तो क्या अंतरात्मा की आवाज़ अधिक विश्वसनीय मार्गदर्शक है? चर्चा कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
नैतिक निर्णय लेने में अंतरात्मा बनाम कानून अंतरात्मा की विश्वसनीयता: अंतरात्मा एक व्यक्ति की आंतरिक नैतिक समझ होती है, जो व्यक्तिगत मूल्यों और नैतिकता पर आधारित होती है। यह जटिल या अनिश्चित परिस्थितियों में व्यक्तिगत नैतिकता की सूक्ष्मता को उजागर कर सकती है। उदाहरण के लिए, स्नोडन का मामला, जिसमें एदRead more
नैतिक निर्णय लेने में अंतरात्मा बनाम कानून
अंतरात्मा की विश्वसनीयता: अंतरात्मा एक व्यक्ति की आंतरिक नैतिक समझ होती है, जो व्यक्तिगत मूल्यों और नैतिकता पर आधारित होती है। यह जटिल या अनिश्चित परिस्थितियों में व्यक्तिगत नैतिकता की सूक्ष्मता को उजागर कर सकती है। उदाहरण के लिए, स्नोडन का मामला, जिसमें एदवर्ड स्नोडन ने अपनी अंतरात्मा के आधार पर निगरानी प्रथाओं का खुलासा किया, कानूनों का उल्लंघन किया लेकिन व्यापक नैतिकता और जनहित की रक्षा की।
कानून, नियम और अधिनियम: कानून और नियम समाज के लिए एक मानकीकृत नैतिक ढांचा प्रदान करते हैं। ये सार्वभौमिक रूप से लागू होते हैं और व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उदाहरण के लिए, पेरिस जलवायु समझौता जैसे पर्यावरणीय कानून, वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए आवश्यक संरचना और प्रतिबद्धताएं प्रदान करते हैं।
तुलना: हालांकि अंतरात्मा व्यक्तिगत नैतिक स्पष्टता प्रदान करती है, कानून और नियम एक स्थिर और व्यापक ढांचा सुनिश्चित करते हैं। नैतिक निर्णय लेने में, अंतरात्मा और कानूनी ढांचे के बीच संतुलन आवश्यक होता है ताकि व्यक्तिगत और सामाजिक नैतिकता को समन्वित किया जा सके।
इस प्रकार, जबकि अंतरात्मा व्यक्तिगत नैतिक मार्गदर्शन देती है, कानून और नियम व्यापक अनुपालन और संरचना सुनिश्चित करते हैं।
See less'नैतिक अंतर्ज्ञान' से 'नैतिक तर्कशक्ति' का अन्तर स्पष्ट करते हुए उचित उदाहरण दीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
नैतिक अंतर्ज्ञान और नैतिक तर्कशक्ति में अंतर नैतिक अंतर्ज्ञान: नैतिक अंतर्ज्ञान वह स्वचालित और तात्कालिक नैतिक निर्णय है जो भावनात्मक प्रतिक्रिया या आदतों पर आधारित होता है। उदाहरण के तौर पर, दया और करुणा की भावना से किसी गरीब को मदद करने की तत्परता दिखाना नैतिक अंतर्ज्ञान का एक उदाहरण है। यह भावनाRead more
नैतिक अंतर्ज्ञान और नैतिक तर्कशक्ति में अंतर
नैतिक अंतर्ज्ञान: नैतिक अंतर्ज्ञान वह स्वचालित और तात्कालिक नैतिक निर्णय है जो भावनात्मक प्रतिक्रिया या आदतों पर आधारित होता है। उदाहरण के तौर पर, दया और करुणा की भावना से किसी गरीब को मदद करने की तत्परता दिखाना नैतिक अंतर्ज्ञान का एक उदाहरण है। यह भावना तुरंत उत्पन्न होती है और सोच-विचार की प्रक्रिया के बिना आंतरिक विश्वासों और सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित होती है।
नैतिक तर्कशक्ति: नैतिक तर्कशक्ति में नैतिक मुद्दों पर सावधानीपूर्वक और तर्कसंगत विचार शामिल होता है, जिसमें तर्क, मूल्य और परिणामों का विश्लेषण किया जाता है। उदाहरण के लिए, वातावरण संरक्षण के लिए सरकारी नीतियों पर चर्चा करते समय, नीति निर्माता तर्कशक्ति का उपयोग करते हैं। वे विभिन्न पर्यावरणीय प्रभावों और भविष्य की पीढ़ियों के प्रति नैतिक जिम्मेदारियों का विश्लेषण करते हैं, न कि केवल भावनात्मक प्रतिक्रियाओं पर निर्भर होते हैं।
इस प्रकार, नैतिक अंतर्ज्ञान तात्कालिक और भावनात्मक निर्णय प्रदान करता है, जबकि नैतिक तर्कशक्ति गहरे विचार और विश्लेषण पर आधारित होता है।
See lessभारत में कॉर्पोरेट शासन के संदर्भ में 'नैतिक ईमानदारी' और 'पेशेवर दक्षता' से आप क्या समझते हैं ? उपयुक्त उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
नैतिक ईमानदारी और पेशेवर दक्षता: नैतिक ईमानदारी: नैतिक ईमानदारी से तात्पर्य है व्यापारिक प्रथाओं में ईमानदारी और नैतिक सिद्धांतों का पालन। भारत में, सत्याम कंप्यूटर के 2009 के घोटाले ने नैतिक ईमानदारी की कमी को उजागर किया। कंपनी के प्रबंधन ने वित्तीय विवरणों में हेरफेर किया, जिससे बड़े पैमाने पर धोखRead more
नैतिक ईमानदारी और पेशेवर दक्षता:
नैतिक ईमानदारी: नैतिक ईमानदारी से तात्पर्य है व्यापारिक प्रथाओं में ईमानदारी और नैतिक सिद्धांतों का पालन। भारत में, सत्याम कंप्यूटर के 2009 के घोटाले ने नैतिक ईमानदारी की कमी को उजागर किया। कंपनी के प्रबंधन ने वित्तीय विवरणों में हेरफेर किया, जिससे बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई। इस मामले ने साबित किया कि नैतिक सिद्धांतों का पालन करना कितना आवश्यक है और मजबूत कॉर्पोरेट शासन तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित किया।
पेशेवर दक्षता: पेशेवर दक्षता का मतलब है कि कंपनी अपने कार्यों को कुशलतापूर्वक और जिम्मेदारी से संचालित करे। इन्फोसिस इसका एक अच्छा उदाहरण है, जिसने अपने मजबूत कॉर्पोरेट शासन ढांचे के लिए सराहना प्राप्त की है। कंपनी नियमित ऑडिट, पारदर्शी वित्तीय विवरण और नैतिक मानकों के पालन के लिए प्रसिद्ध है, जो उसके संचालन की दक्षता और विश्वसनीयता को दर्शाता है।
नैतिक ईमानदारी और पेशेवर दक्षता दोनों ही भारत में कॉर्पोरेट विश्वसनीयता और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
See lessसरकार द्वारा विज्ञापनों पर सार्वजनिक धन व्यय करने से जुड़े नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिए? इन मुद्दों के समाधान के लिए आप क्या उपाय सुझाएंगे? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
सरकार द्वारा विज्ञापनों पर सार्वजनिक धन व्यय करने से जुड़े नैतिक मुद्दों में पारदर्शिता की कमी, संसाधनों का दुरुपयोग, और राजनीतिक लाभ के लिए विज्ञापन का उपयोग शामिल हैं। सरकारी विज्ञापन अक्सर जनता को सरकारी योजनाओं और नीतियों की जानकारी देने के उद्देश्य से होते हैं, लेकिन कभी-कभी इनका उपयोग राजनीतिकRead more
सरकार द्वारा विज्ञापनों पर सार्वजनिक धन व्यय करने से जुड़े नैतिक मुद्दों में पारदर्शिता की कमी, संसाधनों का दुरुपयोग, और राजनीतिक लाभ के लिए विज्ञापन का उपयोग शामिल हैं। सरकारी विज्ञापन अक्सर जनता को सरकारी योजनाओं और नीतियों की जानकारी देने के उद्देश्य से होते हैं, लेकिन कभी-कभी इनका उपयोग राजनीतिक प्रचार के लिए किया जाता है, जो संसाधनों का अनुचित प्रयोग होता है।
इन मुद्दों के समाधान के लिए, सरकार को विज्ञापन खर्चों में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए और इसे सार्वजनिक डोमेन में प्रस्तुत करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, एक स्वतंत्र निगरानी निकाय की स्थापना की जा सकती है जो विज्ञापन के बजट और सामग्री की समीक्षा करे। विज्ञापन के उद्देश्य और कंटेंट की स्पष्टता और उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए नियम और दिशा-निर्देशों को लागू किया जाना चाहिए। इससे सरकारी विज्ञापनों की प्रभावशीलता बढ़ेगी और संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित होगा।
See lessकानून बुनियादी मूल्य संघर्षों का समाधान करके, व्यक्तिगत विवादों का निपटारा करके और ऐसे नियम, जिनका हमारे शासकों द्वारा भी पालन करना अनिवार्य है, बनाकर सामाजिक नियंत्रण को बढ़ावा देते हैं। लेकिन, कानून हमेशा अपने उद्देश्य को प्राप्त नहीं करता है बल्कि यह समाज को हानि भी पहुंचा सकता है। इस पृष्ठभूमि में, कानून की सीमाओं और शिथिलताओं पर सोदाहरण चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
कानून समाज में अनुशासन और न्याय स्थापित करने का प्रयास करता है, लेकिन इसकी सीमाएं और शिथिलताएँ भी होती हैं। उदाहरण के लिए, कानूनी प्रक्रिया में जटिलता और देर से न्याय की प्रक्रिया से गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को नुकसान पहुँचता है। इसके अलावा, कानून में अस्पष्टता और बेतुके नियम समाज के वास्तविक समसRead more
कानून समाज में अनुशासन और न्याय स्थापित करने का प्रयास करता है, लेकिन इसकी सीमाएं और शिथिलताएँ भी होती हैं। उदाहरण के लिए, कानूनी प्रक्रिया में जटिलता और देर से न्याय की प्रक्रिया से गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को नुकसान पहुँचता है। इसके अलावा, कानून में अस्पष्टता और बेतुके नियम समाज के वास्तविक समस्याओं को सही ढंग से संबोधित नहीं कर पाते।
एक उदाहरण के रूप में, न्यायिक प्रणाली की धीमी गति से मामलों का लंबा खिंचाव, जैसे कि अदालतों में लंबित मामले, न्याय की देरी का कारण बनता है। इसी तरह, एक अद्यतन न होने वाले कानून जैसे कि पुराने भूमि कानून, आधुनिक सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों के साथ मेल नहीं खाते, जिससे गलतफहमी और असमानता उत्पन्न होती है। इन सीमाओं और शिथिलताओं से निपटने के लिए, कानूनी सुधार और प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता है।
See lessतिरुक्कुरल व्यावसायिक नैतिकता के लिए शाश्वत मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों पर आधारित एक सचेत और भाव-केंद्रित दृष्टिकोण की वकालत करता है, जिसके द्वारा व्यावसायिक नेतृत्व कर्ताओं के आचरण को नियंत्रित किया जाना चाहिए। वर्तमान समय में व्यवसायों द्वारा सामना किए जाने वाले नैतिक मुद्दे क्या हैं? तिरुक्कुरल की शिक्षाएं उनके समाधान में कैसे सहायता करेंगी? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
वर्तमान में व्यवसायों द्वारा सामना किए जा रहे नैतिक मुद्दों में भ्रष्टाचार, पारदर्शिता की कमी, पर्यावरणीय संकट, और कर्मचारी शोषण शामिल हैं। तिरुक्कुरल की शिक्षाएं इन समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। तिरुक्कुरल व्यावसायिक नैतिकता को सत्य, ईमानदारी, और दयालुता पर आधारित मानता हैRead more
वर्तमान में व्यवसायों द्वारा सामना किए जा रहे नैतिक मुद्दों में भ्रष्टाचार, पारदर्शिता की कमी, पर्यावरणीय संकट, और कर्मचारी शोषण शामिल हैं। तिरुक्कुरल की शिक्षाएं इन समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। तिरुक्कुरल व्यावसायिक नैतिकता को सत्य, ईमानदारी, और दयालुता पर आधारित मानता है, जो व्यवसायिक नेताओं को भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से बचने के लिए प्रेरित करता है। इसके साथ ही, तिरुक्कुरल की शिक्षा यह भी बताती है कि समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का निर्वहन करना आवश्यक है। यह दृष्टिकोण व्यवसायों को पारदर्शिता और सस्टेनेबिलिटी की ओर अग्रसर कर सकता है, जिससे नैतिक मुद्दों का समाधान किया जा सकता है और एक सकारात्मक व्यापारिक माहौल का निर्माण किया जा सकता है।
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