उपयुक्त उदाहरणों द्वारा निगमित शासन में नैतिक मुद्धों का व्याख्या कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा **1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment): सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा रखी गई जानकारी तक पहुँच का अधिकार देता है, जिससे वे सरकारी कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कृषि कर्ज माफी योजना की जाRead more
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा
**1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment):
- सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा रखी गई जानकारी तक पहुँच का अधिकार देता है, जिससे वे सरकारी कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कृषि कर्ज माफी योजना की जानकारी RTI के माध्यम से प्राप्त की गई, जिससे योजना की वास्तविक स्थिति और लाभार्थियों की पहचान में पारदर्शिता बढ़ी।
**2. जवाबदेही की पुनर्परिभाषा (Redefinition of Accountability):
- RTI अधिनियम सार्वजनिक अधिकारियों और संस्थाओं को उनके निर्णयों और कार्यों के लिए स्पष्ट जवाबदेही की आवश्यकता प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी जनता के प्रति उत्तरदायी हों। उदाहरण के लिए, दिल्ली के मास्टर प्लान में परिवर्तन के बारे में RTI के माध्यम से प्राप्त जानकारी ने अधिकारियों को उनके निर्णयों के लिए जवाबदेह बनाया।
**3. पारदर्शिता में वृद्धि (Increased Transparency):
- अधिनियम सरकारी संस्थाओं को स्वप्रेरित सूचना सार्वजनिक करने की अनिवार्यता प्रदान करता है, जिससे सूचना की छिपाने की प्रवृत्ति कम होती है। COVID-19 के टीकाकरण वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए RTI का उपयोग किया गया, जिससे सार्वजनिक विश्वास और निगरानी में सुधार हुआ।
**4. शक्ति संतुलन (Checks and Balances):
- RTI शक्ति के दुरुपयोग पर नियंत्रण प्रदान करता है, जिससे नागरिक अधिकारियों के निर्णयों को चुनौती दे सकते हैं। COVID-19 प्रबंधन से संबंधित FIRs पर RTI के माध्यम से जांच की गई, जिससे अधिकारियों की जिम्मेदारी को बल मिला।
**5. जन भागीदारी (Public Participation):
- RTI नागरिकों को सरकारी निर्णय प्रक्रियाओं में शामिल करता है, जिससे लोकतांत्रिक प्रथाओं को मजबूत किया जाता है और सरकारी नीतियाँ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप बनती हैं।
संक्षेप में, सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों को सशक्त बनाने के साथ-साथ जवाबदेही की अवधारणा को पुनर्परिभाषित करता है, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।
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निगमित शासन में नैतिक मुद्दों का व्याख्या **1. स्वार्थ का टकराव (Conflict of Interest): परिभाषा: जब अधिकारियों या बोर्ड सदस्यों के व्यक्तिगत हित कंपनी के हितों से टकराते हैं। उदाहरण: Wells Fargo (2016) के फर्जी खातों का मामला, जिसमें कर्मचारियों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए अवैध खातों का निर्माण किया, जोRead more
निगमित शासन में नैतिक मुद्दों का व्याख्या
**1. स्वार्थ का टकराव (Conflict of Interest):
**2. पारदर्शिता और खुलासा (Transparency and Disclosure):
**3. कार्यकारी मुआवजा (Executive Compensation):
**4. कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR):
**5. सूचना देने वाले (Whistleblower) की सुरक्षा (Whistleblower Protection):
सारांश में, निगमित शासन में नैतिक मुद्दे स्वार्थ का टकराव, पारदर्शिता की कमी, कार्यकारी मुआवजा, CSR की अनदेखी, और सूचना देने वालों के खिलाफ प्रतिशोध शामिल हैं। इन मुद्दों को संबोधित करना कॉर्पोरेट प्रथाओं में विश्वास और ईमानदारी बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
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