“प्रभावी प्रशासन के लिये लोक सेवा के प्रति समर्पण आवश्यक होता है।” व्याख्या कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
कार्यवाहियों की नैतिकता: दृष्टिकोण पर विश्लेषण साधन सर्वोपरि हैं दृष्टिकोण: इस दृष्टिकोण के अनुसार, कार्यवाहियों के लिए प्रयुक्त साधन या तरीके अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। नैतिकता का मूल्यांकन साधनों की नैतिकता पर आधारित होता है, न कि केवल अंतिम परिणाम पर। तर्क: यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि कारRead more
कार्यवाहियों की नैतिकता: दृष्टिकोण पर विश्लेषण
साधन सर्वोपरि हैं
दृष्टिकोण: इस दृष्टिकोण के अनुसार, कार्यवाहियों के लिए प्रयुक्त साधन या तरीके अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। नैतिकता का मूल्यांकन साधनों की नैतिकता पर आधारित होता है, न कि केवल अंतिम परिणाम पर।
तर्क: यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि कार्यवाही के दौरान नैतिक मानक बनाए रखें जाएं, जिससे दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव और विश्वास बने रहते हैं। उदाहरण: महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा के तरीकों से स्वतंत्रता संग्राम लड़ा, जो केवल परिणाम की ओर नहीं, बल्कि साधनों की नैतिकता की ओर भी ध्यान केंद्रित करता था।
परिणाम साधनों को उचित सिद्ध करते हैं
दृष्टिकोण: इस दृष्टिकोण के अनुसार, यदि परिणाम सकारात्मक हैं, तो साधन भले ही अनैतिक क्यों न हों, उन्हें उचित ठहराया जा सकता है।
तर्क: यह दृष्टिकोण कभी-कभी अनुचित साधनों को वैधता प्रदान कर सकता है, जैसे कि एनरॉन स्कैंडल में, जहां अनैतिक तरीके अपनाए गए, लेकिन अंततः इसका परिणाम विनाशकारी रहा।
निष्कर्ष: साधन सर्वोपरि हैं का दृष्टिकोण अधिक उपयुक्त है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि नैतिकता केवल परिणाम पर निर्भर न होकर, कार्यविधियों के नैतिक आधार पर भी आधारित हो। यह दृष्टिकोण दीर्घकालिक नैतिकता और संगठनात्मक विश्वास को बढ़ावा देता है।
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प्रभावी प्रशासन और लोक सेवा के प्रति समर्पण 1. सेवा की प्रतिबद्धता: प्रभावी प्रशासन के लिए लोक सेवा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता आवश्यक है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली की COVID-19 प्रतिक्रिया में अधिकारियों की प्रतिबद्धता ने टीकों और संसाधनों के वितरण में दक्षता सुनिश्चित की, जिससे सार्वजनिक विश्वास और कलRead more
प्रभावी प्रशासन और लोक सेवा के प्रति समर्पण
1. सेवा की प्रतिबद्धता: प्रभावी प्रशासन के लिए लोक सेवा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता आवश्यक है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली की COVID-19 प्रतिक्रिया में अधिकारियों की प्रतिबद्धता ने टीकों और संसाधनों के वितरण में दक्षता सुनिश्चित की, जिससे सार्वजनिक विश्वास और कल्याण बढ़ा।
2. उत्तरदायित्व और पारदर्शिता: लोक सेवा के प्रति समर्पण में उच्च मानकों का पालन और पारदर्शिता शामिल है। प्रधानमंत्री जन धन योजना एक उदाहरण है, जहाँ प्रशासनिक समर्पण ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया और गरीबों के लिए बैंकों की सेवाओं को सुगम बनाया।
3. सक्रिय समस्या समाधान: प्रशासनिक अधिकारियों को सार्वजनिक मुद्दों का सक्रिय समाधान करना चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन ने स्वच्छता और sanitation में समर्पण के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता में सुधार किया।
4. नैतिक नेतृत्व: समर्पण में नैतिक आचरण और उदाहरण पेश करना शामिल है। उत्तर प्रदेश के भ्रष्टाचार विरोधी पहल ने दिखाया कि लोक सेवा के प्रति समर्पण भ्रष्टाचार को कम करने और शासन को बेहतर बनाने में सहायक होता है।
इस प्रकार, लोक सेवा के प्रति समर्पण प्रभावी प्रशासन के लिए आवश्यक है, जो बेहतर शासन और सार्वजनिक कल्याण को सुनिश्चित करता है।
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