Home/नीतिशास्त्र/लोक प्रशासन में नैतिकता/Page 4
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
"प्रशासन एक नैतिक कार्य है और प्रशासक एक नैतिक अधिकर्ता है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
प्रशासन एक नैतिक कार्य है और प्रशासक एक नैतिक अधिकर्ता है प्रशासन एक नैतिक कार्य: प्रशासन का कार्य समाज पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालता है, इसलिए यह नैतिक होता है। यह सुनिश्चित करता है कि नीतियाँ और निर्णय न्यायपूर्ण और समाज के हित में हों। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबोंRead more
प्रशासन एक नैतिक कार्य है और प्रशासक एक नैतिक अधिकर्ता है
प्रशासन एक नैतिक कार्य: प्रशासन का कार्य समाज पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालता है, इसलिए यह नैतिक होता है। यह सुनिश्चित करता है कि नीतियाँ और निर्णय न्यायपूर्ण और समाज के हित में हों। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करना, एक नैतिक कार्य है जो समाज के कमजोर वर्ग की सहायता करता है।
प्रशासक एक नैतिक अधिकर्ता: प्रशासक नैतिक अधिकर्ता होते हैं जब वे अपने निर्णय और कार्यों में नैतिक सिद्धांतों को अपनाते हैं। आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में नैतिक नेतृत्व प्रदर्शित किया है, जो प्रशासन की नैतिकता को दर्शाता है।
निष्कर्ष: प्रशासन की नैतिकता सुनिश्चित करती है कि सार्वजनिक नीतियाँ और कार्य समाज के लिए न्यायपूर्ण और हितकारी हों, और प्रशासक की नैतिकता इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
See lessनिष्पक्षता को परिभाषित कीजिए और कमज़ोर वर्ग की समस्याओं के समाधान में निष्पक्षता की भूमिका की विवेचना कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2022]
निष्पक्षता की परिभाषा और कमज़ोर वर्ग की समस्याओं में इसकी भूमिका निष्पक्षता की परिभाषा: निष्पक्षता का तात्पर्य है पक्षपाती होने से बचना और सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार करना। यह न्याय और समानता के सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए आवश्यक है। कमज़ोर वर्ग की समस्याओं में निष्पक्षता की भूमिका: संसाधRead more
निष्पक्षता की परिभाषा और कमज़ोर वर्ग की समस्याओं में इसकी भूमिका
निष्पक्षता की परिभाषा: निष्पक्षता का तात्पर्य है पक्षपाती होने से बचना और सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार करना। यह न्याय और समानता के सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए आवश्यक है।
कमज़ोर वर्ग की समस्याओं में निष्पक्षता की भूमिका:
निष्कर्ष: निष्पक्षता प्रभावी शासन और कमजोर वर्ग की समस्याओं के समाधान में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सभी के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करती है।
See lessउपयुक्त उदाहरणों द्वारा निगमित शासन में नैतिक मुद्धों का व्याख्या कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
निगमित शासन में नैतिक मुद्दों का व्याख्या **1. स्वार्थ का टकराव (Conflict of Interest): परिभाषा: जब अधिकारियों या बोर्ड सदस्यों के व्यक्तिगत हित कंपनी के हितों से टकराते हैं। उदाहरण: Wells Fargo (2016) के फर्जी खातों का मामला, जिसमें कर्मचारियों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए अवैध खातों का निर्माण किया, जोRead more
निगमित शासन में नैतिक मुद्दों का व्याख्या
**1. स्वार्थ का टकराव (Conflict of Interest):
**2. पारदर्शिता और खुलासा (Transparency and Disclosure):
**3. कार्यकारी मुआवजा (Executive Compensation):
**4. कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR):
**5. सूचना देने वाले (Whistleblower) की सुरक्षा (Whistleblower Protection):
सारांश में, निगमित शासन में नैतिक मुद्दे स्वार्थ का टकराव, पारदर्शिता की कमी, कार्यकारी मुआवजा, CSR की अनदेखी, और सूचना देने वालों के खिलाफ प्रतिशोध शामिल हैं। इन मुद्दों को संबोधित करना कॉर्पोरेट प्रथाओं में विश्वास और ईमानदारी बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
See less"सूचना का अधिकार अधिनियम केवल नागरिकों के सशक्तिकरण के बारे में नहीं है, अपितु यह आवश्यक रूप से जवाबदेही की संकल्पना को पुनर्परिभाषित करता है।" विवेचना कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा **1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment): सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा रखी गई जानकारी तक पहुँच का अधिकार देता है, जिससे वे सरकारी कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कृषि कर्ज माफी योजना की जाRead more
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा
**1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment):
**2. जवाबदेही की पुनर्परिभाषा (Redefinition of Accountability):
**3. पारदर्शिता में वृद्धि (Increased Transparency):
**4. शक्ति संतुलन (Checks and Balances):
**5. जन भागीदारी (Public Participation):
संक्षेप में, सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों को सशक्त बनाने के साथ-साथ जवाबदेही की अवधारणा को पुनर्परिभाषित करता है, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।
See lessकरुणा की आधारभूत आवश्यकताएँ क्या हैं? लोक सेवा में कमज़ोर वर्ग के प्रति करुणा की क्या आवश्यकता है ? (200 Words) [UPPSC 2022]
करुणा की आधारभूत आवश्यकताएँ 1. सहानुभूति (Empathy): करुणा की पहली आवश्यकता दूसरों की भावनाओं और परिस्थितियों को समझने की है। सहानुभूति के बिना करुणा असंभव है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 महामारी के दौरान, स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीजों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए उनकी देखभाल की। 2. सक्रिय सुनना (Active LRead more
करुणा की आधारभूत आवश्यकताएँ
1. सहानुभूति (Empathy):
2. सक्रिय सुनना (Active Listening):
3. सहायक कार्य (Supportive Actions):
लोक सेवा में कमज़ोर वर्ग के प्रति करुणा की आवश्यकता
1. समावेशी सेवा वितरण (Equitable Service Delivery):
2. विश्वास निर्माण (Building Trust):
3. असमानता घटाना (Reducing Inequality):
4. नीति प्रभावी कार्यान्वयन (Effective Policy Implementation):
शक्ति, शांति एवं सुरक्षा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के आधार माने जाते हैं। स्पष्ट कीजिए । (150 words) [UPSC 2017]
शक्ति, शांति और सुरक्षा: अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का आधार 1. शक्ति (Power): अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में शक्ति सबसे महत्वपूर्ण कारक है। शक्ति को आमतौर पर आर्थिक, सैन्य, और राजनीतिक रूप में मापा जाता है। अमेरिका और चीन की प्रतिद्वंद्विता इस बात का उदाहरण है कि कैसे शक्ति का संतुलन वैश्विक राजनीति को प्रभRead more
शक्ति, शांति और सुरक्षा: अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का आधार
1. शक्ति (Power):
2. शांति (Peace):
3. सुरक्षा (Security):
इन तीन तत्वों—शक्ति, शांति, और सुरक्षा—के संतुलन से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की नींव मजबूत होती है और वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित की जाती है।
See lessसमझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की एक परख है। इस संदर्भ में वास्तविक जीवन से उदाहरण देते हुए व्याख्या कीजिए । (150 words) [UPSC 2017]
समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना और सत्यनिष्ठा सत्यनिष्ठा का वास्तविक अर्थ है नैतिकता और ईमानदारी से काम करना, भले ही उसके लिए व्यक्तिगत या पेशेवर नुकसान उठाना पड़े। समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की परख के रूप में देखा जाता है, जहां व्यक्ति अपनी मूल मान्यताओं और नैतिक सिद्धांतों पर अRead more
समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना और सत्यनिष्ठा
सत्यनिष्ठा का वास्तविक अर्थ है नैतिकता और ईमानदारी से काम करना, भले ही उसके लिए व्यक्तिगत या पेशेवर नुकसान उठाना पड़े। समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की परख के रूप में देखा जाता है, जहां व्यक्ति अपनी मूल मान्यताओं और नैतिक सिद्धांतों पर अडिग रहता है।
हालिया उदाहरण:
आर्थिक घोटाले में शामिल न होने के लिए कई अधिकारियों ने अपनी जॉब्स छोड़ीं। आईएएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़ी और नकारात्मक परिणामों के बावजूद अपनी सच्चाई को कायम रखा। उनका उदाहरण दर्शाता है कि उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के बावजूद नैतिकता और ईमानदारी को प्राथमिकता दी।
शानदार निष्पक्षता के लिए यह भी उल्लेखनीय है कि अमेरिका की जानीमानी पत्रकार जूलियन असांजे ने अपने सिद्धांतों की रक्षा के लिए कठोर दंड को स्वीकार किया, जबकि अन्य ने समझौते के लिए दबाव डाला था।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए समझौते से पूरी तरह इनकार करना एक महत्वपूर्ण गुण है, जो नैतिकता और ईमानदारी को सबसे ऊपर रखता है।
See lessनैतिक आचरण वाले तरुण लोग सक्रिय राजनीति में शामिल होने के लिए उत्सुक नहीं होते हैं। उनको सक्रिय राजनीति में अभिप्रेरित करने के लिए उपाय सुझाइए । (150 words) [UPSC 2017]
तरुणों को सक्रिय राजनीति में अभिप्रेरित करने के उपाय 1. नैतिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करना: उपाय: नैतिक नेतृत्व के उदाहरण प्रस्तुत करें और ऐसे नेताओं को मान्यता दें जो ईमानदारी और पारदर्शिता का परिचायक हों। उदाहरण: "यंग लीडर्स फोरम" जैसे कार्यक्रम, जिनमें नैतिक नेताओं की कहानियाँ साझा की जाती हैं। 2.Read more
तरुणों को सक्रिय राजनीति में अभिप्रेरित करने के उपाय
1. नैतिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करना:
2. राजनीतिक शिक्षा का सुधार:
3. पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना:
4. मेंटरशिप प्रोग्राम्स:
5. सामुदायिक सेवा में भागीदारी:
निष्कर्ष: नैतिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करना, राजनीतिक शिक्षा को सुधारना, पारदर्शिता को बढ़ावा देना, मेंटरशिप प्रदान करना, और सामुदायिक सेवा को प्रोत्साहित करना, युवाओं को सक्रिय राजनीति में भाग लेने के लिए प्रेरित करने में सहायक हो सकता है।
See lessसार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष तब उत्पन्न होता है, जब निम्नलिखित की एक-दूसरे के ऊपर प्राथमिकता रखते हैं : (a) पदीय कर्तव्य (b) सार्वजनिक हित (c) व्यक्तिगत हित प्रशासन में इस संघर्ष को कैसे सुलझाया जा सकता है ? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए। (150 words) [UPSC 2017]
सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष का समाधान हित-संघर्ष: सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष तब उत्पन्न होता है जब व्यक्तिगत हित, पदीय कर्तव्य और सार्वजनिक हित के बीच टकराव होता है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों की निष्पक्षता और सार्वजनिक विश्वास प्रभावित हो सकता है। समाधान के उपाय: पारदर्शिता और खुलासा: उदाहRead more
सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष का समाधान
हित-संघर्ष: सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष तब उत्पन्न होता है जब व्यक्तिगत हित, पदीय कर्तव्य और सार्वजनिक हित के बीच टकराव होता है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों की निष्पक्षता और सार्वजनिक विश्वास प्रभावित हो सकता है।
समाधान के उपाय:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष: हित-संघर्ष को सुलझाने के लिए पारदर्शिता, नैतिकता का पालन, और उचित प्रक्रिया का पालन आवश्यक है, जिससे पदीय कर्तव्यों और सार्वजनिक हित की प्राथमिकता सुनिश्चित की जा सके।
See lessक्रोध एक हानिकारक नकारात्मक संवेग है, यह व्यक्तिगत जीवन एवं कार्य जीवन दोनों के लिये हानिकारक है। इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है? व्याख्या कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
क्रोध नियंत्रण के उपाय: व्यक्तिगत और कार्य जीवन में प्रभाव 1. क्रोध का प्रभाव: क्रोध एक हानिकारक नकारात्मक संवेग है जो व्यक्तिगत जीवन और कार्य जीवन दोनों में नुकसान पहुंचा सकता है। यह रिश्तों को बिगाड़ सकता है, निर्णय क्षमता को प्रभावित कर सकता है, और प्रोफेशनल प्रदर्शन को भी नुकसान पहुंचा सकता है।Read more
क्रोध नियंत्रण के उपाय: व्यक्तिगत और कार्य जीवन में प्रभाव
1. क्रोध का प्रभाव: क्रोध एक हानिकारक नकारात्मक संवेग है जो व्यक्तिगत जीवन और कार्य जीवन दोनों में नुकसान पहुंचा सकता है। यह रिश्तों को बिगाड़ सकता है, निर्णय क्षमता को प्रभावित कर सकता है, और प्रोफेशनल प्रदर्शन को भी नुकसान पहुंचा सकता है। उदाहरण के लिए, प्रेस और मीडिया में विवाद और विवादित टिप्पणियाँ, जो क्रोध के कारण होती हैं, अक्सर व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा को प्रभावित करती हैं।
2. क्रोध नियंत्रित करने के उपाय:
3. निष्कर्ष: क्रोध को नियंत्रित करने के लिए स्व-चेतना, तनाव प्रबंधन, सकारात्मक संवाद, और पेशेवर मदद महत्वपूर्ण उपाय हैं। इन विधियों को अपनाकर, व्यक्तिगत और कार्य जीवन में सकारात्मकता और संतुलन बनाए रखा जा सकता है, जिससे कि संबंधों और प्रोफेशनल प्रदर्शन में सुधार हो सके।
See less