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सरकारी एवं निजी संस्थाओं में नैतिक सरोकरों को परिभाषित कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
सरकारी एवं निजी संस्थाओं में नैतिक सरोकरों की परिभाषा परिचय: सरकारी और निजी संस्थाओं में नैतिक सरोकरें वे मुद्दे हैं जो निष्पक्षता, पारदर्शिता, और ईमानदारी से संबंधित हैं और इनका प्रभाव संस्थाओं की विश्वसनीयता और कार्यक्षमता पर पड़ता है। **1. सरकारी संस्थाएँ: भ्रष्टाचार: रिश्वत और संगठित पक्षपात जनतRead more
सरकारी एवं निजी संस्थाओं में नैतिक सरोकरों की परिभाषा
परिचय: सरकारी और निजी संस्थाओं में नैतिक सरोकरें वे मुद्दे हैं जो निष्पक्षता, पारदर्शिता, और ईमानदारी से संबंधित हैं और इनका प्रभाव संस्थाओं की विश्वसनीयता और कार्यक्षमता पर पड़ता है।
**1. सरकारी संस्थाएँ:
**2. निजी संस्थाएँ:
निष्कर्ष: सरकारी और निजी दोनों संस्थाओं में नैतिक सरोकरें पारदर्शिता, जवाबदेही, और ईमानदारी से संबंधित हैं, जो विश्वास और प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।
See lessसामान्यतः साझा किए गए तथा व्यापक रूप से मोर्चाबंद नैतिक मूल्यों और दायित्वों के बिना न तो क़ानून, न तो लोकतंत्रीय सरकार, न ही बाज़ार अर्थव्यवस्था ठीक से कार्य कर पाएँगे । इस कथन से आप क्या समझते हैं ? समकालीन समय के उदाहरण द्वारा समझाइए । (150 words) [UPSC 2017]
साझा नैतिक मूल्यों की आवश्यकता और प्रभाव कथन यह बताता है कि साझा किए गए और वाइडली एंटरैंच्ड नैतिक मूल्यों के बिना, क़ानून, लोकतंत्रीय सरकार, और बाज़ार अर्थव्यवस्था ठीक से कार्य नहीं कर सकतीं। इन मानकों का अभाव इन प्रणालियों की प्रभावशीलता को प्रभावित करता है। क़ानून: क़ानूनी प्रणाली सार्वजनिक विश्वाRead more
साझा नैतिक मूल्यों की आवश्यकता और प्रभाव
कथन यह बताता है कि साझा किए गए और वाइडली एंटरैंच्ड नैतिक मूल्यों के बिना, क़ानून, लोकतंत्रीय सरकार, और बाज़ार अर्थव्यवस्था ठीक से कार्य नहीं कर सकतीं। इन मानकों का अभाव इन प्रणालियों की प्रभावशीलता को प्रभावित करता है।
क़ानून: क़ानूनी प्रणाली सार्वजनिक विश्वास और नैतिक अनुपालन पर निर्भर करती है। हाल ही में सत्याम कंप्यूटर घोटाले ने दिखाया कि नैतिक मूल्यों की कमी से क़ानूनी ढांचे की प्रभावशीलता प्रभावित होती है और सार्वजनिक विश्वास में कमी आती है।
लोकतंत्र: लोकतंत्र सार्वजनिक भागीदारी और लोकतांत्रिक मानदंडों का सम्मान चाहता है। अमेरिका में कैपिटल हिल दंगे ने दर्शाया कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों की कमी से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
बाज़ार अर्थव्यवस्था: बाज़ार अर्थव्यवस्था विश्वास और ईमानदारी पर निर्भर करती है। फॉल्क्सवैगन उत्सर्जन घोटाला ने यह स्पष्ट किया कि नैतिकता की कमी से उपभोक्ता विश्वास और वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।
इस प्रकार, साझा नैतिक मूल्य क़ानून, लोकतंत्र, और बाज़ार अर्थव्यवस्था की सही और प्रभावी कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक हैं।
See lessकॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कम्पनियों को अधिक लाभदायक तथा चिरस्थायी बनाता है । विश्लेषण कीजिए । (150 words) [UPSC 2017]
कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) और कंपनी की लाभप्रदता कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) न केवल समाज की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कंपनियों को अधिक लाभदायक और स्थायी भी बना सकता है। CSR गतिविधियाँ कंपनियों की ब्रांड छवि को बेहतर करती हैं और ग्राहकों और शेयरधारकों के बीच विश्वास बढ़ाती हैं। हालRead more
कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) और कंपनी की लाभप्रदता
कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) न केवल समाज की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कंपनियों को अधिक लाभदायक और स्थायी भी बना सकता है। CSR गतिविधियाँ कंपनियों की ब्रांड छवि को बेहतर करती हैं और ग्राहकों और शेयरधारकों के बीच विश्वास बढ़ाती हैं।
हालिया उदाहरण:
टाटा ग्रुप ने CSR गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण संरक्षण में योगदान किया है। इसकी वजह से कंपनी की ब्रांड वेल्यू और ग्राहक वफादारी बढ़ी है, जो अंततः वित्तीय लाभ को बढ़ावा देती है।
इन्फोसिस ने भी CSR पहल के तहत कौशल विकास और समाज सेवा पर ध्यान केंद्रित किया। इसने कंपनी को प्रतिष्ठा और सामाजिक स्वीकृति प्रदान की, जो दीर्घकालिक लाभप्रदता में सहायक है।
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि CSR गतिविधियाँ न केवल सामाजिक लाभ प्रदान करती हैं, बल्कि कंपनी की लंबी अवधि की सफलता और वित्तीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करती हैं।
See lessयद्यपि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में हमारी दुनिया को मौलिक रूप से बदलने और उसे अस्त-व्यस्त करने की क्षमता है, तथापि सही नैतिक विकल्प Al को मानवता के लिए अच्छाई का एक प्रेरक बना सकते हैं। उदाहरण सहित चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की क्षमता वास्तव में दुनिया को मौलिक रूप से बदलने की है, लेकिन सही नैतिक विकल्पों के साथ इसे मानवता के लाभ में भी परिवर्तित किया जा सकता है। AI की नैतिक रूप से जिम्मेदार उपयोग से कई सकारात्मक परिणाम संभव हैं। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य क्षेत्र में AI का उपयोग रोगों की सटीक पहचRead more
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की क्षमता वास्तव में दुनिया को मौलिक रूप से बदलने की है, लेकिन सही नैतिक विकल्पों के साथ इसे मानवता के लाभ में भी परिवर्तित किया जा सकता है। AI की नैतिक रूप से जिम्मेदार उपयोग से कई सकारात्मक परिणाम संभव हैं।
उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य क्षेत्र में AI का उपयोग रोगों की सटीक पहचान और व्यक्तिगत चिकित्सा योजनाओं के विकास में किया जा सकता है। AI-आधारित प्रणाली जैसे कि IBM का Watson for Health, चिकित्सा शोध और निदान में तेजी लाकर और उच्चतम स्तर की सटीकता सुनिश्चित कर सकती है।
सही नैतिक दिशा में AI के उपयोग से सामाजिक समस्याओं का समाधान जैसे कि जलवायु परिवर्तन और गरीबी में सुधार भी संभव है। उदाहरण के लिए, AI-driven मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन प्रणालियाँ प्राकृतिक आपदाओं की सटीक भविष्यवाणी कर सकती हैं, जिससे बेहतर आपातकालीन प्रतिक्रिया और प्रभावी राहत कार्य संभव हो सकते हैं।
सही नैतिक दृष्टिकोण अपनाने से AI मानवता के लिए अच्छाई का प्रेरक बन सकता है, बशर्ते इसकी जिम्मेदार और पारदर्शी प्रबंधन की दिशा में प्रयास किए जाएँ।
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