प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2023] मध्य प्रदेश राज्य सरकार की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना तथा स्टार्टअप नीति जैसी पहलों के माध्यम से एम० एस० एम० ई० (MSME) विकास का समर्थन ...
मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड और वेयरहाउसिंग कारपोरेशन का कृषि में योगदान 1. मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड (MPAMB) की पहल और कार्य पहल और कार्य: मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड (MPAMB) कृषि विपणन की निगरानी और विनियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके प्रमुख पहल और कार्य निम्नलिखित हैं: कृषि मंडियोंRead more
मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड और वेयरहाउसिंग कारपोरेशन का कृषि में योगदान
1. मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड (MPAMB) की पहल और कार्य
पहल और कार्य:
मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड (MPAMB) कृषि विपणन की निगरानी और विनियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके प्रमुख पहल और कार्य निम्नलिखित हैं:
- कृषि मंडियों का विकास: MPAMB राज्य भर में विनियमित कृषि मंडियों (मंडियों) के निर्माण और रखरखाव की सुविधा प्रदान करता है। इससे कृषि उत्पादों की बिक्री में पारदर्शिता और उचित मूल्य सुनिश्चित होता है।
- मंडी संरचना: बोर्ड मंडियों में भंडारण सुविधाओं, वजन करने वाले पुलों और नीलामी मंचों जैसे अवसंरचना में निवेश करता है, जिससे बिक्री प्रक्रिया की दक्षता बढ़ती है और पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसानों को कम किया जा सकता है।
- किसान समर्थन कार्यक्रम: MPAMB विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को समर्थन प्रदान करता है, जैसे अवसंरचना विकास के लिए सब्सिडी और मंडियों में बेहतर पहुंच के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम।
हालिया उदाहरण:
2023 में MPAMB ने “मंडी आधुनिकीकरण परियोजना” की शुरुआत की, जिसमें डिजिटल वजन स्केल और ई-नीलामी प्लेटफॉर्म की स्थापना शामिल है। इस परियोजना का उद्देश्य मंडी प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना है, जिससे किसानों और व्यापारियों को बेहतर मूल्य और समय पर लेन-देन की सुविधा मिले।
2. मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (MPWIC)
भंडारण क्षमता और सुविधाएँ:
मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (MPWIC) कृषि उत्पादों के लिए भंडारण समाधान और अवसंरचना प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके योगदान में शामिल हैं:
- भंडारण सुविधाएँ: MPWIC राज्य भर में गोदामों और कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स का नेटवर्क संचालित करता है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, MPWIC की भंडारण क्षमता 2 मिलियन मैट्रिक टन से अधिक है, जिससे पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान को कम किया जा सकता है और किसानों को उनके उत्पादों को उपयुक्त समय पर बेचने की सुविधा मिलती है।
- संवृद्धि और अवसंरचना: MPWIC गोदामों, कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं का विकास करता है। ये सुविधाएँ रणनीतिक रूप से स्थित हैं ताकि किसानों को आसानी से पहुंच मिल सके।
- गुणवत्ता नियंत्रण: कॉरपोरेशन सुनिश्चित करता है कि भंडारण सुविधाएँ गुणवत्ता मानकों को पूरा करें ताकि खराबी और गुणवत्ता में कमी को रोका जा सके।
हालिया उदाहरण:
2024 में MPWIC ने मालवा और निमाड़ क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का विस्तार किया। इस विस्तार में उच्च तकनीक के कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स की स्थापना शामिल है, जो ताजे फल और सब्जियों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने में मदद करेगी। इससे किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने के विकल्प मिलेंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी।
3. किसानों के लिए लाभ
मूल्य स्थिरीकरण और बाजार पहुंच:
- उचित मूल्य: विनियमित मंडी वातावरण और भंडारण सुविधाओं के माध्यम से MPAMB और MPWIC मूल्य स्थिरीकरण सुनिश्चित करते हैं। इससे बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सकता है और किसानों को उचित मूल्य प्राप्त होता है।
- पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान में कमी: MPWIC द्वारा संचालित भंडारण सुविधाएं खराबी और बर्बादी को रोकती हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है।
- बाजार पहुंच में सुधार: आधुनिकीकरण की गई मंडियाँ और बेहतर अवसंरचना किसानों को बाजारों तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचने में मदद करती हैं। इससे मूल्य खोज की प्रक्रिया में सुधार होता है और मध्यस्थों पर निर्भरता कम होती है।
- प्रशिक्षण और समर्थन: MPAMB के किसान समर्थन कार्यक्रमों के तहत किसानों को बाजार प्रथाओं पर प्रशिक्षण और अवसंरचना विकास के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे उनकी आय बढ़ती है और उनकी क्षमता में सुधार होता है।
हालिया उदाहरण:
“e-NAM” (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) की MPAMB की मंडियों के साथ एकीकरण ने मध्य प्रदेश के किसानों को ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्मों के माध्यम से व्यापक बाजार पहुंच प्रदान की है। इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिल रहा है और बाजार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित हो रही है।
संक्षेप में, मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड और मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन राज्य की कृषि में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उनकी पहल, भंडारण क्षमता, और किसान सहायता कार्यक्रम राज्य की कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और किसानों को बेहतर आर्थिक लाभ प्रदान करने में सहायक हैं।
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मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और स्टार्टअप नीति के माध्यम से एम.एस.एम.ई. (MSME) विकास में मध्य प्रदेश राज्य सरकार का समर्थन 1. मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana) योजना का उद्देश्य और पहल: मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (MUY) मध्य प्रदेश सरकार की एक प्रमुख पहल है, जRead more
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और स्टार्टअप नीति के माध्यम से एम.एस.एम.ई. (MSME) विकास में मध्य प्रदेश राज्य सरकार का समर्थन
1. मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana)
योजना का उद्देश्य और पहल:
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (MUY) मध्य प्रदेश सरकार की एक प्रमुख पहल है, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है। इसके मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
हालिया उदाहरण:
2023 में, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार ने 500 से अधिक MSMEs के लिए सब्सिडी मंजूर की, जो वस्त्र, कृषि प्रसंस्करण और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई थीं। इस योजना के तहत नई इकाइयों की स्थापना और मौजूदा इकाइयों के विस्तार के लिए 30% तक वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिससे उद्यमियों के लिए पूंजी आवश्यकताओं को कम किया गया।
2. मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति
योजना का उद्देश्य और पहल:
मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति का उद्देश्य राज्य में स्टार्टअप्स और नवोन्मेषी उद्यमों के लिए एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है। इसके प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं:
हालिया उदाहरण:
2024 में, मध्य प्रदेश सरकार ने “MP स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर” की शुरुआत की, जो भोपाल में स्थापित किया गया है। यह केंद्र को-वर्किंग स्पेस, मेंटॉरशिप प्रोग्राम और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने ₹100 करोड़ की स्टार्टअप फंड की घोषणा की, जो तकनीक और कृषि व्यवसाय में नवोन्मेषी परियोजनाओं को बीज पूंजी प्रदान करेगी। इस पहल ने 200 से अधिक स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान किया है, जिससे कई नई नौकरियों का सृजन हुआ है और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा मिला है।
3. प्रभाव और लाभ
रोजगार सृजन: मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और स्टार्टअप नीति दोनों ने राज्य में रोजगार सृजन में योगदान दिया है। इन पहलों के माध्यम से एमएसएमई और स्टार्टअप्स का समर्थन करके, नई नौकरियों के अवसर उत्पन्न हुए हैं।
उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र का सुदृढ़ीकरण: ये नीतियाँ एक अधिक जीवंत उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करती हैं, जिसमें वित्तीय सहायता, मेंटॉरशिप और सरल नियम प्रबंध शामिल हैं। इससे उद्यमियों को अपने व्यवसाय स्थापित करने और बढ़ाने में मदद मिलती है।
आर्थिक विकास: एमएसएमई और स्टार्टअप्स के विकास से राज्य की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। ये उद्यम नवोन्मेष, उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाते हैं, जिससे समग्र आर्थिक विकास में योगदान होता है।
हालिया उदाहरण:
“इंदौर औद्योगिक हब” की स्थापना मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत की गई, जिसने औद्योगिक क्लस्टर के विकास को बढ़ावा दिया और निवेश आकर्षित किया। इसके अलावा, मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति द्वारा समर्थित स्टार्टअप्स ने कृषि तकनीक और वित्तीय तकनीक के क्षेत्रों में नवोन्मेषी समाधान पेश किए हैं, जिससे राज्य में आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिला है।
संक्षेप में, मध्य प्रदेश राज्य सरकार मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और स्टार्टअप नीति के माध्यम से MSME विकास का समर्थन करती है, जो वित्तीय सहायता, अवसंरचना समर्थन और नियमों की सरलता प्रदान करती है। ये पहलें रोजगार, उद्यमिता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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