“The uneven development of Indian States has created many socio-economic and political problems.” Critically analyse the statement with special reference to Bihar. [67th BPSC Main Exam 2022]
भारतीय राज्यों के असमान विकास और बिहार भारतीय संघ में राज्यों का असमान विकास एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो न केवल सामाजिक-आर्थिक बल्कि राजनीतिक समस्याओं को भी जन्म देती है। बिहार इस असमानता का एक प्रमुख उदाहरण है, जहाँ आर्थिक, शैक्षिक, और सामाजिक असमानताएँ देखने को मिलती हैं। यह असमानता न केवल राज्Read more
भारतीय राज्यों के असमान विकास और बिहार
भारतीय संघ में राज्यों का असमान विकास एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो न केवल सामाजिक-आर्थिक बल्कि राजनीतिक समस्याओं को भी जन्म देती है। बिहार इस असमानता का एक प्रमुख उदाहरण है, जहाँ आर्थिक, शैक्षिक, और सामाजिक असमानताएँ देखने को मिलती हैं। यह असमानता न केवल राज्य की आंतरिक समस्याओं को बढ़ावा देती है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी कई संकटों को जन्म देती है।
बिहार का सामाजिक-आर्थिक विकास
- आर्थिक असमानता: बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जहाँ अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। कृषि क्षेत्र में पिछड़ेपन के कारण राज्य की विकास दर भी अन्य राज्यों से काफी कम रही है। 2019-20 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार ने पिछले तीन वर्षों में भारत की विकास दर से अधिक वृद्धि दर्ज की है, लेकिन यह वृद्धि अधिकांशतः बाहरी निवेश और सरकारी योजनाओं पर निर्भर रही है। बिहार की औद्योगिक विकास दर अन्य राज्यों से बहुत पीछे रही है।
- शैक्षिक असमानता: शिक्षा के क्षेत्र में भी बिहार अन्य राज्यों से पीछे है। राज्य में साक्षरता दर कम है, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता भी सीमित है। बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति भी चिंता का विषय है, जिससे राज्य के युवा वर्ग को रोजगार के अवसर सीमित मिलते हैं।
- स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाएँ: राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी अन्य राज्यों से काफी पिछड़ी हुई है। अस्पतालों में संसाधनों की कमी और चिकित्सा सेवाओं की अपर्याप्तता बिहार के विकास को प्रभावित करती है।
सामाजिक-राजनीतिक समस्याएँ
- गरीबी और बेरोजगारी: बिहार में गरीबी और बेरोजगारी की दर बहुत अधिक है। यह असमान विकास की प्रमुख समस्याओं में से एक है। राज्य की बड़ी आबादी कृषि क्षेत्र पर निर्भर है, और कृषि में निहित असमानताओं के कारण राज्य में व्यापक रूप से गरीबी फैल रही है।
- राजनीतिक अस्थिरता: बिहार में लंबे समय तक राजनीतिक अस्थिरता ने राज्य के विकास को बाधित किया है। यहाँ की राजनीतिक व्यवस्था कई बार भ्रष्टाचार, जातिवाद और अपराधीकरण से ग्रस्त रही है, जिससे विकास के कार्यों में रुकावट आई है।
- संवेदनशील सामाजिक समूह: बिहार में जातिवाद और वर्ग असमानता जैसी सामाजिक समस्याएँ गहरे तक जड़ पकड़ चुकी हैं। यह असमानताएँ सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करती हैं और विकास की प्रक्रिया को धीमा कर देती हैं।
बिहार में उठाए गए कदम
- प्रधानमंत्री आवास योजना: केंद्र और राज्य सरकार ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने की पहल की है, जिससे बिहार में गरीबी में कमी लाई जा रही है।
- शिक्षा में सुधार: बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, जैसे कि स्मार्ट क्लासेस, सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, और छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्तियाँ।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्य सरकार ने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति सुधारने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, जैसे कि ‘मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना’। इसके तहत गरीबों को स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
- उद्योग और निवेश: बिहार सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘बिहार औद्योगिक नीति’ बनाई है। इससे राज्य में औद्योगिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं, और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है।
निष्कर्ष
हालांकि बिहार में सामाजिक-आर्थिक असमानताएँ काफी गहरी हैं, लेकिन राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों ने स्थिति में सुधार लाने की कोशिश की है। राज्य के विकास के लिए और अधिक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और औद्योगिक विकास के लिए अधिक संसाधन और योजनाएँ उपलब्ध कराई जाएं। बिहार को सामाजिक असमानताओं को समाप्त करने के लिए अधिक सशक्त नीति बनाने की आवश्यकता है, ताकि राज्य एक समृद्ध और समावेशी समाज बना सके।
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The uneven development among Indian states has resulted in multiple socio-economic and political issues, especially for states like Bihar. India’s economic growth and infrastructure development are highly concentrated in specific regions, leaving states such as Bihar, Odisha, and Jharkhand significaRead more
The uneven development among Indian states has resulted in multiple socio-economic and political issues, especially for states like Bihar. India’s economic growth and infrastructure development are highly concentrated in specific regions, leaving states such as Bihar, Odisha, and Jharkhand significantly behind. This disparity has far-reaching consequences for quality of life, migration, and regional stability.
Causes of Uneven Development
Socio-Economic Problems Stemming from Uneven Development
Political Issues Due to Regional Disparities
Possible Solutions to Address Uneven Development