बीरसा आन्दोलन की विशेषताओं की समीक्षा कीजिए। [66वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2020]
चम्पारण सत्याग्रह: स्वाधीनता संघर्ष का निर्णायक मोड़ 1. चम्पारण सत्याग्रह का प्रारंभ स्थान: 1917 में गांधी जी ने बिहार के चम्पारण जिले में सत्याग्रह किया। कारण: चम्पारण के किसान अत्यधिक भूमि कर (नकली नील की खेती) और जमींदारों द्वारा शोषण से परेशान थे। नेतृत्व: गांधी जी ने किसानों के अधिकारों की रक्षRead more
चम्पारण सत्याग्रह: स्वाधीनता संघर्ष का निर्णायक मोड़
1. चम्पारण सत्याग्रह का प्रारंभ
- स्थान: 1917 में गांधी जी ने बिहार के चम्पारण जिले में सत्याग्रह किया।
- कारण: चम्पारण के किसान अत्यधिक भूमि कर (नकली नील की खेती) और जमींदारों द्वारा शोषण से परेशान थे।
- नेतृत्व: गांधी जी ने किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन शुरू किया, यह सत्याग्रह ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक बड़ा संघर्ष था।
2. महत्वपूर्ण विशेषताएँ
- सशक्त नेतृत्व: गांधी जी ने पहली बार भारतीय जनमानस को सत्याग्रह के जरिए एकजुट किया और अहिंसा के सिद्धांत पर जोर दिया।
- सामाजिक जागरूकता: चम्पारण सत्याग्रह ने भारतीय जनता को अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।
3. परिणाम
- ब्रिटिश सरकार की हार: सत्याग्रह के परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने किसानों के शोषण को रोकने के लिए कदम उठाए।
- स्वाधीनता संग्राम में योगदान: चम्पारण सत्याग्रह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी, और गांधी जी को व्यापक समर्थन मिला।
4. निष्कर्ष
चम्पारण सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक निर्णायक मोड़ था, क्योंकि इसने महात्मा गांधी को एक सशक्त नेता के रूप में स्थापित किया और भारतीयों को आत्मविश्वास और संघर्ष की दिशा में एकजुट किया।
See less
बीरसा आन्दोलन की विशेषताओं की समीक्षा 1. आन्दोलन का उद्देश्य बीरसा मुंडा ने यह आन्दोलन आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए शुरू किया। उनका मुख्य उद्देश्य अंग्रेज़ों और जमींदारों के शोषण के खिलाफ आदिवासी समुदाय को जागरूक करना था। उन्होंने आदिवासियों के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा कीRead more
बीरसा आन्दोलन की विशेषताओं की समीक्षा
1. आन्दोलन का उद्देश्य
2. धार्मिक और सामाजिक जागरण
3. संगठन और नेतृत्व
4. प्रमुख विशेषताएँ
5. परिणाम
बीरसा मुंडा का आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसने न केवल आदिवासी अधिकारों की रक्षा की बल्कि सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता भी बढ़ाई।
See less