भारत में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारणों की व्याख्या कीजिए। मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों पर चर्चा कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दें)
ई-प्रदूषण और अन्तरिक्ष प्रदूषण: समझ और प्रबंधन ई-प्रदूषण: ई-प्रदूषण, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट (ई-वेस्ट) से होने वाला प्रदूषण है, जिसमें पुरानी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, जैसे कंप्यूटर और मोबाइल फोन, शामिल होते हैं। इसमें लेड, मर्करी, और कैडमियम जैसी विषाक्त सामग्री होती है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य को हानि पहRead more
ई-प्रदूषण और अन्तरिक्ष प्रदूषण: समझ और प्रबंधन
ई-प्रदूषण: ई-प्रदूषण, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट (ई-वेस्ट) से होने वाला प्रदूषण है, जिसमें पुरानी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, जैसे कंप्यूटर और मोबाइल फोन, शामिल होते हैं। इसमें लेड, मर्करी, और कैडमियम जैसी विषाक्त सामग्री होती है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य को हानि पहुंचाती है।
प्रबंधन सुझाव:
- सही निपटान: ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग और निपटान केंद्रों की स्थापना।
- नियम और कानून: ई-वेस्ट (मैनेजमेंट) रूल्स लागू करना और उनकी सख्ती से निगरानी करना।
अन्तरिक्ष प्रदूषण: अंतरिक्ष प्रदूषण, या स्पेस डेब्री, अंतरिक्ष में废弃 उपग्रहों और रॉकेट के चरणों का जमा होना है, जो सक्रिय उपग्रहों और अंतरिक्ष मिशनों को खतरे में डालता है।
प्रबंधन सुझाव:
- ड्रिब्री हटाने: सक्रिय उपग्रहों से अलग होने वाले या टकराव से बचने के उपाय अपनाना।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: संयुक्त राष्ट्र के अंतरिक्ष डेब्री प्रबंधन दिशा-निर्देश के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संधियों का पालन।
इन सुझावों से ई-प्रदूषण और अंतरिक्ष प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण और अंतरिक्ष संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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भारत में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुख्य कारणों में शहरीकरण, कृषि विस्तार, और जंगलों की अंधाधुंध कटाई शामिल हैं। जैसे-जैसे मानव बस्तियाँ और खेत जंगलों के करीब आते हैं, वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास घटता जाता है, जिससे वे भोजन और पानी की तलाश में मानव बस्तियों की ओर आकर्षित होते हैं। इसके अतिरिक्त,Read more
भारत में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुख्य कारणों में शहरीकरण, कृषि विस्तार, और जंगलों की अंधाधुंध कटाई शामिल हैं। जैसे-जैसे मानव बस्तियाँ और खेत जंगलों के करीब आते हैं, वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास घटता जाता है, जिससे वे भोजन और पानी की तलाश में मानव बस्तियों की ओर आकर्षित होते हैं। इसके अतिरिक्त, वन्यजीवों की आदतों में बदलाव और जंगलों की अव्यवस्थित उपयोग भी संघर्ष को बढ़ाते हैं।
मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं:
वन्यजीव सुरक्षा कानून: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और अन्य कानूनी उपायों के माध्यम से वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके आवास की रक्षा की जाती है।
संघर्ष निवारण उपाय: जैसे कि इलेक्ट्रीफाइड फेंसिंग, और बायो-फेंसिंग का उपयोग, और विशेष निगरानी तकनीकें।
साक्षरता और शिक्षा कार्यक्रम: स्थानीय समुदायों को वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है।
वन्यजीव राहत केंद्र: वन्यजीवों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं।
इन उपायों से संघर्ष को कम करके वन्यजीवों और मानवों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।
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