जलवायु क्षतिपूर्ति (क्लाइमेट रेपरेशन) के विचार से आप क्या समझते हैं? इस विचार को वर्तमान संदर्भ में लागू करने की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए। साथ ही, इसके कार्यान्वयन के समक्ष विद्यमान चुनौतियों को रेखांकित कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
आर्द्रभूमियाँ, जैसे कि दलदली क्षेत्र और झीलें, जलवायु शमन, जैव विविधता संरक्षण, और मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये क्षेत्र कार्बन का अवशोषण कर जलवायु परिवर्तन को कम करते हैं, जल के प्राकृतिक पुनः भरने में योगदान करते हैं, और जैव विविधता का घर होते हैं। साथ ही, आर्द्रभूमियाँ स्थानीय जRead more
आर्द्रभूमियाँ, जैसे कि दलदली क्षेत्र और झीलें, जलवायु शमन, जैव विविधता संरक्षण, और मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये क्षेत्र कार्बन का अवशोषण कर जलवायु परिवर्तन को कम करते हैं, जल के प्राकृतिक पुनः भरने में योगदान करते हैं, और जैव विविधता का घर होते हैं। साथ ही, आर्द्रभूमियाँ स्थानीय जलवायु को नियंत्रित करती हैं और प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ को कम करती हैं।
भारत में आर्द्रभूमियों की सुरक्षा और पुनर्जीवित करने के लिए निम्नलिखित साधन और पहल उपलब्ध हैं:
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संरक्षण योजनाएँ: भारत ने 2019 में “राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण नीति” को लागू किया, जो आर्द्रभूमियों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है। इसके अलावा, भारत ने “रामसर कन्वेंशन” पर हस्ताक्षर किए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्द्रभूमियों के संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।
- आर्द्रभूमि पुनर्जीवित करने के परियोजनाएँ: भारत में विभिन्न राज्य सरकारें और संगठन आर्द्रभूमियों को पुनर्जीवित करने के लिए कार्यक्रम चला रहे हैं, जैसे कि “स्वच्छ भारत मिशन” और “जल शक्ति अभियान,” जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए जल संसाधनों के प्रबंधन पर केंद्रित हैं।
- विधिक संरक्षण: भारतीय वन अधिनियम, 1927 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 जैसे कानून आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।
- जन जागरूकता और शिक्षा: आर्द्रभूमि संरक्षण के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गैर-सरकारी संगठन और शैक्षिक संस्थान कार्यक्रम चला रहे हैं।
इन साधनों और पहलों के माध्यम से, भारत आर्द्रभूमियों को संरक्षण देने और उन्हें जलवायु शमन, जैव विविधता की रक्षा, और मानव स्वास्थ्य के लिए प्रभावी ढंग से बनाए रखने में सक्षम हो सकता है।
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जलवायु क्षतिपूर्ति (क्लाइमेट रेपरेशन) का मतलब: जलवायु क्षतिपूर्ति का अर्थ है जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों से निपटने के लिए उपायों का अभिवादन करना। यह उपाय जलवायु परिवर्तन को रोकने, कम करने और उससे निपटने के लिए सशक्त एवं सामर्थ्यशाली पहलू प्रस्तुत करता है। वर्तमान संदर्भ में इसकी आवश्यकता: जRead more
जलवायु क्षतिपूर्ति (क्लाइमेट रेपरेशन) का मतलब:
जलवायु क्षतिपूर्ति का अर्थ है जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों से निपटने के लिए उपायों का अभिवादन करना। यह उपाय जलवायु परिवर्तन को रोकने, कम करने और उससे निपटने के लिए सशक्त एवं सामर्थ्यशाली पहलू प्रस्तुत करता है।
वर्तमान संदर्भ में इसकी आवश्यकता:
जलवायु क्षतिपूर्ति की आवश्यकता इस समय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं, जैसे की बाढ़, भूकंप, और तूफानों की वर्तमान स्थिति जलवायु क्षतिपूर्ति के महत्व को और भी दर्शाती है।
चुनौतियाँ: