पर्यावरण प्रभाव आकलन (ई० आइ० ए०) अधिसूचना, 2020 प्रारूप मौजूदा ई० आइ० ए० अधिसूचना, 2006 से कैसे भिन्न है? (150 words) [UPSC 2020]
COP26 के प्रमुख परिणाम 1. वैश्विक कार्बन तटस्थता लक्ष्य: COP26 में 2050 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने का एक वैश्विक लक्ष्य अपनाया गया। यह लक्ष्य 1.5°C तक वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने के प्रयासों को समर्थन देता है, ताकि जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों से बचा जा सके। 2. कोयले का चरणबद्ध समापRead more
COP26 के प्रमुख परिणाम
1. वैश्विक कार्बन तटस्थता लक्ष्य: COP26 में 2050 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने का एक वैश्विक लक्ष्य अपनाया गया। यह लक्ष्य 1.5°C तक वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने के प्रयासों को समर्थन देता है, ताकि जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों से बचा जा सके।
2. कोयले का चरणबद्ध समापन: सम्मेलन में असंबद्ध कोयला बिजली उत्पादन और अप्रभावी फॉसिल ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने पर सहमति बनी। हालांकि, अंतिम समझौते में ‘फेज-आउट’ की बजाय ‘फेज-डाउन’ शब्द का उपयोग किया गया, जो कोयला निर्भर देशों की चिंताओं को दर्शाता है।
3. जलवायु वित्त: विकसित देशों ने 2025 तक प्रति वर्ष $100 बिलियन जलवायु वित्त प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। यह विकासशील देशों को जलवायु अनुकूलन और शमन प्रयासों के लिए समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से है।
4. ग्लासगो जलवायु पैक्ट: ग्लासगो जलवायु पैक्ट को अपनाया गया, जिसमें राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं (NDCs) को मजबूत करने और जलवायु प्रभावों के प्रति वैश्विक प्रयासों को बढ़ाने की प्रतिबद्धताएँ शामिल हैं।
भारत द्वारा की गई वचनबद्धताएँ
1. नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य: भारत ने 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताई, जो दीर्घकालिक जलवायु लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
2. नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार: भारत ने 2030 तक 500 GW की गैर-फॉसिल ईंधन ऊर्जा क्षमता बढ़ाने और अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50% नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
3. ग्रीन बॉन्ड्स: भारत ने जलवायु परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए ग्रीन बॉन्ड्स जारी करने की योजना का ऐलान किया, जो सतत विकास के लिए जलवायु वित्त को जुटाने की दिशा में एक कदम है।
4. अनुकूलन प्रयासों को सशक्त बनाना: भारत ने जलवायु अनुकूलन प्रयासों को मजबूत करने और वल्नरेबल समुदायों को समर्थन देने की वचनबद्धता जताई।
हालिया उदाहरण: भारत ने बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा पार्कों की स्थापना और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश किया है, जो उसकी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
COP26 ने वैश्विक जलवायु रणनीति में महत्वपूर्ण प्रगति की, जिसमें भारत की वचनबद्धताएँ दीर्घकालिक जलवायु लक्ष्यों की ओर महत्वपूर्ण योगदान हैं।
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ई.आई.ए. अधिसूचना 2020 और 2006 के बीच भिन्नताएँ 1. सार्वजनिक परामर्श की प्रक्रिया: ई.आई.ए. 2020: परियोजनाओं की श्रेणी के आधार पर सार्वजनिक परामर्श की प्रक्रिया को सरल बनाता है, कुछ मामलों में केवल ऑनलाइन टिप्पणियाँ आवश्यक होती हैं। उदाहरण: बड़े पैमाने पर औद्योगिक परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक सुनवाई कीRead more
ई.आई.ए. अधिसूचना 2020 और 2006 के बीच भिन्नताएँ
1. सार्वजनिक परामर्श की प्रक्रिया:
2. परियोजना वर्गीकरण:
3. पूर्व-स्वीकृति की अनुमति:
4. अनुपालन निगरानी:
ये बदलाव ई.आई.ए. के तहत परियोजनाओं की स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाते हैं और प्रक्रियात्मक बाधाओं को कम करते हैं।
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