भारतीय दर्शन एवं परम्परा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना और आकार देने एवं उनकी कला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2020]
छठी शताब्दी ईसा पूर्व के आस-पास भारत में बौद्ध धर्म और जैन धर्म के उद्भव और प्रसार के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी थे: सामाजिक असंतोष: उस समय की जाति व्यवस्था और ब्राह्मणों की प्रधानता से उत्पन्न सामाजिक असंतोष ने नए धार्मिक और दार्शनिक आंदोलनों को प्रेरित किया। बौद्ध और जैन धर्म ने जाति व्यवस्था औRead more
छठी शताब्दी ईसा पूर्व के आस-पास भारत में बौद्ध धर्म और जैन धर्म के उद्भव और प्रसार के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी थे:
- सामाजिक असंतोष: उस समय की जाति व्यवस्था और ब्राह्मणों की प्रधानता से उत्पन्न सामाजिक असंतोष ने नए धार्मिक और दार्शनिक आंदोलनों को प्रेरित किया। बौद्ध और जैन धर्म ने जाति व्यवस्था और यज्ञ-हवन की क्रियाओं के खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त की।
- धार्मिक सुधार की आवश्यकता: वेदांत और ब्राह्मणवाद की जटिलता और आडंबरपूर्ण अनुष्ठानों के खिलाफ एक सरल और व्यावहारिक धर्म की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिसे बौद्ध और जैन धर्म ने पूरा किया।
- राजनीतिक समर्थन: बौद्ध और जैन धर्म को विभिन्न स्थानीय शासकों और राजाओं का समर्थन प्राप्त हुआ, जैसे कि मगध के राजा बिम्बिसार और अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया और इसे प्रोत्साहित किया।
- आध्यात्मिक खोज: उस समय के लोग मोक्ष और आत्मा की मुक्ति के लिए खोज कर रहे थे, और बौद्ध और जैन धर्म ने इस खोज को तर्कशील और व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रदान किया।
- सामाजिक सुधार: बौद्ध और जैन धर्म ने अहिंसा, सादा जीवन, और आत्मा के विकास पर जोर देकर सामाजिक सुधारों को बढ़ावा दिया, जो व्यापक जनसमूह को आकर्षित किए।
इन कारकों ने बौद्ध और जैन धर्म को महत्वपूर्ण धार्मिक आंदोलनों के रूप में स्थापित किया और भारतीय धार्मिक और दार्शनिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाला।
See less
भारतीय दर्शन और परंपरा का भारतीय स्मारकों पर प्रभाव दर्शन और परंपरा का प्रभाव: धार्मिक और आध्यात्मिक प्रेरणा: भारतीय दर्शन और परंपरा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना और आकार को गहराई से प्रभावित किया। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, और इस्लाम की धार्मिक और आध्यात्मिक धारणाएँ स्मारकों के निर्माण में महRead more
भारतीय दर्शन और परंपरा का भारतीय स्मारकों पर प्रभाव
दर्शन और परंपरा का प्रभाव:
हाल के उदाहरण:
निष्कर्ष:
भारतीय दर्शन और परंपरा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना, आकार, और कला में गहराई से प्रभाव डाला है। धार्मिक विचार, वास्तुकला के सिद्धांत, और कला की सजावट ने भारतीय स्मारकों को न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान किया है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की भी अमूल्य पहचान दी है। ये स्मारक भारतीय दर्शन की अमीर परंपराओं और कला के उन्नत रूप को दर्शाते हैं।
See less