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भारत में चीतों को पुनः बसाने के लिए संभावित स्थलों की पहचान करते हुए इसके महत्व पर चर्चा कीजिए और इस प्रयास से संबंधित चुनौतियों का उल्लेख कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में चीतों के पुनर्वास के लिए संभावित स्थलों की पहचान का महत्व जैव विविधता की बहाली: चीतों के पुनर्वास से पारिस्थितिक संतुलन में सुधार होगा, जिससे घास के मैदानों के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी। पर्यटन को बढ़ावा: चीतों की उपस्थिति से वन्यजीव पर्यटन में वृद्धि होगी, जिससेRead more
भारत में चीतों के पुनर्वास के लिए संभावित स्थलों की पहचान का महत्व
पुनर्वास प्रयासों से संबंधित चुनौतियाँ
इन चुनौतियों का समाधान करके ही भारत में चीतों की सफल पुनः स्थापना संभव है।
See lessस्थिरीकरण (स्टरलाइजेशन) का क्या अर्थ है? भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) बाह्य प्रभावों के खिलाफ मुद्रा आपूर्ति को कैसे स्थिर करता है? (200 शब्द)
स्थिरीकरण (स्टरलाइजेशन) का अर्थ स्थिरीकरण एक मौद्रिक नीति उपकरण है जिसका उपयोग केंद्रीय बैंक, जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के घरेलू मुद्रा आपूर्ति पर प्रभाव को निष्प्रभावी करने के लिए करते हैं। जब RBI विदेशी मुद्रा खरीदता या बेचता है, तो यह घरेलू मुद्रा आपूर्ति कRead more
स्थिरीकरण (स्टरलाइजेशन) का अर्थ
स्थिरीकरण एक मौद्रिक नीति उपकरण है जिसका उपयोग केंद्रीय बैंक, जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के घरेलू मुद्रा आपूर्ति पर प्रभाव को निष्प्रभावी करने के लिए करते हैं। जब RBI विदेशी मुद्रा खरीदता या बेचता है, तो यह घरेलू मुद्रा आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है। इस प्रभाव को संतुलित करने के लिए, RBI ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMOs) जैसे उपकरणों का उपयोग करता है।
RBI द्वारा मुद्रा आपूर्ति को स्थिर करने के उपाय
हाल के घटनाक्रम
दिसंबर 2024 में, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के कारण, भारत में विदेशी पूंजी प्रवाह में वृद्धि हुई, जिससे अतिरिक्त तरलता उत्पन्न हुई। इस स्थिति को संभालने के लिए, RBI ने MSS के तहत ₹50,000 करोड़ मूल्य की सरकारी प्रतिभूतियां जारी कीं, जिससे अतिरिक्त तरलता को अवशोषित किया जा सके और मुद्रा आपूर्ति स्थिर रहे।
इन उपकरणों के माध्यम से, RBI बाहरी प्रभावों के कारण होने वाले संभावित मुद्रास्फीति या अपस्फीति के प्रभावों को निष्प्रभावी करता है, जिससे घरेलू मुद्रा आपूर्ति मौद्रिक नीति के उद्देश्यों के अनुरूप बनी रहती है।
See lessलचीली विनिमय दर क्या होती है? भारतीय रुपये के डॉलर के मुकाबले अधिमूल्यन और अवमूल्यन के कारणों की व्याख्या कीजिए। (200 शब्द)
लचीली विनिमय दर (Flexible Exchange Rate) लचीली विनिमय दर वह प्रणाली है जिसमें किसी देश की मुद्रा का मूल्य विदेशी मुद्रा बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर स्वतः निर्धारित होता है, और इसमें सरकार या केंद्रीय बैंक का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता। भारतीय रुपये के अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अधिमूल्यन औरRead more
लचीली विनिमय दर (Flexible Exchange Rate)
लचीली विनिमय दर वह प्रणाली है जिसमें किसी देश की मुद्रा का मूल्य विदेशी मुद्रा बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर स्वतः निर्धारित होता है, और इसमें सरकार या केंद्रीय बैंक का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता।
भारतीय रुपये के अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अधिमूल्यन और अवमूल्यन के कारण:
इन कारकों के संयोजन से भारतीय रुपये का अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अधिमूल्यन या अवमूल्यन होता है।
See lessभारत की सब्सिडी प्रणाली में हाल ही में किए गए सुधारों का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। इन सब्सिडी से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा करें और न्यायसंगत और कुशल सब्सिडी वितरण सुनिश्चित करने के उपाय सुझाइये। (200 शब्द)
हाल ही में, भारत ने अपनी सब्सिडी प्रणाली में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिनसे खाद्य सुरक्षा और वितरण प्रणाली में सुधार हुआ है। सुधार: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY): कोरोना महामारी के दौरान, सरकार ने PMGKAY के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया, जिससे खादRead more
हाल ही में, भारत ने अपनी सब्सिडी प्रणाली में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिनसे खाद्य सुरक्षा और वितरण प्रणाली में सुधार हुआ है।
सुधार:
चुनौतियाँ:
उपाय:
इन उपायों से भारत की सब्सिडी प्रणाली को अधिक न्यायसंगत और कुशल बनाया जा सकता है।
See lessभारत में आई.टी. और बी.पी.एम. (बिजनेस प्रॉसेस मैनेजमेंट) उद्योग की वर्तमान स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। साथ ही, विभिन्न भारतीय शहरों को आई.टी. हब के रूप में विकसित करने में सहायक प्रमुख कारकों पर प्रकाश डालिए। (200 शब्द)
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) और बिजनेस प्रॉसेस मैनेजमेंट (बी.पी.एम.) उद्योग ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। वित्त वर्ष 2023 में इस क्षेत्र का कुल राजस्व 245 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जिसमें निर्यात राजस्व 194 बिलियन डॉलर और घरेलू राजस्व 51 बिलियन डॉलर है। आई.Read more
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) और बिजनेस प्रॉसेस मैनेजमेंट (बी.पी.एम.) उद्योग ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। वित्त वर्ष 2023 में इस क्षेत्र का कुल राजस्व 245 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जिसमें निर्यात राजस्व 194 बिलियन डॉलर और घरेलू राजस्व 51 बिलियन डॉलर है।
आई.टी. हब के विकास में सहायक प्रमुख कारक:
इन कारकों के संयोजन ने भारत को वैश्विक आई.टी. और बी.पी.एम. उद्योग में एक प्रमुख स्थान दिलाया है।
See lessशोध के अनुसार, ग्लोबल साउथ जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से सबसे अधिक प्रभावित होगा, और दक्षिण एशिया इस संदर्भ में गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में से एक होगा। विश्लेषण कीजिए।(200 शब्द)
परिचय जलवायु परिवर्तन दक्षिण एशिया के लिए गंभीर चुनौती बन गया है, जिससे आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव बढ़ रहे हैं। आर्थिक प्रभाव कृषि उत्पादन में कमी: 2024 में, भारत और पाकिस्तान में अत्यधिक गर्मी के कारण फसल उत्पादन में 30% तक की कमी आई, जिससे खाद्य सुरक्षा संकट बढ़ा। आय में हानि: नेचर पत्रिRead more
परिचय
जलवायु परिवर्तन दक्षिण एशिया के लिए गंभीर चुनौती बन गया है, जिससे आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव बढ़ रहे हैं।
आर्थिक प्रभाव
सामाजिक प्रभाव
पर्यावरणीय प्रभाव
निष्कर्ष
दक्षिण एशिया को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों की आवश्यकता है, ताकि आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय नुकसान को कम किया जा सके।
See lessगणित और विज्ञान के क्षेत्र में प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदानों पर प्रकाश डालिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने गणित और विज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। गणित में योगदान: शून्य और दशमलव प्रणाली की खोज: भारतीय गणितज्ञों ने शून्य (शून्य) और दशमलव प्रणाली विकसित की, जो आधुनिक गणित की नींव बनी। बौधायन का शुल्व सूत्र: बौधायन ने शुलRead more
प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने गणित और विज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है।
गणित में योगदान:
विज्ञान में योगदान:
इन योगदानों ने वैश्विक वैज्ञानिक और गणितीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
See lessमुद्रा के विभिन्न कार्यों को बताते हुए, इसे अन्य प्रकार की परिसंपत्तियों की तुलना में अधिक लाभकारी क्यों माना जाता है, इसका वर्णन कीजिए। (200 words)
मुद्रा के कार्य विनिमय का माध्यम (Medium of Exchange): मुद्रा वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को सरल बनाती है, जिससे वस्तु-विनिमय प्रणाली की जटिलताओं से बचा जा सकता है। उदाहरण के लिए, डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म जैसे UPI ने भारत में लेन-देन को तेज़ और सुरक्षित बनाया है। मूल्य मापन की इकाई (Unit of AccRead more
मुद्रा के कार्य
अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में मुद्रा के लाभ
इन विशेषताओं के कारण मुद्रा अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में अधिक लाभकारी मानी जाती है।
See lessअटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) से संबंधित नाप का क्या मतलब है? हाल के समय में AMOC के कमजोर होने के कारणों और इसके प्रभावों पर चर्चा करें। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
AMOC का महत्व अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) अटलांटिक महासागर में गर्म सतही जल को उत्तर की ओर और ठंडे गहरे जल को दक्षिण की ओर ले जाने वाली प्रमुख महासागरीय धारा है। यह प्रणाली वैश्विक जलवायु संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। AMOC के कमजोर होने के कारण जलवायु परिवर्तन: ग्रीनहाउसRead more
AMOC का महत्व
अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) अटलांटिक महासागर में गर्म सतही जल को उत्तर की ओर और ठंडे गहरे जल को दक्षिण की ओर ले जाने वाली प्रमुख महासागरीय धारा है। यह प्रणाली वैश्विक जलवायु संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
AMOC के कमजोर होने के कारण
AMOC के कमजोर होने के प्रभाव
क्षोभमंडल और समताप मंडल में ओजोन के निर्माण की प्रक्रियाओं और उनकी भूमिकाओं में अंतर को स्पष्ट कीजिए। इसके अतिरिक्त, क्षोभमंडलीय ओजोन के प्रभावों को कम करने के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा कीजिए। (200 शब्दों में उत्तर दें)
ओजोन के निर्माण की प्रक्रिया समतापमंडल: समतापमंडल में ओजोन का निर्माण तब होता है जब सूरज की पराबैंगनी किरणें (यूवी) ऑक्सीजन के अणुओं को तोड़कर, उन्हें पुनः संयोजित कर ओजोन (O₃) बनाती हैं। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और ओजोन परत के रूप में पृथ्वी को अत्यधिक हानिकारक यूवी विकिरण से बचाती है। क्षोRead more
ओजोन के निर्माण की प्रक्रिया
समतापमंडल: समतापमंडल में ओजोन का निर्माण तब होता है जब सूरज की पराबैंगनी किरणें (यूवी) ऑक्सीजन के अणुओं को तोड़कर, उन्हें पुनः संयोजित कर ओजोन (O₃) बनाती हैं। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और ओजोन परत के रूप में पृथ्वी को अत्यधिक हानिकारक यूवी विकिरण से बचाती है।
क्षोभमंडल: क्षोभमंडल में ओजोन का निर्माण प्रदूषण, जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड से होता है। यह ओजोन जीवों के लिए हानिकारक है, क्योंकि यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और वायुमंडल में गर्मी बढ़ाता है, जिसे “ग्लोबल वार्मिंग” कहा जाता है।
प्रभाव और रणनीतियाँ
समतापमंडल ओजोन के लाभ: यह पृथ्वी पर जीवन को पराबैंगनी विकिरण से बचाता है।
क्षोभमंडल ओजोन के दुष्प्रभाव: यह श्वसन संबंधी समस्याएं और पर्यावरणीय असंतुलन पैदा करता है।
रणनीतियाँ:
यह रणनीतियाँ क्षोभमंडलीय ओजोन के प्रभावों को कम करने में मदद करती हैं।
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