Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
गुरु नानक देव जी की महत्वपूर्ण शिक्षाओं पर चर्चा करें जो आज के युवाओं के लिए प्रासंगिक हैं। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ समानता का संदेश जाति प्रथा का विरोध: गुरु नानक ने जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया। आज, भारत में जातिगत भेदभाव पर चल रहे आंदोलन जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ इस विचार को आगे बढ़ाते हैं। मेहनत और ईमानदारी ईमानदारी से आजीविका: गुरु जी ने मेहनत और ईमानदारी पर जोRead more
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ
समानता का संदेश
मेहनत और ईमानदारी
सेवा का महत्व
महिला समानता
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो समाज में समानता, ईमानदारी और सेवा को बढ़ावा देती हैं।
See lessभारत में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की प्रभावशीलता को कमजोर करने वाले कारकों का आकलन करें। उन उपायों पर चर्चा करें जिन्हें इसकी पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए लागू किया जा सकता है। (200 शब्द)
सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 ने भारत में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुदृढ़ किया है। हालांकि, हाल के वर्षों में इसकी प्रभावशीलता में कमी आई है। आरटीआई अधिनियम की प्रभावशीलता को कमजोर करने वाले कारक: सूचना आयोगों में नियुक्तियों में देरी: सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में विलंब के कारण अपीलों का निRead more
सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 ने भारत में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुदृढ़ किया है। हालांकि, हाल के वर्षों में इसकी प्रभावशीलता में कमी आई है।
आरटीआई अधिनियम की प्रभावशीलता को कमजोर करने वाले कारक:
सूचना आयोगों में नियुक्तियों में देरी: सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में विलंब के कारण अपीलों का निपटान धीमा हो गया है, जिससे मामलों का लंबित भार बढ़ रहा है।
राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप: कई आयोगों में सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति से उनकी स्वतंत्रता पर प्रश्नचिह्न लगते हैं, जिससे पारदर्शिता प्रभावित होती है।
विधायी संशोधन: सूचना का अधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2019 और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 जैसे हालिया संशोधनों ने आरटीआई अधिनियम की शक्ति को कम किया है, जिससे सूचना प्राप्ति में बाधाएँ उत्पन्न हुई हैं।
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उपाय:
समयबद्ध नियुक्तियाँ: सूचना आयुक्तों की नियुक्ति समय पर की जानी चाहिए ताकि अपीलों का निपटान शीघ्र हो सके और लंबित मामलों में कमी आए।
स्वतंत्र और विविध पृष्ठभूमि के आयुक्तों की नियुक्ति: आयोगों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की नियुक्ति से उनकी निष्पक्षता और पारदर्शिता में वृद्धि होगी।
विधायी सुरक्षा: आरटीआई अधिनियम को कमजोर करने वाले संशोधनों की समीक्षा और आवश्यकतानुसार निरस्तीकरण से इसकी मूल भावना को संरक्षित किया जा सकता है।
जन जागरूकता अभियान: नागरिकों में आरटीआई के महत्व और उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने से इसकी प्रभावशीलता में वृद्धि होगी।
आरटीआई अधिनियम की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर, इसकी पारदर्शिता और जवाबदेही को पुनः स्थापित करने के लिए उपरोक्त उपायों का कार्यान्वयन आवश्यक है।
See lessरोजगार सृजन और निर्यात क्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की भूमिका और इसके सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का विश्लेषण करें। भारत में एमएसएमई की स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं? (200 शब्द)
एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका और चुनौतियाँ आर्थिक वृद्धि में योगदान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र में 6.30 करोड़ से अधिक उद्यम हैं, जो 24.14 करोड़ रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में, एमएसएमई ने 5.70 करोडRead more
एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका और चुनौतियाँ
आर्थिक वृद्धि में योगदान
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र में 6.30 करोड़ से अधिक उद्यम हैं, जो 24.14 करोड़ रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में, एमएसएमई ने 5.70 करोड़ उद्यम पंजीकरण का योगदान दिया है, जो आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है .
निर्यात क्षमता
भारत के एमएसएमई क्षेत्र ने पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामीण उद्योगों की बिक्री में 4 गुना वृद्धि की है, जो 33,135.90 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,55,673.13 करोड़ रुपये हो गई है (Source: PIB). इस वृद्धि ने न केवल रोजगार सृजन को बढ़ाया है, बल्कि भारत की निर्यात क्षमता को भी मजबूत किया है।
प्रमुख चुनौतियाँ
हालांकि, एमएसएमई क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे कि:
उपाय
एमएसएमई की स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
इस प्रकार, एमएसएमई क्षेत्र की स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
See lessधैर्यवान नेता ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें सभी पहचानते हैं, और ये वे लोग होते हैं जिनकी ओर लोग संकट के समय आशा और मार्गदर्शन के लिए मुड़ते हैं। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए
धैर्यवान नेता वे होते हैं, जिनकी पहचान संकट के समय की जाती है। ऐसे नेता न केवल अपनी स्थिरता से दूसरों को प्रेरित करते हैं, बल्कि वे संकट के समय में मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने धैर्य और अहिंसा के सिद्धांतों के माध्यम से लाखोंRead more
धैर्यवान नेता वे होते हैं, जिनकी पहचान संकट के समय की जाती है। ऐसे नेता न केवल अपनी स्थिरता से दूसरों को प्रेरित करते हैं, बल्कि वे संकट के समय में मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने धैर्य और अहिंसा के सिद्धांतों के माध्यम से लाखों लोगों को एकत्र किया। उनका नेतृत्व एक प्रेरणा बना, जिसने देशवासियों को संघर्ष के लिए तैयार किया।
दूसरा उदाहरण नेल्सन मंडेला का है, जिन्होंने रंगभेद के खिलाफ लड़ाई में धैर्य का परिचय दिया। 27 साल की जेल यात्रा के बाद, उन्होंने अपने देश को एकजुट करने का कार्य किया। उनके धैर्य और दृढ़ता ने दक्षिण अफ्रीका के लोगों को एक नयी दिशा दी।
इसके अलावा, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिन्हें “जनता का राष्ट्रपति” कहा जाता है, ने अपनी सरलता और धैर्य से युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने हमेशा शिक्षा और विज्ञान की शक्ति पर जोर दिया, जिससे उन्होंने युवाओं में आत्मविश्वास जगाया।
धैर्यवान नेता संकट के समय में लोगों को आशा और मार्गदर्शन देते हैं, जिससे समाज में स्थिरता और प्रगति की भावना बनी रहती है।
See lessभारत में तीव्र शहरीकरण के संदर्भ में, शहरी क्षेत्रों में पूंजी निवेश की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने हेतु म्युनिसिपल बॉण्ड्स के उपयोग पर चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत में शहरीकरण का परिदृश्य भारत में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, जिससे शहरी क्षेत्रों में पूंजी निवेश की आवश्यकता भी बढ़ रही है। वर्तमान में, शहरी जनसंख्या 282 मिलियन से बढ़कर 590 मिलियन होने की उम्मीद है। म्युनिसिपल बॉण्ड्स की भूमिका आवश्यक पूंजी: शहरी बुनियादी ढांचे के लिए $870 बिलियन से अधिक कीRead more
भारत में शहरीकरण का परिदृश्य
भारत में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, जिससे शहरी क्षेत्रों में पूंजी निवेश की आवश्यकता भी बढ़ रही है। वर्तमान में, शहरी जनसंख्या 282 मिलियन से बढ़कर 590 मिलियन होने की उम्मीद है।
म्युनिसिपल बॉण्ड्स की भूमिका
चुनौतियाँ
निष्कर्ष
म्युनिसिपल बॉण्ड्स के माध्यम से भारत के शहरीकरण की चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है, जिससे शहरों का समुचित विकास संभव हो सके।
See lessभारत के स्वास्थ्य सेवा प्रशासन में वैश्विक नेतृत्व के उभरने में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों पर चर्चा कीजिये। इसके सामने आने वाली चुनौतियों का विश्लेषण करें और विश्व मंच पर इसकी भूमिका को मजबूत करने के उपाय सुझाएँ। (200 शब्द)
भारत के स्वास्थ्य सेवा प्रशासन में नेतृत्व के प्रमुख कारक आयुष्मान भारत योजना: 2018 में शुरू की गई इस योजना ने 36 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की। यह गरीब परिवारों के लिए मुफ्त इलाज संभव बनाती है, जिससे स्वास्थ्य खर्च में 21% की कमी आई है। टीकाकरण कार्यक्रम: भारत ने कोविड-19 टीRead more
भारत के स्वास्थ्य सेवा प्रशासन में नेतृत्व के प्रमुख कारक
चुनौतियाँ
सुधार के उपाय
इन उपायों के माध्यम से, भारत वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकता है।
See lessबुद्धि से आप क्या समझते हैं ?
बुद्धि: परिभाषा और महत्व परिभाषा: बुद्धि वह क्षमता है, जिसके द्वारा व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करता है, उसे समझता है और विभिन्न समस्याओं का समाधान करता है। उदाहरण: किसी जटिल सवाल को हल करना या नये वातावरण में शीघ्र समायोजित होना बुद्धि का उदाहरण है। महत्व: बुद्धि से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्Read more
बुद्धि: परिभाषा और महत्व
पूर्वाग्रह एवं भेदभाव में क्या अन्तर है?
पूर्वाग्रह और भेदभाव में अंतर पूर्वाग्रह: यह किसी व्यक्ति या समूह के प्रति पूर्वनिर्धारित नकारात्मक विचार होते हैं, जो बिना किसी वास्तविक अनुभव या आधार के होते हैं। उदाहरण: किसी विशेष जाति के लोगों के बारे में नकारात्मक सोच रखना। भेदभाव: यह पूर्वाग्रह के आधार पर किसी व्यक्ति या समूह के साथ भेदभावपूरRead more
पूर्वाग्रह और भेदभाव में अंतर
अनुनयी संचार से आप क्या समझते हैं ?
अनुनयी संचार (Persuasive Communication) अनुनयी संचार वह प्रक्रिया है, जिसमें किसी व्यक्ति या समूह को किसी विचार, दृष्टिकोण या क्रिया को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह संचार तर्क, भावना या विश्वसनीयता का उपयोग कर किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक शिक्षक छात्रों को अच्छे अंक लाने के लिए प्रेरितRead more
अनुनयी संचार (Persuasive Communication)
अनुनयी संचार वह प्रक्रिया है, जिसमें किसी व्यक्ति या समूह को किसी विचार, दृष्टिकोण या क्रिया को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह संचार तर्क, भावना या विश्वसनीयता का उपयोग कर किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक शिक्षक छात्रों को अच्छे अंक लाने के लिए प्रेरित करता है।
See lessमनोवृत्ति के दो महत्त्वपूर्ण कार्य लिखिए ।
मनोवृत्ति के दो महत्त्वपूर्ण कार्य अनुकूलन कार्य: मनोवृत्तियाँ व्यक्ति को अपने पर्यावरण में अनुकूल बनाने में मदद करती हैं। उदाहरण स्वरूप, सकारात्मक मनोवृत्ति वाले व्यक्ति में नई परिस्थितियों के साथ सामंजस्य स्थापित करने की क्षमता होती है। रक्षात्मक कार्य: मनोवृत्तियाँ व्यक्ति को मानसिक तनाव से बचानेRead more
मनोवृत्ति के दो महत्त्वपूर्ण कार्य