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बुनियादी ढांचे और कला एवं शिल्प क्षेत्र पर विशेष बल देते हुए, रेखांकित कीजिए कि पर्यटन भारत में अन्य क्षेत्रों को कैसे प्रभावित करता है।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
पर्यटन का अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव पर्यटन एक महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र है जो बुनियादी ढांचे, कला, और शिल्प क्षेत्र को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में पर्यटन अन्य क्षेत्रों को कई तरीकों से प्रभावित करता है। आर्थिक प्रभाव: पर्यटन अन्य क्षेत्रों को आर्थिक रूप से सशक्त करता है। यहRead more
पर्यटन का अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव
पर्यटन एक महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र है जो बुनियादी ढांचे, कला, और शिल्प क्षेत्र को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में पर्यटन अन्य क्षेत्रों को कई तरीकों से प्रभावित करता है।
पर्यटन का संतुलित एवं सावधानीपूर्वक प्रबंधन अन्य क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
See lessपश्चिमी घाट में होने वाले भूस्खलन हिमालय में होने वाले भूस्खलनों से किस प्रकार भिन्न हैं?(उत्तर 200 शब्दों में दें)
पश्चिमी घाट और हिमालय में होने वाले भूस्खलन के भिन्नताएँ पश्चिमी घाट और हिमालय में होने वाले भूस्खलन दोनों ही क्षेत्रों में पृथ्वी की तंत्रिका क्षमता के परिणाम स्वरूप होते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण भिन्नताएँ होती हैं। क्षेत्र: पश्चिमी घाट: यह भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है और यहाँ का भूस्खलनRead more
पश्चिमी घाट और हिमालय में होने वाले भूस्खलन के भिन्नताएँ
पश्चिमी घाट और हिमालय में होने वाले भूस्खलन दोनों ही क्षेत्रों में पृथ्वी की तंत्रिका क्षमता के परिणाम स्वरूप होते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण भिन्नताएँ होती हैं।
इन भिन्नताओं के बावजूद, भूस्खलन दोनों क्षेत्रों में जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं और सावधानी बरतनी चाहिए।
See lessपटल विरूपण की अवधारणा और इसमें शामिल प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
पटल विरूपण और शामिल प्रक्रियाएँ पटल विरूपण एक प्रक्रिया है जिसमें एक द्विआयामी वस्तु को तीसरे आयाम में प्रस्तुत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य वस्तु के समरूप स्वरूप का प्रस्तुतिकरण करना है। अवधारणा: पटल विरूपण भूखंडों के तीन आयामों का प्रस्तुतिकरण है। यह वस्तु की 3D रूपरेखा को 2D परिपथ में प्रस्तRead more
पटल विरूपण और शामिल प्रक्रियाएँ
पटल विरूपण एक प्रक्रिया है जिसमें एक द्विआयामी वस्तु को तीसरे आयाम में प्रस्तुत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य वस्तु के समरूप स्वरूप का प्रस्तुतिकरण करना है।
पटल विरूपण डिजाइनिंग, चित्रण, और अन्य क्षेत्रों में उपयोग होता है। यह व्यापक रूप से विज्ञान, तकनीक, और कला में भी उपयोग किया जाता है।
See lessविभिन्न प्रकार की भूकंपीय तरंगों पर प्रकाश डालते हुए, छाया क्षेत्रों के उद्भव की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भूकंपीय तरंगों के प्रकाश में छाया क्षेत्रों का उद्भव एक महत्वपूर्ण भौतिकीय प्रक्रिया है। भूकंपीय तरंगें विभिन्न प्रकार की होती हैं और उनका प्रकार उसके उत्पन्न कारणों पर निर्भर करता है। प्रमुख भूकंपीय तरंगें: पी वेव्स (P-waves): ये सबसे तेज गति से आती हैं और अस्थिरता की दिशा में आगे बढ़ती हैं। एस वेवRead more
भूकंपीय तरंगों के प्रकाश में छाया क्षेत्रों का उद्भव एक महत्वपूर्ण भौतिकीय प्रक्रिया है। भूकंपीय तरंगें विभिन्न प्रकार की होती हैं और उनका प्रकार उसके उत्पन्न कारणों पर निर्भर करता है।
इन प्रक्रियाओं के माध्यम से हम भूकंपीय तरंगों और उनके प्रकाश में छाया क्षेत्रों के उद्भव को विस्तार से समझ सकते हैं।
See lessहिमनदों के संचलन द्वारा निर्मित विभिन्न अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
हिमनदी संचलन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिससे हिमनदों के अभियांत्रिक संचालन द्वारा विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियों का निर्माण होता है। यह आकृतियाँ अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों में सम्मिलित होती हैं। अपरदित भू-आकृतियाँ: भवन और अवसानीय निर्माण: हिमनदी संचालन से अपरदित भू-आकृतियाँ जैसे बांध, बांध का पRead more
हिमनदी संचलन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिससे हिमनदों के अभियांत्रिक संचालन द्वारा विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियों का निर्माण होता है। यह आकृतियाँ अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों में सम्मिलित होती हैं।
हिमनदी संचलन द्वारा उपर्युक्त भू-आकृतियाँ निर्मित होती हैं जो विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करती हैं और जल संसाधनों का प्रबंधन सुनिश्चित करती हैं।
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