- भारत का दूरसंचार क्षेत्र 1.18 बिलियन ग्राहकों के साथ तेजी से बढ़ रहा है। (दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की रिपोर्ट)
- शहरी-ग्रामीण टेलीघनत्व में महत्वपूर्ण अंतर बना हुआ है।
मुख्य कारक
- 5G का तेजी से विस्तार
- भारत में 4.48 लाख 5G बेस स्टेशनों में से 3.03 लाख फाइबरयुक्त हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) रिपोर्ट
- AI और IoT जैसे नए अनुप्रयोगों को सक्षम कर रहा है।
- स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुँच
- स्मार्टफोन की बढ़ती affordability से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपयोग बढ़ा है। (भारतनेट रिपोर्ट)
- 2026 तक भारत में 1 बिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की उम्मीद। (एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट)
- सरकारी नीति समर्थन
- स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण युक्तिकरण और FDI उदारीकरण जैसे सुधार। सिस्को वार्षिक इंटरनेट रिपोर्ट)
- Telecom PLI योजना ने 3,400 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया।
- डेटा उपभोग में वृद्धि
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डेटा उपभोक्ता बन गया है।
- OTT वीडियो उपयोगकर्ताओं की संख्या 634.31 मिलियन तक पहुँचने की उम्मीद।(स्टैटिस्टा रिपोर्ट)
- स्वदेशी विनिर्माण और R&D
- आत्मनिर्भर भारत के तहत घरेलू उपकरणों का उत्पादन बढ़ा है।
- वित्त वर्ष 2023-24 में निर्यात 1.49 लाख करोड़ रुपए से अधिक। (वाणिज्य मंत्रालय)
प्रमुख मुद्दे
- ग्रामीण-शहरी डिजिटल डिवाइड
- शहरी टेलीघनत्व 131.01% और ग्रामीण 58.31% है।
- केवल 30.4% गाँवों में ब्रॉडबैंड उपलब्ध है।
- उच्च स्पेक्ट्रम लागत
- भारतीय ऑपरेटरों का 4.09 लाख करोड़ रुपए का संयुक्त ऋण।
- प्राइस वॉर के कारण औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (ARPU) में गिरावट।
- वहनीयता और 5G पहुँच
- 5G स्मार्टफोन महंगे हैं, जिससे निम्न आय वर्ग के उपयोगकर्ताओं के लिए पहुंच मुश्किल।
- साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता
- बढ़ते साइबर खतरे और अविश्वसनीय विदेशी उपकरणों की उपस्थिति।
- नियामक अनिश्चितता
- OTT सेवाओं के साथ संघर्ष, जो नेटवर्क बुनियादी अवसंरचना की लागत में योगदान नहीं करतीं।
सुधार के उपाय
- ग्रामीण कनेक्टिविटी बढ़ाना
- फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क और उपग्रह-आधारित इंटरनेट का विस्तार।
- स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण को युक्तिसंगत करना
- दीर्घकालिक भुगतान लचीलापन और उपयोग दक्षता को प्राथमिकता।
- साइबर सुरक्षा को मजबूत करना
- एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और नियमित साइबर सुरक्षा ऑडिट को अनिवार्य करना।
- OTT सेवाओं का विनियमन
- उचित राजस्व-साझाकरण तंत्र स्थापित करना।
- स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देना
- PLI योजनाओं का विस्तार और स्वदेशी अनुसंधान को प्रोत्साहित करना।
आगे की राह
- भारत का दूरसंचार क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जो विनियामक, वित्तीय और तकनीकी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
- रणनीतिक सुधारों और निवेशों के साथ, भारत एक वैश्विक दूरसंचार महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।