भारतीय कृषि में 1991 से संवृद्धि एवं उत्पादकता की प्रवृत्तियों की व्याख्या कीजिये। बिहार में कृषि उत्पादन और उसकी उत्पादकता को बढ़ाने के लिये क्या व्यावहारिक उपाय किये जाने चाहिये। [65वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2019]
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भारतीय कृषि में 1991 से संवृद्धि एवं उत्पादकता की प्रवृत्तियाँ
भारत में 1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद कृषि क्षेत्र ने कई बदलाव देखे। यह परिवर्तन वैश्विक व्यापार, तकनीकी उन्नति, और नीतिगत सुधारों का परिणाम था।
1. संवृद्धि की प्रवृत्तियाँ
2. उत्पादकता की प्रवृत्तियाँ
बिहार में कृषि उत्पादन और उत्पादकता की स्थिति
1. वर्तमान स्थिति
2. चुनौतियाँ
बिहार में कृषि सुधार के व्यावहारिक उपाय
1. सिंचाई का विकास
2. मशीनीकरण और तकनीकी उन्नति
3. भंडारण और विपणन सुधार
4. फसल विविधीकरण
5. सहकारिता और क्रेडिट सुधार
निष्कर्ष
1991 के बाद भारतीय कृषि ने संवृद्धि और उत्पादकता में सुधार देखा, लेकिन क्षेत्रीय असमानताएँ बनी रहीं। बिहार में कृषि क्षेत्र की प्रगति के लिए तकनीकी उन्नति, सिंचाई, और विपणन सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। इन सुधारों से कृषि को अधिक उत्पादक और लाभदायक बनाया जा सकता है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।