प्रश्न का उत्तर अधिकतम 300 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 15 अंक का है। [MPPSC 2019]
राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के महत्त्व की व्याख्या कीजिए और इस बात पर प्रकाश डालिए कि यह किस प्रकार मौलिक अधिकारों से भिन्न हैं।
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राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का महत्त्व
राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy) भारतीय संविधान के भाग IV में शामिल हैं और यह सरकार को यह निर्देश देते हैं कि वे कानून बनाने और नीतियों को लागू करते समय समाज में सामाजिक और आर्थिक समानता लाने के लिए कदम उठाएं। ये सिद्धांत संविधान के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करते हैं।
1. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का उद्देश्य
2. मौलिक अधिकारों से भिन्नता
3. भिन्नता का उदाहरण
निष्कर्ष
राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत और मौलिक अधिकार दोनों संविधान में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनकी प्रकृति में अंतर है। नीति निदेशक सिद्धांत सरकार को मार्गदर्शन करते हैं, जबकि मौलिक अधिकार नागरिकों के संरक्षण के लिए अनिवार्य और कानूनी रूप से लागू होते हैं। यह दोनों मिलकर भारतीय समाज के समग्र विकास में योगदान करते हैं, जहां नीति निदेशक सिद्धांत सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, जबकि मौलिक अधिकार नागरिकों के बुनियादी अधिकारों की सुरक्षा करते हैं।