भारतीय कृषि में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है? इसकी गणना करने की विभिन्न विधियों को समझायें । [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2023]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भारतीय कृषि में एक महत्वपूर्ण सरकारी नीति है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के लिए एक निश्चित न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करना है। यह किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से सुरक्षा प्रदान करता है और उन्हें अपनी लागत की वसूली में मदद करता है। MSP की घोषणा आमतौर पर खरीफ और रबी फसलों के लिए की जाती है।
MSP की गणना करने के लिए विभिन्न विधियाँ अपनाई जाती हैं:
1. कृषि लागत की गणना: MSP की गणना में कुल उत्पादन लागत (C2) का उपयोग किया जाता है, जिसमें भूमि, श्रम, और अन्य संसाधनों की लागत शामिल होती है। C2 लागत के तहत, वास्तविक लागत के साथ-साथ आवास और मौद्रिक लागत भी जोड़ी जाती है।
2. सरकारी मानक मूल्य: MSP को कृषि उत्पादों की मांग और आपूर्ति के आधार पर भी निर्धारित किया जाता है। यदि किसी विशेष उत्पाद की मांग अधिक है, तो MSP को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
3. कृषि विकास आयोग की सिफारिशें: केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं को ध्यान में रखते हुए, आयोग कृषि उत्पादों के लिए उचित MSP की सिफारिश करता है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल सके।
4. बाजार स्थितियों का विश्लेषण: कृषि उत्पादों के बाजार में उतार-चढ़ाव और वैश्विक बाजार की स्थितियों को भी MSP की गणना में शामिल किया जाता है।
इन विधियों से MSP को सुनिश्चित करके, सरकार कृषि क्षेत्र की स्थिरता और किसानों की आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देती है।