प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्द में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2022]
भारतीय संविधान की प्रस्तावना की विषयवस्तु को समझाइएं।…
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भारतीय संविधान की प्रस्तावना संविधान का आत्मकथन है, जो देश के मूल उद्देश्य, सिद्धांतों और लक्ष्यों को स्पष्ट करती है। यह प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में परिभाषित करती है। इसमें स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा और न्याय के मूलभूत मूल्यों को उजागर किया गया है।
प्रस्तावना में “हम, भारत के लोग” का उल्लेख किया गया है, जो यह दर्शाता है कि यह संविधान जनता द्वारा और जनता के लिए बनाया गया है। “संप्रभुता” का तात्पर्य है कि भारत का कोई भी बाहरी प्रभाव या नियंत्रण नहीं होगा। “समाजवादी” शब्द यह सुनिश्चित करता है कि समाज में समानता और सामाजिक न्याय स्थापित किया जाएगा।
“धर्मनिरपेक्षता” का अर्थ है कि राज्य सभी धर्मों के प्रति समान रूप से सम्मान प्रकट करेगा। “लोकतंत्र” का सिद्धांत यह दर्शाता है कि देश में जनता द्वारा चुनी गई सरकार होगी। अंत में, “न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे” के मूल्यों को सुनिश्चित करना प्रस्तावना का मुख्य उद्देश्य है।
इस प्रकार, भारतीय संविधान की प्रस्तावना देश की आत्मा और उसकी प्रेरणास्त्रोत है, जो नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करती है।