महिला सशक्तिकरण से क्या आशय है? क्या उत्तराखण्ड में नगर और ग्राम पंचायतों में उनकी भागीदारी बढ़ने से इस दिशा में प्रगति हुई है? [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2012]
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महिला सशक्तिकरण से आशय
महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं को समान अधिकार, सुविधाएँ, और अवसर प्रदान करना ताकि वे अपनी आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक स्थिति में सुधार कर सकें। इसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उन्हें शक्ति प्रदान करना, और उनके निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना है। यह सशक्तिकरण उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में भी सुधार की दिशा में कार्य करता है।
उत्तराखंड में महिला भागीदारी की स्थिति
उत्तराखंड में नगर और ग्राम पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक सकारात्मक कदम है। 73वें और 74वें संविधान संशोधन के तहत ग्राम पंचायतों और नगरपालिकाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, महिलाओं ने स्थानीय प्रशासन में सक्रिय भागीदारी बढ़ाई है।
हाल के उदाहरण में, उत्तराखंड में महिला प्रधानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, और कई महिलाओं ने विकास कार्यों को सफलतापूर्वक चलाया है, जैसे जल संचय परियोजनाओं और सामाजिक कल्याण योजनाओं का नेतृत्व। 2023 में, महिला सहकारी समितियों ने ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड में नगर और ग्राम पंचायतों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह कदम महिलाओं को राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के लिए मजबूत मंच प्रदान करता है।