कोरिया युद्ध के बाद कोरिया के विभाजन का क्या महत्व है? यह विभाजन किस प्रकार वैश्विक राजनीति को प्रभावित करता है?
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कोरिया युद्ध के बाद कोरिया के विभाजन का महत्व और इसका वैश्विक राजनीति पर प्रभाव
1. कोरिया का विभाजन:
कोरिया युद्ध (1950-1953) के समाप्ति के बाद, कोरियाई पेनिनसुला को 38वें पैरेलल के आधार पर दो भागों में विभाजित किया गया: उत्तर कोरिया (डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) और दक्षिण कोरिया (रिपब्लिक ऑफ कोरिया)। यह विभाजन 1953 में शांति संधि के बाद स्थायी रूप से स्थापित हुआ, जिसमें कोरियाई डेमिलिटरीज़ ज़ोन (DMZ) को दोनों देशों के बीच की सीमा के रूप में मान्यता दी गई।
2. विभाजन का महत्व:
3. वैश्विक राजनीति पर प्रभाव:
4. हाल के उदाहरण:
5. निष्कर्ष:
कोरिया का विभाजन शीत युद्ध के दौरान और उसके बाद वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण कारक रहा है। इसने साम्यवाद और पूंजीवाद के संघर्ष को स्पष्ट किया, और वैश्विक सुरक्षा, कूटनीति, और आर्थिक विकास पर प्रभाव डाला। कोरियाई पेनिनसुला का विभाजन आज भी वैश्विक राजनीति और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न समस्याएँ और अवसर अंतरराष्ट्रीय तंत्र में निरंतर ध्यान और समाधान की आवश्यकता को दर्शाते हैं।