स्वतंत्र भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में सरकार की नीतियों का क्या योगदान है? प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों का विश्लेषण करें।
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
स्वतंत्र भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में सरकार की नीतियों का योगदान
स्वतंत्र भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सरकार की नीतियों ने महत्वपूर्ण योगदान किया है। विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों ने देश के वैज्ञानिक और तकनीकी आधार को मजबूत किया है और अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित किया है। निम्नलिखित बिंदुओं में प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों का विश्लेषण किया गया है:
1. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान बोर्ड (CSIR)
CSIR (1942): यह बोर्ड भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया। CSIR ने ड्रग्स, संचार, रसायन विज्ञान और भौतिकी जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हाल ही में, CSIR ने COVID-19 वैक्सीन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
ISRO (1969): ISRO ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके प्रमुख मिशन जैसे कि चंद्रयान-1 (2008), मार्स ऑर्बिटर मिशन (2013), और चंद्रयान-3 (2023) ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया है। ISRO की गगनयान योजना भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान का सपना पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
3. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की योजनाएँ
मिशन मोड प्रोजेक्ट्स: सरकार ने कई मिशन मोड प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है जैसे कि स्वदेशी वैक्सीन विकास और मिशन इंडिया साइंटिफिक फ्रंटियर्स। ये परियोजनाएँ विशेष अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के लिए समर्पित हैं।
4. आयुष मंत्रालय
आयुष मंत्रालय (2014): इस मंत्रालय का उद्देश्य आयुर्वेद, योग, सिद्ध, सुनरीकृत, और होम्योपैथी जैसे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देना है। हाल ही में, योग और आयुर्वेद के अंतरराष्ट्रीय प्रमोशन के लिए कई कार्यक्रम और अभियान चलाए गए हैं।
5. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
डिजिटल इंडिया (2015): इस योजना का उद्देश्य डिजिटल अवसंरचना, डिजिटल साक्षरता, और डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत ई-गवर्नेंस, फाइबर टू द होम (FTTH), और प्रधानमंत्री जन धन योजना जैसे कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। यह कार्यक्रम भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र बनाने में सहायक रहा है।
6. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत
मेक इन इंडिया (2014): इस योजना का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन और उद्योगों में नवाचार को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
7. राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान
राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (NSTI): NSTI जैसे संस्थानों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा और शोध में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित किया है। ये संस्थान उच्च शिक्षा और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करते हैं।
उदाहरण:
इन पहलुओं के माध्यम से, सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जो भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रौद्योगिकी-प्रधान राष्ट्र बनाने में सहायक साबित हो रहे हैं।