प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023]
बाबा साहेब अम्बेडकर ने लोकतन्त्र को कैसे परिभाषित किया है?
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बाबा साहेब अम्बेडकर ने लोकतन्त्र को कैसे परिभाषित किया है
डॉ. भीमराव अम्बेडकर, भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रबल समर्थक, ने लोकतन्त्र को एक व्यापक दृष्टिकोण से परिभाषित किया। उनकी परिभाषा केवल चुनावी प्रक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक और आर्थिक समानता की महत्वपूर्ण बातें भी शामिल हैं।
अम्बेडकर का लोकतन्त्र का दृष्टिकोण:
हाल के उदाहरण और प्रासंगिकता:
निष्कर्ष:
बाबा साहेब अम्बेडकर ने लोकतन्त्र को एक समग्र दृष्टिकोण से परिभाषित किया, जिसमें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक आयाम शामिल हैं। उनके दृष्टिकोण ने यह सुनिश्चित किया कि लोकतन्त्र केवल वोट देने का अधिकार नहीं है, बल्कि समानता, सामाजिक न्याय, और आर्थिक समानता की गारंटी भी है। उनकी परिभाषा लोकतन्त्र के एक व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है, जो आज भी समाज की समानता और न्याय की दिशा में मार्गदर्शक सिद्ध होती है।