सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत क्या हैं? क्या वे सिविल के लिये आचार संहिता हैं? मूल्यांकन कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत और सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता
1. सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत
सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत, जो नोलेन कमेटी द्वारा परिभाषित किए गए थे, निम्नलिखित हैं:
1. स्वार्थहीनता (Selflessness): सार्वजनिक अधिकारियों को व्यक्तिगत लाभ के बजाय केवल जनहित में कार्य करना चाहिए। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में भारत में विभिन्न नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जैसे कि 2021 में विभिन्न नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप।
2. ईमानदारी (Integrity): अधिकारियों को ईमानदारी से कार्य करना चाहिए और उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखना चाहिए। हाल ही में, 2023 में एक प्रमुख भारतीय अधिकारी पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे, जिसने ईमानदारी के महत्व को उजागर किया।
3. वस्तुनिष्ठता (Objectivity): निर्णय merit और प्रमाणों के आधार पर होने चाहिए, व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों के आधार पर नहीं। उदाहरण के लिए, सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए पारदर्शी चयन प्रक्रियाओं का होना आवश्यक है।
4. जवाबदेही (Accountability): सार्वजनिक अधिकारी अपनी कार्रवाइयों और निर्णयों के लिए उत्तरदायी होने चाहिए। भारत में कोविड-19 राहत कोष के प्रबंधन पर निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रयास इसे दर्शाते हैं।
5. खुलापन (Openness): अधिकारियों को अपने निर्णय और कार्यों के बारे में पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए। सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम, जो भारत में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, इसी सिद्धांत को लागू करता है।
6. ईमानदारी (Honesty): सार्वजनिक अधिकारियों को धोखाधड़ी और गलत प्रतिनिधित्व से बचना चाहिए। यह सिद्धांत उन मामलों में महत्वपूर्ण है जहां सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग होता है।
7. नेतृत्व (Leadership): अधिकारियों को नैतिक व्यवहार का आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए और नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए। प्रभावी नेता अपने कार्यों से विश्वास और आदर्श स्थापित करते हैं।
2. आचार संहिता के रूप में मूल्यांकन
सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता: ये सिद्धांत सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता के रूप में काम करते हैं, जैसे कि भारतीय सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता और अन्य वैश्विक संहिताएं। ये सिद्धांत अधिकारियों को स्वार्थहीनता, ईमानदारी, और जवाबदेही के उच्च मानकों का पालन करने का निर्देश देते हैं।
वास्तविक अनुप्रयोग: हालांकि, इन सिद्धांतों के अनुप्रयोग में चुनौतियाँ होती हैं, जैसे कि भ्रष्टाचार और ब्यूरोक्रेटिक अड़चनें। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में विभिन्न भ्रष्टाचार विरोधी पहल और सुधार कार्यक्रमों ने इन सिद्धांतों को लागू करने के लिए प्रयास किए हैं।
निष्कर्ष: सार्वजनिक जीवन के सात सिद्धांत सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता के रूप में कार्य करते हैं, जो उनके नैतिक और पेशेवर आचरण को दिशा प्रदान करते हैं। इन सिद्धांतों का सही ढंग से पालन कर के ही अच्छी शासन व्यवस्था और जनविश्वास को बढ़ावा दिया जा सकता है।