समाज के कमजोर वर्गों के लिए विभिन्न आयोगों की बहुलता, अतिव्यापी अधिकारिता और प्रकायों के दोहरेपन की समस्याओं की ओर ले जाती है। क्या यह अच्छा होगा कि सभी आयोगों को एक व्यापक मानव अधिकार आयोग के छत्र में विलय कर दिया जाय? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। (250 words) [UPSC 2018]
आयोगों का विलय: एक व्यापक मानव अधिकार आयोग के लाभ
भारत में समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई आयोगों की उपस्थिति, जैसे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, और राष्ट्रीय महिला आयोग, समस्याओं को हल करने के बजाय नए मुद्दे उत्पन्न कर सकती है। इन आयोगों की बहुलता, अतिव्यापी अधिकारिता, और प्रक्रियाओं के दोहरेपन के कारण निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं:
1. अतिव्यापी अधिकारिता: विभिन्न आयोगों के पास समान या ओवरलैपिंग अधिकार और जिम्मेदारियाँ होती हैं, जिससे दायित्व और कार्यप्रणाली में स्पष्टता की कमी होती है। इससे फैसले लेने और कार्यवाई करने में देरी हो सकती है।
2. प्रक्रियाओं का दोहरा होना: आयोगों की प्रक्रियाओं में कई बार अनावश्यक जटिलताएँ और अभिनवाधाएं होती हैं, जिससे सभी मुद्दों का समाधान करना कठिन हो जाता है। यह कार्यशीलता और प्रभावशीलता को प्रभावित करता है।
3. संसाधनों की बर्बादी: विभिन्न आयोगों के लिए अलग-अलग संसाधन, कर्मचारी, और वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता होती है। यह बर्बादी और असामंजस्य उत्पन्न कर सकता है।
विलय के लाभ:
1. संगठित दृष्टिकोण: एक व्यापक मानव अधिकार आयोग सभी कमजोर वर्गों के मामलों को एक ही छत्र के तहत देखेगा, जिससे संघटनात्मक दक्षता और समन्वय में सुधार होगा।
2. संसाधनों का बेहतर उपयोग: एक ही आयोग के तहत संसाधनों का केंद्रित उपयोग होगा, जिससे लागत में कमी और प्रभावशीलता में वृद्धि होगी।
3. समाधान की गति: समस्याओं और शिकायतों पर त्वरित और समग्र समाधान संभव होगा, क्योंकि निर्णय प्रक्रिया और कार्यप्रणाली में एकरूपता होगी।
4. नागरिकों के लिए सरलता: नागरिकों को एकल पते पर शिकायत करने की सुविधा मिलेगी, जिससे सुविधा और सपोर्ट में सुधार होगा।
उपसंहार: समाज के कमजोर वर्गों के लिए विभिन्न आयोगों का विलय एक व्यापक मानव अधिकार आयोग के तहत किया जाना आवश्यक हो सकता है। इससे संसाधनों की बचत, कार्यप्रणाली में सुधार, और समन्वय में वृद्धि हो सकती है, जिससे सामाजिक न्याय और अधिकारों की रक्षा में प्रभावशीलता में सुधार होगा।