भारत में मलिन बस्तियों के निर्माण और इसके प्रसार के लिए उत्तरदायी कारकों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत इन-सीटू स्लम पुनर्विकास योजना में सुधार की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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भारत में मलिन बस्तियों के निर्माण और प्रसार के कारक
भारत में मलिन बस्तियाँ (slums) एक जटिल समस्या हैं, जिनके निर्माण और प्रसार के कई कारक हैं:
प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत इन-सीटू स्लम पुनर्विकास योजना में सुधार की आवश्यकता
1. योजना का दायरा और कार्यान्वयन
वर्तमान में, इन-सीटू स्लम पुनर्विकास योजना का कार्यान्वयन असमान है। योजना को अधिक समावेशी और व्यापक बनाने की आवश्यकता है ताकि सभी मलिन बस्तियों को शामिल किया जा सके।
2. वित्तीय और तकनीकी सहायता
स्थानीय निकायों को आवश्यक वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए। इसके साथ ही, निर्माण और पुनर्विकास के लिए समुदाय आधारित दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए ताकि स्थानीय जरूरतों और प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समायोजित किया जा सके।
3. सामाजिक और आर्थिक स्थिरता
मलिन बस्तियों के पुनर्विकास में केवल भौतिक पुनर्निर्माण पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता पर भी ध्यान देना चाहिए। रोजगार सृजन, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
4. जनसहभागिता और निगरानी
योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जनसहभागिता और पारदर्शिता को बढ़ावा देना चाहिए। स्थानीय निवासियों की भागीदारी से योजना की स्वीकार्यता बढ़ेगी और समस्याओं का समय पर समाधान हो सकेगा।
निष्कर्ष
मलिन बस्तियों की समस्या का समाधान एक बहुआयामी दृष्टिकोण की मांग करता है, जिसमें बेहतर नियोजन, वित्तीय प्रबंधन, और सामाजिक नीतियों का समन्वय शामिल हो। प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत इन-सीटू स्लम पुनर्विकास योजना में सुधार करके इस समस्या को प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सकता है।