भारत के स्टार्ट-अप परिवेश की उत्कृष्ट प्रगति के बावजूद, देश में डीप टेक स्टार्ट-अप्स विकसित करने की तत्काल आवश्यकता को कम करके नहीं आंका जा जा सकता है। स्पष्ट कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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भारत में स्टार्ट-अप परिवेश की उत्कृष्ट प्रगति के बावजूद, डीप टेक स्टार्ट-अप्स की विकास की तत्काल आवश्यकता को कम करके नहीं आंका जा सकता। डीप टेक स्टार्ट-अप्स, जो अत्याधुनिक तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, और क्वांटम कंप्यूटिंग पर आधारित होते हैं, देश की प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इन स्टार्ट-अप्स के अभाव में, भारत उन्नत तकनीक के क्षेत्र में पिछड़ सकता है और अपनी वैश्विक टेक्नोलॉजी सृजन की क्षमता खो सकता है। डीप टेक स्टार्ट-अप्स उच्च रिसर्च और विकास निवेश की मांग करते हैं, जिससे नई तकनीकों के आविष्कार और उनका व्यावसायिक उपयोग संभव हो सकता है।
इसके अलावा, इन स्टार्ट-अप्स से उभरने वाली नवाचारशील तकनीकें देश की सुरक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए, इनकी वृद्धि को बढ़ावा देना और उनके विकास में निवेश करना अत्यंत आवश्यक है।