“आर्थिक प्रदर्शन के लिए संस्थागत गुणवत्ता एक निर्णायक चालक है”। इस संदर्भ में लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के लिए सिविल सेवा में सुधारों के सुझाव दीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
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संस्थागत गुणवत्ता आर्थिक प्रदर्शन को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और सिविल सेवाओं की दक्षता और प्रभावशीलता लोकतंत्र की मजबूती में योगदान करती है। लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के लिए सिविल सेवा में निम्नलिखित सुधारों पर ध्यान देना आवश्यक है:
पारदर्शिता और जवाबदेही: सिविल सेवकों की नियुक्तियों, पदोन्नतियों, और कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए स्वतंत्र निगरानी तंत्र और उत्तरदायित्व की स्पष्ट प्रक्रियाएँ लागू करनी चाहिए।
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: सिविल सेवकों के लिए निरंतर प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि वे बदलती परिस्थितियों और तकनीकी परिवर्तनों से निपट सकें।
आवश्यक सुधार और पेशेवरता: सिविल सेवा की कार्यशैली में सुधार के लिए नियमों और प्रक्रियाओं की नियमित समीक्षा और आवश्यक बदलाव करना चाहिए। पेशेवरता को बढ़ावा देने के लिए उच्च मानक और आचार संहिता को लागू करना चाहिए।
डिजिटलीकरण और तकनीकी सुधार: कार्यप्रणालियों को डिजिटलीकरण के माध्यम से सुव्यवस्थित करना और आधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग करना चाहिए, जिससे कार्य दक्षता और जवाबदेही में सुधार हो सके।
इन सुधारों से सिविल सेवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता बढ़ेगी, जिससे लोकतंत्र की मजबूत नींव तैयार होगी और आर्थिक प्रदर्शन में सुधार होगा।