क्षेत्रवाद भारत के विकास में किस प्रकार की बाधाएँ उत्पन्न करता हैं ? (125 Words) [UPPSC 2023]
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क्षेत्रवाद और भारत के विकास में बाधाएँ
1. विकास असमानता: क्षेत्रवाद विकास योजनाओं और संसाधनों की असमान वितरण को बढ़ावा देता है। विशेष क्षेत्रों में संसाधनों और सुविधाओं की अनावश्यक प्राथमिकता अन्य क्षेत्रों के विकास को प्रभावित करती है।
2. राजनीतिक तनाव: क्षेत्रीय असंतोष और क्षेत्रीय दल कभी-कभी राजनीतिक स्थिरता को बाधित करते हैं। यह संघीयता और सामाजिक तानाबाना को कमजोर करता है, जैसे कि नकली राज्यों और राजनीतिक आंदोलन।
3. सामाजिक एकता: क्षेत्रवाद सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देता है, जिससे भिन्नताएँ और विरोधाभास उत्पन्न होते हैं। यह राष्ट्रीय सामाजिक एकता और समन्वय को प्रभावित करता है।
4. शासन में समस्या: स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार और अनियमितता की समस्या बढ़ती है, जो शासन और प्रशासन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
निष्कर्ष: क्षेत्रवाद भारत के विकास में विकास असमानता, राजनीतिक तनाव, सामाजिक एकता में कमी और शासन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न करता है, जिससे एकीकरण और समग्र विकास में बाधाएँ आती हैं।