संयुक्त परिवार का जीवन चक्र सामाजिक मूल्यों के बजाय आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है। चर्चा कीजिए । (150 words) [UPSC 2014]
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संयुक्त परिवार का जीवन चक्र पारंपरिक सामाजिक मूल्यों और आर्थिक कारकों दोनों से प्रभावित होता है, लेकिन आज के संदर्भ में आर्थिक कारकों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है।
आर्थिक कारक:
वित्तीय सहारा: संयुक्त परिवारों में आर्थिक संसाधनों का साझा उपयोग परिवार की आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करता है। घर के विभिन्न सदस्यों की आय और खर्च मिलाकर परिवार आर्थिक संकट का सामना कर सकता है।
भरण-पोषण की लागत: बढ़ती लागत और महंगाई के कारण परिवार आर्थिक रूप से एकजुट रहना पसंद करते हैं। यह विशेष रूप से वृद्ध माता-पिता की देखभाल और बच्चों की शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है।
सामाजिक मूल्य:
परंपरा और संस्कृति: पारंपरिक भारतीय समाज में संयुक्त परिवार सामाजिक मूल्यों जैसे परिवार की एकता, देखभाल और सम्मान को बढ़ावा देता है।
समाज में स्वीकार्यता: कुछ मामलों में, संयुक्त परिवार का अस्तित्व सामाजिक मान्यताओं और पारंपरिक धारणाओं पर निर्भर करता है।
हालांकि सामाजिक मूल्यों का महत्व रहता है, आर्थिक कारक आज के समय में संयुक्त परिवार की स्थिरता और अस्तित्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।