स्वतंत्र भारत में धार्मिकता किस प्रकार साम्प्रदायिकता में रूपांतरित हो गई, इसका एक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए धार्मिकता एवं साम्प्रदायिकता के मध्य विभेदन कीजिए । (250 words) [UPSC 2017]
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धार्मिकता और साम्प्रदायिकता के बीच विभेदन महत्वपूर्ण है, विशेषकर स्वतंत्र भारत में धार्मिकता के साम्प्रदायिकता में रूपांतरित होने की प्रक्रिया को समझने में।
धार्मिकता बनाम साम्प्रदायिकता:
उदाहरण:
गुजरात दंगों (2002) इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जिसमें धार्मिकता के साम्प्रदायिकता में रूपांतरित होने को देखा जा सकता है। इस घटना के मूल में, एक ट्रेन में आग लगने की दुर्घटना थी, जिसमें कई हिंदू तीर्थयात्री मारे गए थे। इस घटना ने धार्मिक उन्माद और भावनाओं को भड़काया, जिसे कुछ राजनीतिक समूहों ने साम्प्रदायिक माहौल उत्पन्न करने के लिए भुनाया।
धार्मिक भावनाओं को राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग किया गया, जिससे मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न का वातावरण बना। धार्मिकता, जो कि पहले व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विश्वासों पर आधारित थी, साम्प्रदायिकता में बदल गई, जहां धार्मिक पहचान और झगड़े सामाजिक और राजनीतिक एजेंडों के लिए उपयोग किए गए।
इस प्रकार, धार्मिकता से साम्प्रदायिकता का रूपांतरण व्यक्तिगत आस्था को राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष में बदल देता है, जो व्यापक सामाजिक विभाजन और हिंसा का कारण बनता है।