भारत मिसाईल लिमिटेड (बी.एम.एल.) के अध्यक्ष टीवी पर एक कार्यक्रम देख रहे थे जिसमें प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के विकास की आवश्यकता पर राष्ट्र को सम्बोधित कर रहे थे। अवचेतन रूप में उन्होंने हामी भरी और मन ही मन मुस्कुराते हुए ...
a. कल्याणकारी योजना से विकास योजना में राशि के पुनर्विनियोजन में निहित नीतिपरक मुद्दे सामाजिक प्रभाव: राष्ट्रीय आवास योजना (एन.एच.एस.) समाज के कमजोर वर्गों के लिए है। इस योजना से राशि पुनर्विनियोजित करने से, गरीबों को मिलने वाले आवासीय लाभों में विलम्ब हो सकता है, जो उनके जीवन स्तर और सामाजिक स्थिरतRead more
a. कल्याणकारी योजना से विकास योजना में राशि के पुनर्विनियोजन में निहित नीतिपरक मुद्दे
- सामाजिक प्रभाव: राष्ट्रीय आवास योजना (एन.एच.एस.) समाज के कमजोर वर्गों के लिए है। इस योजना से राशि पुनर्विनियोजित करने से, गरीबों को मिलने वाले आवासीय लाभों में विलम्ब हो सकता है, जो उनके जीवन स्तर और सामाजिक स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
- सार्वजनिक विश्वास: यदि कल्याणकारी योजनाओं से फंड हटाया जाता है, तो यह सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता और सार्वजनिक विश्वास को प्रभावित कर सकता है। लोगों का विश्वास टूट सकता है कि सरकार उनकी भलाई को प्राथमिकता देती है।
- राजनीतिक और कानूनी परिणाम: एन.एच.एस. की राशि का पुनर्विनियोजन राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो सकता है, विशेषकर चुनावी साल में। इससे सरकार की छवि और संसद में स्थिति कमजोर हो सकती है, जो विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों को जन्म दे सकती है।
- विकास परियोजनाओं की प्राथमिकता: हालांकि SEZ और गैस परियोजना राष्ट्रीय विकास और आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, इस पुनर्विनियोजन से यह संदेश मिल सकता है कि विकास परियोजनाओं को समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण पर प्राथमिकता दी जा रही है।
b. सार्वजनिक राशि के उचित उपयोग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, राजेश कुमार के समक्ष उपलब्ध विकल्पों का विवेचन कीजिए। क्या पदत्याग एक योग्य विकल्प है?
विकल्प:
- वैकल्पिक फंड स्रोत: राजेश कुमार एन.एच.एस. के फंड से धन पुनर्विनियोजित किए बिना, SEZ और गैस परियोजना के लिए वैकल्पिक फंड स्रोत खोज सकते हैं। उदाहरण के लिए, अन्य कम महत्वपूर्ण योजनाओं से धन हस्तांतरित करने पर विचार किया जा सकता है।
- फेज्ड फंडिंग: SEZ और गैस परियोजना के लिए फंड को चरणबद्ध तरीके से आवंटित करने की सिफारिश की जा सकती है, ताकि एन.एच.एस. को पूरी राशि का नुकसान न हो, और महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी समय पर पूर्ण हो सकें।
- अधिशेष बजट की मांग: राजesh कुमार एक अतिरिक्त बजट की मांग की सिफारिश कर सकते हैं, जिससे इन दोनों परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था हो सके बिना एन.एच.एस. के फंड को छेड़े।
- विवरण और दस्तावेजीकरण: यदि उपरोक्त विकल्प लागू नहीं होते, तो एन.एच.एस. के फंड के पुनर्विनियोजन से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का विस्तृत दस्तावेजीकरण किया जा सकता है और वरिष्ठ अधिकारियों और संबंधित समितियों को सूचित किया जा सकता है। इससे निर्णय लेने में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
पदत्याग का विकल्प: पदत्याग एक चरम विकल्प है और इसे तब तक विचार में लाना चाहिए जब तक कि अन्य सभी उपाय विफल न हो जाएं। यदि राजेश कुमार महसूस करते हैं कि उनका विरोध किसी नैतिक या कानूनी कारण से महत्वपूर्ण है और सभी प्रयासों के बावजूद उनकी आवाज़ नहीं सुनी जाती है, तो पदत्याग एक वैध विकल्प हो सकता है। यह एक सार्वजनिक और नैतिक स्टैंड हो सकता है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे प्रभावी ढंग से संबोधित हो सकते हैं।
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a. भारत जैसे उत्तरदायी देश के हथियार व्यापार में नीतिपरक मुद्दे वैश्विक शांति और सुरक्षा पर प्रभाव: हथियार निर्यात से संभावित रूप से संघर्षों को बढ़ावा मिल सकता है या आर्म्स रेस को प्रेरित किया जा सकता है। भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि निर्यातित हथियार वैश्विक शांति और सुरक्षा को नुकसान न पहुँचाRead more
a. भारत जैसे उत्तरदायी देश के हथियार व्यापार में नीतिपरक मुद्दे
हालिया उदाहरण: भारत का म्यांमार को आकाश मिसाइल प्रणाली निर्यात पर विचार, जहाँ इस निर्यात की संभावना और उसके मानवीय और क्षेत्रीय प्रभावों पर चिंतन आवश्यक है।
b. विदेशी सरकारों को हथियारों के विक्रय संबंधी निर्णय को प्रभावित करने वाले पाँच नीतिपरक कारक
हालिया उदाहरण: भारत का फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात, जिसमें यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस निर्यात का उपयोग केवल रक्षा उद्देश्यों के लिए हो और यह क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा दे।
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