राष्ट्रीय विनिर्माण नीति के उद्देश्य क्या हैं? ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘स्टार्ट अप इंडिया’ का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
बेरोज़गारी के विभिन्न प्रकार सीजनल बेरोजगारी: यह उन लोगों की बेरोजगारी है जो मौसमी कार्यों पर निर्भर होते हैं और जो किसी विशेष समय पर काम नहीं मिल पाने के कारण बेरोजगार होते हैं। उदाहरण: कृषि क्षेत्रों में कटाई के बाद बेरोजगारी। फ्रिक्शनल बेरोजगारी: यह अस्थायी बेरोजगारी है जो तब होती है जब लोग एक नौRead more
बेरोज़गारी के विभिन्न प्रकार
- सीजनल बेरोजगारी: यह उन लोगों की बेरोजगारी है जो मौसमी कार्यों पर निर्भर होते हैं और जो किसी विशेष समय पर काम नहीं मिल पाने के कारण बेरोजगार होते हैं। उदाहरण: कृषि क्षेत्रों में कटाई के बाद बेरोजगारी।
- फ्रिक्शनल बेरोजगारी: यह अस्थायी बेरोजगारी है जो तब होती है जब लोग एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी की तलाश में होते हैं। उदाहरण: नौकरी बदलने के दौरान कुछ समय के लिए बेरोजगारी।
- स्ट्रक्चरल बेरोजगारी: यह तब होती है जब कौशल की मांग और आपूर्ति के बीच असंगति होती है। उदाहरण: तकनीकी नवाचारों के कारण पुराने उद्योगों में कौशल की कमी।
- साइकलिकल बेरोजगारी: यह आर्थिक चक्र की अस्थिरता के कारण होती है, जैसे मंदी के समय। उदाहरण: आर्थिक मंदी के दौरान कारखानों और कंपनियों में छंटनी।
भारत में बेरोजगारी को दूर करने के प्रयास
- प्रधानमंत्री रोजगार योजना: छोटे और मध्यम उद्यमों को समर्थन देने के लिए ऋण और अनुदान प्रदान करना।
- महीला सशक्तिकरण और कौशल विकास: “स्किल इंडिया” कार्यक्रम के तहत विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास योजनाएँ।
- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA): ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिन का रोजगार प्रदान करके ग्रामीण बेरोजगारी को कम करना।
- उद्यमिता विकास योजनाएँ: “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना” और “स्टार्टअप इंडिया” जैसे कार्यक्रम, जो उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हैं और नए रोजगार के अवसर पैदा करते हैं।
- शिक्षा और कौशल विकास: शिक्षा में सुधार और व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देना, ताकि युवाओं को रोजगार योग्य बनाया जा सके।
इन प्रयासों से बेरोजगारी की समस्याओं को कम करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायता मिलती है, जिससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलता है।
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राष्ट्रीय विनिर्माण नीति के उद्देश्य 1. विनिर्माण जीडीपी में वृद्धि: उद्देश्य: राष्ट्रीय विनिर्माण नीति का उद्देश्य 2025 तक विनिर्माण क्षेत्र के जीडीपी में 25% योगदान बढ़ाना है। वर्तमान में, विनिर्माण का जीडीपी में योगदान लगभग 17% है। 2. रोजगार सृजन: उद्देश्य: युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करRead more
राष्ट्रीय विनिर्माण नीति के उद्देश्य
1. विनिर्माण जीडीपी में वृद्धि:
2. रोजगार सृजन:
3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
4. सतत विकास:
‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ का आलोचनात्मक मूल्यांकन
1. मेक इन इंडिया:
2. स्टार्ट अप इंडिया:
निष्कर्ष: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ दोनों ही भारत के विनिर्माण और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, इनकी सफलता निर्भर करती है मौजूदा चुनौतियों को दूर करने और प्रभावी कार्यान्वयन पर।
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