भारत की जनसंख्या नीति (2000) की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालिये। जनसंख्या स्थिरीकरण के लिये कुछ उपाय समुझाइये। (200 Words) [UPPSC 2021]
भारत में गरीबी और जनसंख्या वृद्धि: समालोचनात्मक परीक्षण जनसंख्या वृद्धि का कारण गरीबी: कुलीनता: गरीबी के कारण परिवार नियोजन और शिक्षा की कमी होती है, जिससे जन्म दर उच्च रहती है। उदाहरण: ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण लोग बड़े परिवार को आर्थिक सुरक्षा का साधन मानते हैRead more
भारत में गरीबी और जनसंख्या वृद्धि: समालोचनात्मक परीक्षण
जनसंख्या वृद्धि का कारण गरीबी:
- कुलीनता: गरीबी के कारण परिवार नियोजन और शिक्षा की कमी होती है, जिससे जन्म दर उच्च रहती है।
- उदाहरण: ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण लोग बड़े परिवार को आर्थिक सुरक्षा का साधन मानते हैं।
गरीबी का कारण जनसंख्या वृद्धि:
- सामर्थ्य: उच्च जनसंख्या वृद्धि संसाधनों पर दबाव डालती है, जिससे रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
- उदाहरण: बड़े परिवार और तेजी से बढ़ती जनसंख्या शहरों में अवसंरचना की कमी और गरीबी में वृद्धि करती है।
निष्कर्ष: भारत में गरीबी और जनसंख्या वृद्धि परस्पर संबंधित हैं। गरीबी जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देती है, और तेजी से बढ़ती जनसंख्या गरीबी की समस्या को गहरा करती है। दोनों कारकों के बीच की जटिल कड़ी को समझना और सुधारात्मक नीतियाँ लागू करना आवश्यक है।
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भारत की जनसंख्या नीति (2000): मुख्य विशेषताएँ जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य: भारत की जनसंख्या नीति 2000 का मुख्य उद्देश्य 2045 तक जनसंख्या को स्थिर करना है। इसमें उम्रदराज़ और सामाजिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या नियंत्रण को प्राथमिकता दी गई है। प्रजनन स्वास्थ्य: नीति में प्रजनन स्वास्थ्य परRead more
भारत की जनसंख्या नीति (2000): मुख्य विशेषताएँ
जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए उपाय
निष्कर्ष: भारत की जनसंख्या नीति 2000 जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, और प्रेरणा योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इन उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने से जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
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