प्रश्न का उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 06 अंक का है। [MPPSC 2019] सिंधु घाटी सभ्यता के धार्मिक जीवन का वर्णन कीजिए ।
मध्य प्रदेश में प्रमुख खनिजों का वितरण एवं उत्पादन मध्य प्रदेश खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य है, जहाँ विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। 1. कोयला सिंगरौली और कटंगी क्षेत्र में प्रमुख कोयला खदानें हैं। 2. लोहा अयस्क बालाघाट और सतना जिलों में लोहा अयस्क का उत्पादन होता है। 3. हीरा पन्ना जिले में हीरRead more
मध्य प्रदेश में प्रमुख खनिजों का वितरण एवं उत्पादन
मध्य प्रदेश खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य है, जहाँ विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।
1. कोयला
- सिंगरौली और कटंगी क्षेत्र में प्रमुख कोयला खदानें हैं।
2. लोहा अयस्क
- बालाघाट और सतना जिलों में लोहा अयस्क का उत्पादन होता है।
3. हीरा
- पन्ना जिले में हीरे की खदानें प्रसिद्ध हैं।
4. बॉक्साइट
- अलीराजपुर और झाबुआ में बॉक्साइट के बड़े भंडार हैं।
इन खनिजों का उपयोग उद्योगों और ऊर्जा उत्पादन में होता है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है।
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सिंधु घाटी सभ्यता के धार्मिक जीवन का वर्णन 1. देवी-देवताओं की पूजा सिंधु घाटी सभ्यता में धार्मिक जीवन का एक प्रमुख हिस्सा देवी-देवताओं की पूजा थी। यहां कई मूर्तियाँ मिली हैं, जिनमें प्रमुख "प्रजनन देवी" की मूर्ति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह मूर्ति धार्मिक आस्थाओं को दर्शाती है और संभवतः कृषि से जRead more
सिंधु घाटी सभ्यता के धार्मिक जीवन का वर्णन
1. देवी-देवताओं की पूजा
सिंधु घाटी सभ्यता में धार्मिक जीवन का एक प्रमुख हिस्सा देवी-देवताओं की पूजा थी। यहां कई मूर्तियाँ मिली हैं, जिनमें प्रमुख “प्रजनन देवी” की मूर्ति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह मूर्ति धार्मिक आस्थाओं को दर्शाती है और संभवतः कृषि से जुड़े धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा रही होगी।
2. पशुपति शिव की पूजा
एक प्रमुख देवता के रूप में “पशुपति” की पूजा की जाती थी, जिसे शिव का प्रारंभिक रूप माना जाता है। इस देवता की मूर्ति मोहेंजो-दड़ो से प्राप्त हुई, जो चार हाथों वाले मानव रूप में थी, और उसे एक गैंडे, हाथी, बाघ और भैंस से घेरा गया था।
3. धार्मिक स्थल
सिंधु घाटी सभ्यता में धार्मिक गतिविधियों के लिए विशेष स्थल बनाए गए थे। इनमें से कुछ स्थल सार्वजनिक स्नानगृहों और जलाशयों के पास थे, जैसे कि मोहनजोदड़ो का “ग्रेट बाथ”, जो धार्मिक या शुद्धिकरण उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता था।
4. जीव-जन्तु और प्रकृति की पूजा
प्रकृति और जीव-जन्तुओं को भी पूजा जाता था। सिंधु घाटी के लोग जल, वृक्ष, और पशुओं को पवित्र मानते थे, और यह उनके धार्मिक जीवन का अभिन्न हिस्सा था।
सारांश में, सिंधु घाटी सभ्यता के लोग अपने धार्मिक जीवन में प्रकृति और देवताओं की पूजा करते थे, और उनका जीवन धार्मिक आस्थाओं से गहरा जुड़ा हुआ था।
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