प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2023] भारत में लोकसेवकों में अनुशासन और उन पर नियन्त्रण काने में ‘लोकसेवकों के लिये आचार संहिता’ क्या भूमिका निभाती है? समझाइये।
सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता को सुधारने के लिए सुझाव सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि सरकारी अधिकारियों द्वारा कार्यों का निष्पक्ष और प्रभावी संचालन हो सके। इसके लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं, जो हालिया उदाहरणों के साथ प्रस्तुत हRead more
सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता को सुधारने के लिए सुझाव
सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि सरकारी अधिकारियों द्वारा कार्यों का निष्पक्ष और प्रभावी संचालन हो सके। इसके लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं, जो हालिया उदाहरणों के साथ प्रस्तुत हैं:
1. नैतिक शिक्षा और प्रशिक्षण को मजबूत बनाना:
- नियमित नैतिक प्रशिक्षण: सिविल सेवकों के लिए लगातार नैतिकता और सत्यनिष्ठा पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) में IAS अधिकारियों को नियमित रूप से नैतिकता पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
- केस स्टडीज और सिमुलेशन: नैतिक दुविधाओं को समझने और निपटाने के लिए केस स्टडीज और सिमुलेशन का उपयोग किया जाना चाहिए। हाल ही में, कर्नाटका प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान ने इंटरेक्टिव केस स्टडीज़ को अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल किया है।
2. पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना:
- डिजिटल गवर्नेंस: डिजिटल टूल्स और प्लेटफार्मों का उपयोग पारदर्शिता को बढ़ाता है और भ्रष्टाचार के अवसरों को कम करता है। डिजिटल इंडिया पहल और जन शिकायत निवारण प्रणाली इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
- नियमित ऑडिट और समीक्षा: सरकारी विभागों की नियमित ऑडिट और समीक्षा से भ्रष्टाचार और पक्षपात की संभावनाओं को पहचानने और सुधारने में मदद मिलती है। कंप्ट्रोलर और ऑडिटर जनरल (CAG) नियमित रूप से विभागों का ऑडिट करता है।
3. व्हिसलब्लोइंग और व्हिसलब्लोअर के लिए सुरक्षा को प्रोत्साहित करना:
- व्हिसलब्लोअर पॉलिसीज: भ्रष्टाचार की सूचना देने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले मजबूत पॉलिसीज लागू की जानी चाहिए। व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट, 2014 भारत में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले लोगों की सुरक्षा करता है।
- गुमनाम रिपोर्टिंग मैकेनिज़्म: गुमनाम तरीके से रिपोर्टिंग के लिए सुरक्षित चैनल उपलब्ध कराने से अधिक लोग भ्रष्टाचार की सूचना देने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने गुमनाम रिपोर्टिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म स्थापित किए हैं।
4. मेरिटोक्रेसी और निष्पक्षता को बढ़ावा देना:
- उद्देश्यात्मक प्रदर्शन मूल्यांकन: सुनिश्चित करना कि प्रदर्शन मूल्यांकन और पदोन्नति मेरिट और वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित हों। हाल ही में, विभिन्न राज्य सेवाओं ने प्रदर्शन आकलन को अधिक पारदर्शी और डेटा-ड्रिवन बनाने के लिए सुधार किए हैं।
- विविध भर्ती: विभिन्न पृष्ठभूमियों से उम्मीदवारों की भर्ती से पूर्वाग्रहों को कम किया जा सकता है। भारत सरकार की विविधता और समावेशिता की नीतियाँ इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास हैं।
5. सार्वजनिक सहभागिता और फीडबैक को बढ़ावा देना:
- सिटीजन फीडबैक मैकेनिज़्म: नागरिकों की फीडबैक के लिए प्लेटफॉर्म बनाना और सार्वजनिक सेवाओं के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करना। MyGov प्लेटफार्म नागरिकों को सरकार की पहलों पर फीडबैक देने की सुविधा प्रदान करता है।
- सार्वजनिक सुनवाई और परामर्श: महत्वपूर्ण नीतियों पर नियमित सार्वजनिक सुनवाई और परामर्श आयोजित करने से सिविल सेवक सार्वजनिक हितों और चिंताओं के प्रति उत्तरदायी रहते हैं। केंद्र सरकार के बजट परामर्श इसका एक उदाहरण है।
6. कठोर अनुशासनात्मक उपायों को लागू करना:
- आचार संहिता का कठोर प्रवर्तन: आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाइयाँ करना। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) और लोकपाल जैसे संस्थान आचार संहिता के पालन की निगरानी करते हैं।
- अधिकारी भ्रष्टाचार विरोधी अभियान: भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और इसे रोकने के लिए अभियानों का आयोजन। आनलाइन एंटी-करप्शन अभियान और सतर्कता सप्ताह इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
7. नेतृत्व द्वारा उदाहरण प्रस्तुत करना:
- वरिष्ठ नेताओं की भूमिका: वरिष्ठ सिविल सेवकों को नैतिकता और निष्पक्षता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी इस भूमिका को निभा सकते हैं।
- मान्यता और पुरस्कार: सत्यनिष्ठा और नैतिक व्यवहार के लिए अधिकारियों को मान्यता और पुरस्कार प्रदान करना प्रेरणा बढ़ा सकता है। सरकारी पुरस्कार और सार्वजनिक सम्मान इसके उदाहरण हैं।
इन सुझावों को अपनाकर, सिविल सेवाओं में सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता को बढ़ाया जा सकता है, जिससे सरकारी कार्यों की प्रभावशीलता और जनहित की सेवा सुनिश्चित हो सके।
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भारत में लोकसेवकों में अनुशासन और उन पर नियन्त्रण काने में 'लोकसेवकों के लिये आचार संहिता' की भूमिका परिचय भारत में लोकसेवकों के लिए आचार संहिता (Code of Conduct for Civil Servants) एक महत्वपूर्ण ढांचा है जो लोकसेवकों के आचरण को नियंत्रित करता है। यह आचार संहिता अनुशासन और नियंत्रण सुनिश्चित करने मेRead more
भारत में लोकसेवकों में अनुशासन और उन पर नियन्त्रण काने में ‘लोकसेवकों के लिये आचार संहिता’ की भूमिका
परिचय
भारत में लोकसेवकों के लिए आचार संहिता (Code of Conduct for Civil Servants) एक महत्वपूर्ण ढांचा है जो लोकसेवकों के आचरण को नियंत्रित करता है। यह आचार संहिता अनुशासन और नियंत्रण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे सरकार के संचालन में पारदर्शिता और सटीकता बनी रहती है।
1. स्पष्ट नैतिक मानक स्थापित करना
2. जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना
3. अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए ढांचा प्रदान करना
4. पेशेवरता और सत्यनिष्ठा को बढ़ावा देना
5. सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाना
6. नैतिक निर्णय लेने में सहायता
7. सतत पेशेवर विकास को प्रोत्साहित करना
निष्कर्ष
भारत में लोकसेवकों के लिए आचार संहिता अनुशासन और नियंत्रण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह स्पष्ट नैतिक मानक, जवाबदेही और पारदर्शिता, अनुशासनात्मक ढांचा, पेशेवरता और सत्यनिष्ठा को बढ़ावा देती है, सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाती है, नैतिक निर्णय लेने में सहायता करती है, और सतत पेशेवर विकास को प्रोत्साहित करती है। हाल के उदाहरण यह प्रदर्शित करते हैं कि आचार संहिता किस प्रकार प्रभावी रूप से दुराचार को नियंत्रित करती है और सिविल सेवाओं की दक्षता और विश्वसनीयता को बनाए रखती है।
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