प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023] रोबोटिक्स क्या है?
निषेधात्मक श्रम के क्षेत्र जिनका प्रबंधन रोबोटों द्वारा किया जा सकता है रोबोट उन श्रम क्षेत्रों में प्रभावी रूप से कार्य कर सकते हैं जो खतरनाक, दोहराव वाले, या अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता रखते हैं। खतरनाक वातावरण जैसे परमाणु संयंत्र, गहरे समुद्र की खोज, और खनन में रोबोट का उपयोग अत्यधिक लाभकारी है। उRead more
निषेधात्मक श्रम के क्षेत्र जिनका प्रबंधन रोबोटों द्वारा किया जा सकता है
रोबोट उन श्रम क्षेत्रों में प्रभावी रूप से कार्य कर सकते हैं जो खतरनाक, दोहराव वाले, या अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता रखते हैं। खतरनाक वातावरण जैसे परमाणु संयंत्र, गहरे समुद्र की खोज, और खनन में रोबोट का उपयोग अत्यधिक लाभकारी है। उदाहरण के लिए, जापान के फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र की सफाई में रोबोट का उपयोग किया जा रहा है, जहाँ मानवों के लिए काम करना असंभव है। दोहराव वाले कार्य जैसे असेम्बली लाइन ऑपरेशन में रोबोट का उपयोग उत्पादकता बढ़ाने और मानवीय त्रुटियों को कम करने में किया जा रहा है। सटीकता वाले कार्यों में, विशेष रूप से शल्य चिकित्सा में, दा विंची सर्जिकल सिस्टम जैसे रोबोट का उपयोग छोटे चीरे वाली सर्जरी के लिए किया जा रहा है, जिससे रोगियों के परिणाम बेहतर हो रहे हैं।
प्रमुख अनुसंधान संस्थानों में नवाचार को बढ़ावा देने वाली पहलें
रोबोटिक्स में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित पहलों को प्राथमिकता दी जा सकती है:
- वित्तपोषण और अनुदान: रोबोटिक्स अनुसंधान के लिए सरकार द्वारा वित्तपोषण बढ़ाया जाना चाहिए, जैसा कि भारत के नेशनल रोबोटिक्स प्रोग्राम (NRP) में देखा गया है।
- उद्योग-अकादमी सहयोग: उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच साझेदारी, जैसे आईआईटी और इसरो के बीच स्पेस रोबोटिक्स के लिए सहयोग, नवाचार को तेज कर सकते हैं।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: प्रमुख संस्थानों में समर्पित अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना, जैसे कि आईआईटी मद्रास का रोबोटिक्स सेंटर, उन्नत अनुसंधान के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान कर सकता है।
- कुशल कार्यबल का विकास: छात्रों और शोधकर्ताओं को उन्नत रोबोटिक्स में प्रशिक्षित करने के लिए कार्यक्रम, जैसे आईआईटी कानपुर के रोबोटिक्स कोर्स, यह सुनिश्चित करेंगे कि कुशल पेशेवरों की निरंतर आपूर्ति हो।
इन पहलों से मौलिक और लाभप्रद नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत को वैश्विक रोबोटिक्स क्रांति में अग्रणी स्थान प्राप्त होगा।
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रोबोटिक्स विज्ञान और इंजीनियरिंग का एक अंतःविषयक क्षेत्र है, जो रोबोटों के डिजाइन, निर्माण, संचालन, और उपयोग पर केंद्रित है। इसमें यांत्रिकी, विद्युत इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे विभिन्न विषय शामिल होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे मशीनों का विकास करना है जो मानव क्Read more
रोबोटिक्स विज्ञान और इंजीनियरिंग का एक अंतःविषयक क्षेत्र है, जो रोबोटों के डिजाइन, निर्माण, संचालन, और उपयोग पर केंद्रित है। इसमें यांत्रिकी, विद्युत इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे विभिन्न विषय शामिल होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे मशीनों का विकास करना है जो मानव क्षमताओं को सहायता, प्रतिस्थापित या पार कर सकें।
रोबोटिक्स के प्रमुख पहलू:
रोबोट ऐसे प्रोग्रामेबल मशीन होते हैं, जो स्वायत्त या अर्ध-स्वायत्त रूप से कार्यों की एक श्रृंखला को पूरा कर सकते हैं। इन्हें सेंसर और एक्ट्यूएटर के माध्यम से भौतिक दुनिया के साथ इंटरैक्ट करने के लिए डिजाइन किया जाता है। व्यावहारिक रूप में, रोबोट उन कार्यों को कर सकते हैं जो मानव के लिए खतरनाक, दोहरावपूर्ण या असंभव होते हैं। उदाहरण के लिए, रोबोट्स का उपयोग निर्माण उद्योगों में असेंबली, पेंटिंग, और वेल्डिंग जैसे कार्यों के लिए व्यापक रूप से किया जाता है।
भारत में रोबोटिक्स का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। मेक इन इंडिया पहल ने विनिर्माण के लिए स्वचालित रोबोटिक्स में रुचि को बढ़ावा दिया है। 2023 में, भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने सीमा सुरक्षा और युद्ध के लिए रक्षा रोबोट विकसित करने के लिए वैश्विक फर्मों के साथ साझेदारी की। इसके अलावा, भारतीय स्टार्टअप जैसे असीमोव रोबोटिक्स स्वास्थ्य सेवा और सेवा क्षेत्रों में ह्यूमनॉइड रोबोट्स का विकास कर रहे हैं।
रोबोटिक्स के विकास में चुनौतियाँ
निष्कर्ष
रोबोटिक्स एक तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र है, जिसका विभिन्न उद्योगों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। औद्योगिक स्वचालन से लेकर अंतरिक्ष अन्वेषण और स्वास्थ्य सेवा तक, रोबोट्स मानव-मशीन इंटरफेस और जटिल कार्यों के निष्पादन को बदल रहे हैं। जैसे-जैसे AI, मशीन लर्निंग, और सेंसर तकनीक में उन्नति हो रही है, रोबोट्स अधिक बुद्धिमान और स्वायत्त होते जा रहे हैं, जिससे कई वैश्विक चुनौतियों के समाधान मिल रहे हैं, वहीं इनके नैतिक उपयोग को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।
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