उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के विभिन्न चरणों की विवेचना कीजिए। भूमि सुधारों से भूमिहीन कृषि मजदूर कैसे लाभान्वित हुए ? (200 Words) [UPPSC 2023]
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उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के विभिन्न चरण 1. प्रारंभिक सुधार (1950-60 के दशक): भूमि सुधारों की शुरुआत में जमींदारी प्रथा के उन्मूलन की दिशा में प्रमुख कदम उठाए गए। उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1950 ने जमींदारी व्यवस्था समाप्त की और भूमिहीनों को भूमि वितरण की प्रक्रिया शुरूRead more
उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के विभिन्न चरण
1. प्रारंभिक सुधार (1950-60 के दशक): भूमि सुधारों की शुरुआत में जमींदारी प्रथा के उन्मूलन की दिशा में प्रमुख कदम उठाए गए। उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1950 ने जमींदारी व्यवस्था समाप्त की और भूमिहीनों को भूमि वितरण की प्रक्रिया शुरू की। इस अधिनियम से कृषि श्रमिकों को भूमि का अधिकार मिला और किरायेदार किसानों को भूमि पर सुरक्षा मिली।
2. भूमि समेकन (1960-70 के दशक): भूमि समेकन अधिनियम, 1953 के तहत भूमि के छोटे-छोटे टुकड़ों को एकीकृत कर बड़े और प्रबंधनीय खेतों में बदला गया। इससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि हुई और भूमि का उपयोग अधिक कुशलता से किया गया।
3. हरित क्रांति और आधुनिक सुधार (1970-80 के दशक): हरित क्रांति के दौरान उच्च उपजाऊ फसलों और सिंचाई अवसंरचना के प्रति ध्यान केंद्रित किया गया। इससे खेतों में उत्पादकता बढ़ी, जिससे भूमिहीन श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़े।
4. हालिया पहल (1990 के दशक-वर्तमान): उत्तर प्रदेश भूमि रिकॉर्ड और पट्टेदारी अधिनियम और डिजिटलीकरण ने भूमि अधिकारों को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया। इससे भूमिहीन श्रमिकों को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ प्राप्त हुआ।
भूमिहीन कृषि मजदूरों को लाभ:
1. भूमि वितरण: प्रारंभिक सुधारों के तहत भूमि का वितरण भूमिहीनों को किया गया, जिससे उन्हें खेती करने के लिए भूमि प्राप्त हुई।
2. पट्टेदारी अधिकार: जमींदारी उन्मूलन से किरायेदार किसानों को भूमि पर सुरक्षा मिली, जिससे भूमिहीन श्रमिकों को बेहतर परिस्थितियाँ और अधिकार प्राप्त हुए।
3. उत्पादकता में वृद्धि: भूमि समेकन और आधुनिक कृषि प्रथाओं ने कृषि उत्पादकता बढ़ाई, जिससे श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़े और वे बेहतर मजदूरी प्राप्त करने लगे।
4. सामाजिक सुरक्षा: हालिया सुधारों के अंतर्गत भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और भूमि अधिकारों का प्रबंधन भूमिहीन श्रमिकों को कानूनी अधिकार और सरकारी योजनाओं के लाभ प्रदान करने में सहायक साबित हुआ।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों ने भूमि वितरण, अधिकार सुनिश्चित करने, और श्रमिकों के लिए बेहतर जीवन स्थितियों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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