साइबरडोम परियोजना क्या है? स्पष्ट कीजिए कि भारत में इंटरनेट अपराधों को नियंत्रित करने में यह किस प्रकार उपयोगी हो सकता है। (150 words) [UPSC 2019]
साइबर स्पेस में निजी डाटा की सुरक्षा पर जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्णा समिति रिपोर्ट की खूबियाँ और खामियाँ खूबियाँ: व्यापक डेटा सुरक्षा ढांचा: रिपोर्ट ने व्यापक और मजबूत डेटा सुरक्षा ढांचा पेश किया है, जिसमें डेटा संग्रहण, प्रसंस्करण, और उपयोग के मानक और दिशा-निर्देश शामिल हैं। डेटा संरक्षण विधेयक का मसौRead more
साइबर स्पेस में निजी डाटा की सुरक्षा पर जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्णा समिति रिपोर्ट की खूबियाँ और खामियाँ
खूबियाँ:
- व्यापक डेटा सुरक्षा ढांचा: रिपोर्ट ने व्यापक और मजबूत डेटा सुरक्षा ढांचा पेश किया है, जिसमें डेटा संग्रहण, प्रसंस्करण, और उपयोग के मानक और दिशा-निर्देश शामिल हैं।
- डेटा संरक्षण विधेयक का मसौदा: समिति ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 का मसौदा तैयार किया, जो भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए सख्त प्रावधान करता है।
- सर्वेक्षण और निगरानी: रिपोर्ट ने डेटा सुरक्षा के साथ-साथ सर्वेक्षण और निगरानी की प्रणाली को भी सुसंगठित करने पर जोर दिया है, जिससे डेटा उल्लंघनों की रोकथाम की जा सके।
- डेटा लोकपाल की नियुक्ति: यह रिपोर्ट डेटा लोकपाल की नियुक्ति की सिफारिश करती है, जो व्यक्तिगत डेटा से संबंधित शिकायतों और विवादों का निवारण करेगा।
- वैश्विक मानक: रिपोर्ट ने वैश्विक मानकों के साथ संरेखण पर जोर दिया है, जो अंतरराष्ट्रीय डेटा सुरक्षा प्रथाओं के अनुरूप है।
खामियाँ:
- कार्यान्वयन की चुनौतियाँ: रिपोर्ट के कार्यान्वयन में विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्र की बाधाएँ आ सकती हैं, विशेष रूप से तकनीकी और कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
- समीक्षा की कमी: रिपोर्ट में विवादास्पद डेटा उपयोग और सर्वेक्षण के क्षेत्रों में सीमित समीक्षा की गई है, जो डेटा सुरक्षा के मौजूदा मुद्दों को पूरी तरह से संबोधित नहीं करती है।
- अनुपालन का अभाव: रिपोर्ट में अनुपालन के उपायों की कमी है, जिससे यह सुनिश्चित करना कठिन हो सकता है कि सभी संस्थान और कंपनियाँ डेटा सुरक्षा मानकों का पालन करें।
- निजता का संतुलन: कुछ आलोचकों का कहना है कि रिपोर्ट निजता और सुरक्षा के बीच संतुलन को सही ढंग से स्थापित नहीं करती, जिससे संभावित मानवाधिकार उल्लंघन हो सकते हैं।
निष्कर्ष: जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट ने भारत में डेटा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन इसके कार्यान्वयन और अनुपालन को लेकर कुछ चुनौतियाँ भी हैं। रिपोर्ट का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की रक्षा की जा सके।
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साइबरडोम परियोजना 1. परियोजना का विवरण: साइबरडोम एक सुरक्षा समाधान है, जिसे केरल पुलिस ने विकसित किया है। इसका उद्देश्य साइबर अपराध और इंटरनेट सुरक्षा के क्षेत्र में समन्वय और संगठित प्रयास को बढ़ावा देना है। यह परियोजना साइबर अपराधों के विश्लेषण, रिस्पांस और प्रिवेंशन के लिए एकीकृत मंच प्रदान करतीRead more
साइबरडोम परियोजना
1. परियोजना का विवरण:
2. इंटरनेट अपराधों पर प्रभाव:
3. हाल के उदाहरण:
साइबरडोम भारत में साइबर अपराध को नियंत्रित करने और सुरक्षा में सुधार लाने के लिए प्रभावी उपकरण के रूप में उभर रहा है।
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