साइबर सुरक्षा विज्ञान क्या है? इसका महत्त्व बताए। (125 Words) [UPPSC 2018]
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013: समालोचनात्मक मूल्यांकन और चुनौतियाँ 1. पृष्ठभूमि: साइबरस्पेस पर खतरे: भारत में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वृद्धि के साथ, साइबर हमलों, डेटा उल्लंघनों, और सूचना सुरक्षा की समस्याएँ बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 का उद्देश्य इन खतरों से निपटने के लिएRead more
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013: समालोचनात्मक मूल्यांकन और चुनौतियाँ
1. पृष्ठभूमि:
- साइबरस्पेस पर खतरे: भारत में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वृद्धि के साथ, साइबर हमलों, डेटा उल्लंघनों, और सूचना सुरक्षा की समस्याएँ बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 का उद्देश्य इन खतरों से निपटने के लिए एक ठोस ढांचा प्रदान करना है।
2. नीति के प्रमुख उद्देश्य:
- सूचना सुरक्षा: महत्वपूर्ण सूचना ढांचे की रक्षा करना।
- क्षमता निर्माण: साइबर सुरक्षा क्षमताओं को विकसित करना।
- जागरूकता और शिक्षा: साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
3. प्रभावी कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:
a. संरचनात्मक और संसाधन संबंधी बाधाएँ:
- संसाधनों की कमी: प्रभावी साइबर सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरण और प्रशिक्षित मानव संसाधन की आवश्यकता है। Cyber Swachhta Kendra जैसे प्रयासों के बावजूद, संसाधनों की कमी बनी रहती है।
- संयोजन की समस्याएँ: विभिन्न सरकारी एजेंसियों और विभागों के बीच समन्वय की कमी है, जो प्रभावी सुरक्षा उपायों को लागू करने में बाधक है।
b. कानूनी और विनियामक चुनौतियाँ:
- अपडेटेड कानूनों की कमी: मौजूदा साइबर सुरक्षा कानूनों को तेजी से बदलती तकनीकी और साइबर अपराधों की प्रकृति के साथ अनुकूलित किया जाना चाहिए। Information Technology Act, 2000 में कुछ सुधार हुए हैं, लेकिन समग्र सुरक्षा व्यवस्था की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।
- गोपनीयता और डेटा सुरक्षा: Personal Data Protection Bill, 2019 जैसे प्रस्तावित कानूनों में गोपनीयता की चिंताओं को संबोधित किया गया है, लेकिन उनका प्रभावी कार्यान्वयन अभी भी लंबित है।
c. प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन की कमी:
- कौशल की कमी: साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी है, जो सुरक्षा उल्लंघनों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- प्रशिक्षण की आवश्यकता: नियमित और व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की कमी है, जिससे सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता पर असर पड़ता है।
d. बदलते साइबर खतरों का सामना:
- तकनीकी उन्नति: साइबर खतरों की तेजी से बदलती प्रकृति नीति की प्रभावशीलता को चुनौती देती है। WannaCry रैंसमवेयर हमला जैसे घटनाओं ने सुरक्षा खामियों को उजागर किया है।
4. सुधार के सुझाव:
a. संसाधन और संरचनात्मक सुधार:
- प्रौद्योगिकी में निवेश: आधुनिक साइबर सुरक्षा उपकरण और तकनीकी ढांचे में निवेश बढ़ाना।
- संयोजन सुधार: विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना।
b. कानूनी सुधार:
- कानूनों का अद्यतन: नियमित रूप से साइबर सुरक्षा कानूनों और विनियमों को अद्यतन करना।
- डेटा सुरक्षा उपाय: डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के लिए प्रभावी तंत्र लागू करना।
c. क्षमता निर्माण:
- कौशल विकास: साइबर सुरक्षा में कौशल निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाना।
- जागरूकता अभियान: जन जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
d. अनुसंधान और विकास:
- R&D में निवेश: साइबर सुरक्षा के नए खतरों का सामना करने के लिए अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना।
निष्कर्ष: राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संरचनात्मक, कानूनी, और प्रौद्योगिकी से संबंधित चुनौतियों का समाधान आवश्यक है। इन चुनौतियों को दूर करने के लिए संसाधनों और रणनीतियों में सुधार और अद्यतन किए जाने चाहिए।
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साइबर सुरक्षा विज्ञान परिभाषा साइबर सुरक्षा विज्ञान डिजिटल सूचना प्रणालियों, नेटवर्क्स, और डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का अध्ययन है। यह अवैध पहुँच, डेटा क्षति, और साइबर हमलों से बचाव के लिए तकनीकों, उपकरणों, और प्रोटोकॉल्स को शामिल करता है। महत्त्व साइबर खतरों से सुरक्षा: मैलवेयर, रैंसमवेयर, औRead more
साइबर सुरक्षा विज्ञान
परिभाषा
साइबर सुरक्षा विज्ञान डिजिटल सूचना प्रणालियों, नेटवर्क्स, और डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का अध्ययन है। यह अवैध पहुँच, डेटा क्षति, और साइबर हमलों से बचाव के लिए तकनीकों, उपकरणों, और प्रोटोकॉल्स को शामिल करता है।
महत्त्व
इस प्रकार, साइबर सुरक्षा विज्ञान डिजिटल संपत्तियों की रक्षा, विश्वास बनाए रखने, और राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा की स्थिरता सुनिश्चित करता है।
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