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भारत में ऊर्जा संसाधनों की लगातार बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं? विशेष रूप से अक्षय एवं टिकाऊ ऊर्जा संसाधनों के सन्दर्भ में चर्चा कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
भारत में ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती माँग और अक्षय ऊर्जा के उपाय ऊर्जा की बढ़ती माँग भारत में ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है, जो औद्योगिक विकास, जनसंख्या वृद्धि, और शहरीकरण के कारण है। इसे पूरा करने के लिए सरकार ने अक्षय और टिकाऊ ऊर्जा संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैंRead more
भारत में ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती माँग और अक्षय ऊर्जा के उपाय
ऊर्जा की बढ़ती माँग
भारत में ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है, जो औद्योगिक विकास, जनसंख्या वृद्धि, और शहरीकरण के कारण है। इसे पूरा करने के लिए सरकार ने अक्षय और टिकाऊ ऊर्जा संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
अक्षय ऊर्जा संसाधनों के कदम
टिकाऊ ऊर्जा के प्रयास
हालिया उदाहरण: 2023 में, भारत ने ‘ग्रिड-इंटरकनेक्टेड सौर ऊर्जा’ परियोजना के तहत ‘हर घर सौर ऊर्जा’ योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सौर पैनल की स्थापना को बढ़ावा देना है।
सारांश: भारत अक्षय ऊर्जा संसाधनों के विकास और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, जिससे आने वाले वर्षों में ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
See lessभारत में वाणिज्यिक कोयला खनन के लाभों और इससे जुड़ी चुनौतियों की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
वाणिज्यिक कोयला खनन भारत में ऊर्जा उत्पादन और औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लाभ और चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं: लाभ: ऊर्जा सुरक्षा: कोयला भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह देश के बिजली उत्पादन का प्रमुख स्रोत है, जो औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है।Read more
वाणिज्यिक कोयला खनन भारत में ऊर्जा उत्पादन और औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लाभ और चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:
लाभ:
चुनौतियाँ:
इन लाभों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने सतत और जिम्मेदार खनन प्रथाओं को अपनाने की दिशा में प्रयास किए हैं, ताकि कोयला खनन के लाभ को अधिकतम किया जा सके और इसके नकारात्मक प्रभावों को न्यूनतम किया जा सके।
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