पूँजी बजट तथा राजस्व बजट के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए। इन दोनों बजटों के संघटकों को समझाइए । (150 words) [UPSC 2021]
लोक व्यय प्रबंधन: उत्तर-उदारीकरण अवधि के दौरान भारत सरकार की चुनौती 1. बढ़ती सार्वजनिक व्यय: वृद्धि का दबाव: उत्तर-उदारीकरण के बाद, भारत सरकार को सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने की आवश्यकता महसूस हुई। आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए संविधानिक खर्च और सामाजिक कल्याण योजनाएं जैसे महालक्ष्मी योजRead more
लोक व्यय प्रबंधन: उत्तर-उदारीकरण अवधि के दौरान भारत सरकार की चुनौती
1. बढ़ती सार्वजनिक व्यय:
- वृद्धि का दबाव: उत्तर-उदारीकरण के बाद, भारत सरकार को सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने की आवश्यकता महसूस हुई। आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए संविधानिक खर्च और सामाजिक कल्याण योजनाएं जैसे महालक्ष्मी योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरूआत की गई है। यह वृद्धि राजकोषीय दबाव को बढ़ा रही है।
2. राजकोषीय असंतुलन:
- वित्तीय घाटा: राजकोषीय घाटा और वित्तीय असंतुलन बजट प्रबंधन में बड़ी चुनौतियां हैं। 2019-20 के बजट में राजकोषीय घाटा 3.3% तक पहुंच गया, जो सार्वजनिक खर्च में वृद्धि का संकेत है और आर्थिक स्थिरता को प्रभावित करता है।
3. संसाधनों का असमान वितरण:
- वितरण की चुनौतियाँ: सरकारी खर्च का असमान वितरण विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के बीच वित्तीय विषमताएं उत्पन्न करता है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में वित्तीय सहायता की कमी ने विकास में रुकावट डाली है।
4. उच्च कर्ज और ब्याज भुगतान:
- कर्ज का बोझ: बढ़ते कर्ज और ब्याज भुगतान ने सरकारी बजट को सीमित कर दिया है। 2022-23 में भारत सरकार ने अपने कर्ज का 30% ब्याज भुगतान के रूप में खर्च किया, जिससे विकासात्मक खर्चों की गुंजाइश सीमित हो गई है।
5. भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन:
- निगरानी की कमी: सरकारी योजनाओं और लोक व्यय में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की समस्या रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) में फर्जी लाभार्थियों और भ्रष्टाचार के मामलों ने बजट प्रबंधन को चुनौती दी है।
उपसंहार: उत्तर-उदारीकरण के दौरान, बजट निर्माण के संदर्भ में लोक व्यय प्रबंधन एक जटिल चुनौती है। बढ़ते खर्च और राजकोषीय असंतुलन के बावजूद, संसाधन प्रबंधन, वित्तीय निगरानी, और संविधानिक सुधार के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
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पूंजी बजट और राजस्व बजट के मध्य अंतर **1. मुख्य अंतर: पूंजी बजट: यह दीर्घकालिक पूंजीगत खर्चों और निवेश को दर्शाता है, जैसे विकास परियोजनाएँ और इन्फ्रास्ट्रक्चर। इसका उद्देश्य स्थायी संपत्तियों का निर्माण और मौजूदा संपत्तियों का नवीनीकरण करना है। राजस्व बजट: यह बजट रोज़मर्रा के संचालन और नियमित खर्चोRead more
पूंजी बजट और राजस्व बजट के मध्य अंतर
**1. मुख्य अंतर:
**2. पूंजी बजट के घटक:
**3. राजस्व बजट के घटक:
निष्कर्ष: पूंजी बजट दीर्घकालिक विकास और स्थायी परियोजनाओं के लिए आवंटित होता है, जबकि राजस्व बजट रोजमर्रा के प्रशासनिक खर्चों और सेवाओं को संचालित करने के लिए होता है।
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