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खाद्य प्रसंस्करण और सम्बंधित उद्योगों को प्रोत्साहन देने के सम्बन्ध में भारत सरकार की नीतियों का मूल्यांकन कीजिये । (125 Words) [UPPSC 2023]
खाद्य प्रसंस्करण नीतियों का मूल्यांकन भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियों का कार्यान्वयन किया है: 1. राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति: इस नीति का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के GDP में योगदान बढ़ाना और निवेश को प्रोत्साहित करना है। 2. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधRead more
खाद्य प्रसंस्करण नीतियों का मूल्यांकन
भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियों का कार्यान्वयन किया है:
1. राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति: इस नीति का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के GDP में योगदान बढ़ाना और निवेश को प्रोत्साहित करना है।
2. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे वे उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल का उत्पादन कर सकें। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
3. उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना: इस योजना का लक्ष्य प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर और बृहन्य इंडस्ट्रीज ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है।
4. आत्मनिर्भर भारत अभियान: यह खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, जिससे खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में निवेश में वृद्धि हुई है।
इन पहलों से क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हुआ है, जिससे रोजगार का सृजन और खाद्य अपव्यय में कमी आई है।
See lessखाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के महत्व की व्याख्या कीजिए। साथ ही, भारत में सुदृढ़ लिंकेज स्थापित करने के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैकवर्ड लिंकेज का मतलब है कि प्रसंस्करण उद्योग की जरूरतों के अनुसार कृषि उत्पादकों के साथ कड़ी जुड़ाव बनाना। इससे किसानों को बेहतर मूल्य, तकनीकी सहायता और संसाधन मिलते हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ती है। उदाहरण के लिRead more
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैकवर्ड लिंकेज का मतलब है कि प्रसंस्करण उद्योग की जरूरतों के अनुसार कृषि उत्पादकों के साथ कड़ी जुड़ाव बनाना। इससे किसानों को बेहतर मूल्य, तकनीकी सहायता और संसाधन मिलते हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ती है। उदाहरण के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की मांग के अनुसार किसानों को सही फसल उगाने की सलाह दी जा सकती है।
फॉरवर्ड लिंकेज का तात्पर्य है कि प्रसंस्करण के बाद उत्पादों को बाजार में सही तरीके से पहुंचाना। इसमें वितरण चैनल, विपणन और खुदरा बिक्री की व्यवस्था शामिल है। यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद उपभोक्ताओं तक समय पर और अच्छे हालात में पहुंचे।
भारत में सुदृढ़ लिंकेज स्थापित करने में कई चुनौतियां हैं:
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर प्रयास करने होंगे, ताकि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में प्रभावी लिंकेज स्थापित किए जा सकें।
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