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उत्तर प्रदेश में पाये जाने वाले खनिजों का विवरण दीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
उत्तर प्रदेश में पाये जाने वाले खनिज **1. मुख्य खनिज: चूना पत्थर: उत्तर प्रदेश में चूना पत्थर की महत्वपूर्ण खनिज depositें हैं, विशेषकर मिर्ज़ापुर और सोनभद्र जिलों में। यह सीमेंट निर्माण और भवन सामग्री के लिए आवश्यक है। बालू और बजरी: गंगा और यमुना नदी के तटों पर बालू और बजरी के बड़े भंडार हैं, जो निRead more
उत्तर प्रदेश में पाये जाने वाले खनिज
**1. मुख्य खनिज:
**2. अन्य खनिज:
**3. हालिया विकास: उत्तर प्रदेश सरकार सतत खनन प्रथाओं और खनिज क्षेत्र के विकास पर ध्यान दे रही है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश में चूना पत्थर, बालू, बजरी, कोयला, और बॉक्साइट के भंडार हैं, और वर्तमान में इन खनिजों के सतत उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
See lessउत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के औद्योगिक विकास में खनिजों के महत्व का विश्लेषण करें । (200 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के औद्योगिक विकास में खनिजों के महत्व का विश्लेषण 1. खनिज संसाधनों का आर्थिक योगदान: बुन्देलखण्ड क्षेत्र में चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, और ग्रेनाइट जैसे खनिजों की प्रचुरता है। चूना पत्थर का उपयोग मुख्य रूप से सीमेंट निर्माण में होता है। उत्कर्ष सीमेंट प्लांट जैसे उद्Read more
उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के औद्योगिक विकास में खनिजों के महत्व का विश्लेषण
1. खनिज संसाधनों का आर्थिक योगदान: बुन्देलखण्ड क्षेत्र में चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, और ग्रेनाइट जैसे खनिजों की प्रचुरता है। चूना पत्थर का उपयोग मुख्य रूप से सीमेंट निर्माण में होता है। उत्कर्ष सीमेंट प्लांट जैसे उद्योग स्थानीय चूना पत्थर पर निर्भर करते हैं, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को संबल मिलता है और रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं।
2. अवसंरचना विकास: बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट का उपयोग निर्माण और अवसंरचना परियोजनाओं में किया जाता है। हाल ही में, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत सड़कों और पुलों का निर्माण स्थानीय बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से किया गया, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है।
3. औद्योगिक विकास और निवेश: खनिज संसाधनों की उपलब्धता औद्योगिक निवेश को आकर्षित करती है। आयरन ओर के भंडार ने छोटे पैमाने पर खनन संचालन और आयरन ओर आधारित उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा दिया है। भिलाई स्टील प्लांट ने हाल ही में इस क्षेत्र से कच्चे माल की आपूर्ति के लिए रुचि दिखाई है, जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला है।
4. चुनौतियाँ और सतत विकास: खनिज संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद, बुन्देलखण्ड क्षेत्र को संसाधन की कमी और पर्यावरणीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राष्ट्रीय खनिज नीति 2019 के तहत सतत खनन प्रथाओं और पुनर्निर्माण परियोजनाओं पर जोर दिया जा रहा है, ताकि औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बना रहे।
निष्कर्ष: खनिज बुन्देलखण्ड के औद्योगिक विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, जो आर्थिक विकास, अवसंरचना निर्माण और निवेश को प्रोत्साहित करते हैं। हालांकि, सतत प्रथाओं और प्रभावी संसाधन प्रबंधन की आवश्यकता है ताकि खनिज उपयोग क्षेत्र को लाभ पहुंचा सके और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को भी बनाए रखा जा सके।
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