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"बेईमान अधिकारियों के अभियोजन के लिये सरकार की स्वीकृति की आवश्यकता, भ्रष्टाचार के लिये एक सुरक्षा की ढाल है।" इस कथन का परीक्षण कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2020]
Government Sanction for Prosecuting Dishonest Officials as a Shield for Corruption 1. Protective Shield: The requirement of government sanction for prosecuting dishonest officials often serves as a barrier to combating corruption. This procedural hurdle can delay or obstruct legal actions against coRead more
Government Sanction for Prosecuting Dishonest Officials as a Shield for Corruption
1. Protective Shield: The requirement of government sanction for prosecuting dishonest officials often serves as a barrier to combating corruption. This procedural hurdle can delay or obstruct legal actions against corrupt practices. For instance, in the Aadhar data leak case, delays in obtaining sanction for prosecution have hampered swift legal responses.
2. Bureaucratic Delays: Bureaucratic red tape in obtaining sanction can be exploited to avoid accountability. The Vijay Mallya case illustrates how delays in sanctioning prosecution have allowed prolonged financial misconduct.
3. Accountability Evasion: The requirement can be misused to shield corrupt officials from legal consequences, thereby perpetuating corruption. For example, allegations against senior officials in the Delhi Police have faced delays due to this requirement.
Conclusion: While intended to prevent misuse of authority, the sanction requirement often acts as a protective shield for corruption, delaying justice and undermining accountability.
See lessशासन में पारदर्शिता के लिये 'सूचना के अधिकार' की भूमिका की विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2020]
'सूचना के अधिकार' (RTI) की भूमिका शासन में पारदर्शिता में 1. पारदर्शिता का संवर्धन: सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 ने सरकारी कार्यों को खुला और स्पष्ट बनाया है। यह नागरिकों को सरकारी दस्तावेज और प्रणालियों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है। हाल ही में, RTI आवेदन ने COVID-19 राहत पैकेज कीRead more
‘सूचना के अधिकार’ (RTI) की भूमिका शासन में पारदर्शिता में
1. पारदर्शिता का संवर्धन: सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 ने सरकारी कार्यों को खुला और स्पष्ट बनाया है। यह नागरिकों को सरकारी दस्तावेज और प्रणालियों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है। हाल ही में, RTI आवेदन ने COVID-19 राहत पैकेज की वितरण प्रक्रियाओं में गड़बड़ी को उजागर किया।
2. जवाबदेही: RTI के माध्यम से, सरकारी अधिकारियों को अपनी निर्णय प्रक्रिया और कार्यप्रणाली के प्रति जवाबदेह बनाता है। उदाहरण के लिए, मध्यप्रदेश में RTI के तहत शिक्षा विभाग की फंड आवंटन की जानकारी ने सुधार की दिशा में योगदान किया।
3. सार्वजनिक भागीदारी: RTI नागरिकों को सरकारी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की सुविधा देता है, जिससे सार्वजनिक निगरानी बढ़ती है।
निष्कर्ष: RTI शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है, जिससे कुशल और ईमानदार सरकारी प्रशासन को सुनिश्चित किया जा सकता है।
See lessभ्रष्टाचार-सूचक (ह्विसल ब्लोअर) संबंधित अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों, गलत काम और दुराचार की रिपोर्ट करता है। वह निहित स्वार्थों, आरोपी व्यक्तियों तथा उनकी टीम द्वारा गंभीर खतरे, शारीरिक नुकसान और उत्पीड़न के चपेट में आने का जोखिम उठाता है। आप भ्रष्टाचार-सूचक (हिसल ब्लोअर) की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा व्यवस्था हेतु किन नीतिगत उपायों का सुझाव देंगे? (150 words) [UPSC 2022]
भ्रष्टाचार-सूचक की सुरक्षा के लिए नीतिगत उपाय 1. कानूनी सुरक्षा: भ्रष्टाचार-सूचक संरक्षण अधिनियम जैसे सख्त कानूनी प्रावधान लागू करें। इसमें अवशोषण से सुरक्षा, वापसी के खिलाफ ठोस कानूनी उपाय, और कानूनी सहायता का प्रावधान होना चाहिए। 2. गोपनीयता सुनिश्चित करना: गोपनीय रिपोर्टिंग चैनल स्थापित करें जो सRead more
भ्रष्टाचार-सूचक की सुरक्षा के लिए नीतिगत उपाय
1. कानूनी सुरक्षा: भ्रष्टाचार-सूचक संरक्षण अधिनियम जैसे सख्त कानूनी प्रावधान लागू करें। इसमें अवशोषण से सुरक्षा, वापसी के खिलाफ ठोस कानूनी उपाय, और कानूनी सहायता का प्रावधान होना चाहिए।
2. गोपनीयता सुनिश्चित करना: गोपनीय रिपोर्टिंग चैनल स्थापित करें जो सुरक्षित और अज्ञात हों। डिजिटल प्लेटफार्मों पर एन्क्रिप्शन का उपयोग सुनिश्चित करें, जैसा कि यूनाइटेड किंगडम में किया गया है।
3. प्रभावी प्रवर्तन: सुरक्षा कानूनों के पालन की निगरानी और अवलोकन के लिए सख्त कदम उठाएं। नियमित ऑडिट और समिक्षा सुनिश्चित करें कि सुरक्षा प्रावधान प्रभावी हों।
4. प्रशिक्षण और जागरूकता: जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएं, जिससे भ्रष्टाचार-सूचक और अधिकारी अपने अधिकार और कर्तव्यों को समझ सकें।
5. समर्थन प्रणाली: उत्पीड़न का सामना करने वाले भ्रष्टाचार-सूचक को मनोवैज्ञानिक सहायता और वित्तीय समर्थन प्रदान करें।
इन उपायों से भ्रष्टाचार-सूचक की सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सकता है और उन्हें भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
See less"लोकसेवक के द्वारा कर्तव्य निर्वहण न करना एक प्रकार का भ्रष्टाचार है।" क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? तर्कसंगत व्याख्या कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2023]
लोकसेवक द्वारा कर्तव्य निर्वहण न करना और भ्रष्टाचार 1. कर्तव्य निर्वहण का महत्व कर्तव्य की जिम्मेदारी: लोकसेवकों का प्राथमिक कर्तव्य है सार्वजनिक हित में कार्य करना और सामाजिक सेवा सुनिश्चित करना। यदि वे अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते, तो यह न केवल प्रशासनिक कार्यक्षमता को प्रभावित करता है, बल्किRead more
लोकसेवक द्वारा कर्तव्य निर्वहण न करना और भ्रष्टाचार
1. कर्तव्य निर्वहण का महत्व
2. भ्रष्टाचार की परिभाषा
3. कर्तव्य की लापरवाही के परिणाम
निष्कर्ष: लोकसेवकों द्वारा कर्तव्य निर्वहण न करना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आ सकता है, विशेषकर जब इससे जनता को सीधी हानि होती है और प्रशासनिक प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि लोकसेवक अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं ताकि समाज की भलाई और प्रशासन की ईमानदारी सुनिश्चित की जा सके।
See lessवर्तमान समय में सोशल मीडिया का उपयोग जनता की राय को सकारात्मक या नकारात्मक तरीके से प्रभावित करने के लिए किया जाता है। एक लोकसेवक होने के नाते आप इस मुद्दे का समाधान कैसे करेंगे ? (200 Words) [UPPSC 2023]
सोशल मीडिया और जनता की राय: एक लोकसेवक के दृष्टिकोण से समाधान 1. सूचना का सत्यापन और फैलाव सत्यापन की प्रक्रिया: सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं और फेक न्यूज को रोकने के लिए सत्यापन की प्रक्रिया अपनानी चाहिए। उदाहरण के लिए, Fact Check Platforms जैसे BOOM Live और Alt News ने कई बार गलत सूचनाओं का पर्Read more
सोशल मीडिया और जनता की राय: एक लोकसेवक के दृष्टिकोण से समाधान
1. सूचना का सत्यापन और फैलाव
2. शिक्षा और जागरूकता
3. सक्रिय निगरानी और प्रतिक्रिया
निष्कर्ष: सोशल मीडिया का प्रभावी प्रबंधन के लिए, लोकसेवकों को सत्यापन, शिक्षा, और सक्रिय निगरानी के माध्यम से सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को संतुलित करना चाहिए। इससे जनता की राय को सही दिशा में प्रभावित किया जा सकता है और समाज में सूचना का उचित प्रवाह सुनिश्चित किया जा सकता है।
See lessसिविल सेवकों के बीच उदारता और वस्तुनिष्ठता को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है? अपना सुझाब दीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
सिविल सेवकों के बीच उदारता और वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा देने के सुझाव 1. प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ नैतिक और पेशेवर प्रशिक्षण: सिविल सेवकों के लिए नैतिकता, उदारता, और वस्तुनिष्ठता पर प्रशिक्षण आयोजित करें। आखिरी मील की सेवाओं के लिए संवेदनशीलता प्रशिक्षण जैसे नीति और नियमन को समझना, जैसे आयुष्मान भारत योRead more
सिविल सेवकों के बीच उदारता और वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा देने के सुझाव
1. प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ
2. पारदर्शिता और जवाबदेही
3. नेतृत्व और उदाहरण
4. फीडबैक और मूल्यांकन
निष्कर्ष: सिविल सेवकों के बीच उदारता और वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, पारदर्शिता, नेतृत्व, और मूल्यांकन जैसे उपाय प्रभावी हो सकते हैं, जो उन्हें अपने कर्तव्यों को नैतिक और प्रभावी ढंग से निभाने में मदद करेंगे।
See less"सूचना का छिपाव सार्वजनिक पहुंच और भागीदारी को बाधित करता है।", इस कथन के आलोक में सरकार में सूचना साझा करने और पारदर्शिता के महत्व पर चर्चा करें। (125 Words) [UPPSC 2023]
सूचना साझा करने और पारदर्शिता का महत्व 1. सूचना साझा करने की आवश्यकता सार्वजनिक पहुंच: सूचना का छिपाव जनता की जानकारी तक पहुंच को बाधित करता है, जिससे सरकार की नीतियों और कार्यों के प्रति विश्वास कम होता है। उदाहरण के लिए, RTI (Right to Information) Act ने सरकारी निर्णयों और प्रक्रियाओं में पारदर्शिRead more
सूचना साझा करने और पारदर्शिता का महत्व
1. सूचना साझा करने की आवश्यकता
2. प्रभावी सार्वजनिक भागीदारी
निष्कर्ष: सूचना का छिपाव सार्वजनिक पहुंच और भागीदारी को बाधित करता है, जबकि सूचना साझा करने और पारदर्शिता से जनता की जानकारी, भरोसा, और भागीदारी बढ़ती है।
See lessसत्यनिष्ठा प्रभावी शासन प्रणाली और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अनिवार्य है। विवेचना कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
सत्यनिष्ठा और प्रभावी शासन सत्यनिष्ठा का महत्व: सत्यनिष्ठा, जो नैतिक सिद्धांतों और ईमानदारी का पालन करती है, प्रभावी शासन और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, और सार्वजनिक संस्थाओं में विश्वास को सुनिश्चित करती है। उदाहरण के लिए, भारत की भ्रष्टाचार विरोधी पहलRead more
सत्यनिष्ठा और प्रभावी शासन
सत्यनिष्ठा का महत्व: सत्यनिष्ठा, जो नैतिक सिद्धांतों और ईमानदारी का पालन करती है, प्रभावी शासन और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, और सार्वजनिक संस्थाओं में विश्वास को सुनिश्चित करती है। उदाहरण के लिए, भारत की भ्रष्टाचार विरोधी पहलों जैसे लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम का उद्देश्य सत्यनिष्ठा को बढ़ावा देना है ताकि भ्रष्टाचार को रोका जा सके और सार्वजनिक क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ सके।
शासन पर प्रभाव: प्रभावी शासन सत्यनिष्ठा पर निर्भर करता है ताकि शक्ति का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार रोका जा सके। जीएसटी (वस्त्र और सेवा कर) की कार्यान्वयन में सत्यनिष्ठा की आवश्यकता थी ताकि निष्पक्ष कर प्रथाओं को सुनिश्चित किया जा सके और कर चोरी को कम किया जा सके। GST के प्रशासन में पारदर्शिता ने राजस्व संग्रहण और अनुपालन को बेहतर बनाया।
सामाजिक-आर्थिक विकास: सत्यनिष्ठा सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है क्योंकि यह निवेश और विकास के लिए एक निष्पक्ष वातावरण प्रदान करती है। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) का सफल कार्यान्वयन इस बात का उदाहरण है कि कैसे सत्यनिष्ठा वित्तीय प्रबंधन में अधिक आर्थिक भागीदारी और गरीबी उन्मूलन में योगदान कर सकती है।
इस प्रकार, सत्यनिष्ठा प्रभावी शासन और सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक है, जो न्याय, पारदर्शिता, और उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करती है।
See lessउपयुक्त उदाहरण सहित कार्य परिवेश के सन्दर्भ में 'ज़बरदस्ती' और 'अनुचित प्रभाव' में अंतर स्पष्ट कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
कार्य परिवेश में 'ज़बरदस्ती' और 'अनुचित प्रभाव' का अंतर ज़बरदस्ती: ज़बरदस्ती में बल या धमकी का उपयोग किया जाता है ताकि किसी को उनकी इच्छा के खिलाफ काम करने पर मजबूर किया जा सके। कार्य परिवेश में, यह किसी कर्मचारी को उनकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए धमकी देने या शारीरिक हिंसा का प्रयोग करने से सRead more
कार्य परिवेश में ‘ज़बरदस्ती’ और ‘अनुचित प्रभाव’ का अंतर
ज़बरदस्ती: ज़बरदस्ती में बल या धमकी का उपयोग किया जाता है ताकि किसी को उनकी इच्छा के खिलाफ काम करने पर मजबूर किया जा सके। कार्य परिवेश में, यह किसी कर्मचारी को उनकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए धमकी देने या शारीरिक हिंसा का प्रयोग करने से संबंधित होता है। उदाहरण स्वरूप, 2023 में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ निर्माण क्षेत्रों में कर्मचारियों को अधिक घंटे काम करने के लिए धमकाया गया, जिसमें नौकरी से निकालने या शारीरिक हिंसा की धमकी शामिल थी।
अनुचित प्रभाव: अनुचित प्रभाव तब होता है जब कोई व्यक्ति अपनी स्थिति या शक्ति का उपयोग करके किसी के निर्णयों को अनुचित तरीके से प्रभावित करता है। इसमें शक्ति का उपयोग करते हुए चुपके से दबाव डालना शामिल होता है। उदाहरण के तौर पर, एक हालिया मामले में, एक प्रबंधक ने अपने पद के प्रभाव का उपयोग करके अपने पसंदीदा कर्मचारियों को पदोन्नति दिलवाई, जबकि यह पदोन्नति मेरिट के आधार पर होनी चाहिए थी।
इस प्रकार, ज़बरदस्ती में प्रत्यक्ष धमकी शामिल होती है, जबकि अनुचित प्रभाव में शक्ति का सूक्ष्म तरीके से उपयोग किया जाता है।
See lessभारत में, कुछ आचरण नियम हैं, जो एक अधिकारी के व्यवहार और आचरण को नियंत्रित करते हैं। इनमें केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964; अखिल भारतीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1968 आदि शामिल हैं। क्या आपको लगता है कि भारत में सिविल सेवकों के लिए एक पृथक आचार संहिता की आवश्यकता है? ऐसी आचार संहिता में कौन-से महत्वपूर्ण मूल्य शामिल होने चाहिए? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत में सिविल सेवकों के लिए एक पृथक आचार संहिता की आवश्यकता है, क्योंकि यह उनके पेशेवर और नैतिक मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर सकती है और पारदर्शिता को बढ़ावा दे सकती है। वर्तमान नियमावली में कुछ खामियां और अस्पष्टताएँ हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में भ्रम और विवाद उत्पन्न कर सकती हैं। एक पृथकRead more
भारत में सिविल सेवकों के लिए एक पृथक आचार संहिता की आवश्यकता है, क्योंकि यह उनके पेशेवर और नैतिक मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर सकती है और पारदर्शिता को बढ़ावा दे सकती है। वर्तमान नियमावली में कुछ खामियां और अस्पष्टताएँ हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में भ्रम और विवाद उत्पन्न कर सकती हैं।
एक पृथक आचार संहिता में निम्नलिखित महत्वपूर्ण मूल्य शामिल होने चाहिए:
यह आचार संहिता सिविल सेवकों के पेशेवर व्यवहार को स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करेगी और सरकारी कामकाज में नैतिकता की नींव मजबूत करेगी।
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