प्रशासन में सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार क्या है? आलोचनात्मक विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
Infosys की रणनीति: स्थानीय विकास और सामुदायिक सहभागिता उद्देश्य की पूर्ति: स्थानीय अवसंरचना में निवेश: Infosys ने मysore में अपने परिसर के आसपास शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान कीं, जिससे स्थानीय जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ। समुदाय के साथ सहयोग: स्थानीय निवासियों को रोज़गार के अवसर और व्यावसाRead more
Infosys की रणनीति: स्थानीय विकास और सामुदायिक सहभागिता
उद्देश्य की पूर्ति:
- स्थानीय अवसंरचना में निवेश: Infosys ने मysore में अपने परिसर के आसपास शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान कीं, जिससे स्थानीय जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
- समुदाय के साथ सहयोग: स्थानीय निवासियों को रोज़गार के अवसर और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया। उदाहरण: Infosys ने मysore में शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए, जिससे क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ।
हालिया उदाहरण: Infosys के नए कैंपस ने स्थानीय सड़कें और आवासीय सुविधाएँ विकसित कीं, जिससे न केवल कंपनी का विकास हुआ बल्कि स्थानीय समुदाय को भी लाभ हुआ।
**2. Vedanta Resources की रणनीति: CSR और सामाजिक जिम्मेदारी
उद्देश्य की पूर्ति:
- CSR परियोजनाओं के माध्यम से सहायता: Vedanta ने स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण में फिलांथ्रोपिक कार्यक्रम चलाए, जैसे हेल्थ कैम्प्स और स्कॉलरशिप प्रोग्राम्स।
- स्थानीय सामाजिक विकास: कंपनी ने सामुदायिक कल्याण के लिए सामाजिक कार्यक्रम शुरू किए, लेकिन समुदाय की सलाह और स्थानीय भागीदारी की कमी रही। उदाहरण: Lanjigarh में स्वास्थ्य शिविर और शिक्षा योजनाओं ने स्थानीय लोगों को लाभ पहुँचाया।
हालिया उदाहरण: Vedanta का CSR प्रयास प्रदूषण नियंत्रण और स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है, हालांकि, भूमि अधिग्रहण और स्थानीय सलाह की कमी के कारण कुछ विवाद भी उत्पन्न हुए हैं।
निष्कर्ष: Infosys ने स्थानीय अवसंरचना और रोजगार अवसरों पर ध्यान केंद्रित करके अपने उद्देश्य की पूर्ति की, जबकि Vedanta ने CSR पहल और फिलांथ्रोपिक प्रयास से स्थानीय समुदाय की सहायता की, लेकिन स्थानीय सहभागिता की कमी के कारण विवाद भी हुए। इन दृष्टिकोणों में स्थानीय सहभागिता और समाजिक प्रभाव की भूमिका महत्वपूर्ण है।
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प्रशासन में सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार परिचय: सत्यनिष्ठा प्रशासन में उच्च नैतिक मानकों, पारदर्शिता, और ईमानदारी को दर्शाती है। इसका दार्शनिक आधार जनता के कल्याण की सेवा और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा में निहित है। **1. नैतिक आधार: सत्यनिष्ठा नैतिक दार्शनिकता पर आधारित होती है, जिसमें ईमानदारी,Read more
प्रशासन में सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार
परिचय: सत्यनिष्ठा प्रशासन में उच्च नैतिक मानकों, पारदर्शिता, और ईमानदारी को दर्शाती है। इसका दार्शनिक आधार जनता के कल्याण की सेवा और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा में निहित है।
**1. नैतिक आधार: सत्यनिष्ठा नैतिक दार्शनिकता पर आधारित होती है, जिसमें ईमानदारी, न्याय, और जवाबदेही पर जोर दिया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक अधिकारी उच्च नैतिक मानकों का पालन करें। RTI अधिनियम (2005) इसका एक उदाहरण है, जो पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।
**2. लोकतांत्रिक मूल्य: सत्यनिष्ठा लोकतांत्रिक सिद्धांतों जैसे समानता और न्याय को बनाए रखती है, जिससे सभी नागरिकों को समान रूप से देखा जाए और सत्ता का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाए। नीरव मोदी-PNB घोटाला ने सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की समस्याओं को उजागर किया।
आलोचनात्मक विवेचना: हालांकि सत्यनिष्ठा प्रशासन के लिए आवश्यक है, लेकिन संविधानिक भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अक्षमता जैसी समस्याएँ सामने आती हैं। प्रभावी प्रवर्तन तंत्र और संस्थागत सुधार आवश्यक हैं ताकि सत्यनिष्ठा को सुनिश्चित किया जा सके।
निष्कर्ष: प्रशासन में सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार नैतिक सिद्धांतों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है, जो सार्वजनिक प्रशासन की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
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