अक्सर कहा जाता है कि निर्धनता भ्रष्टाचार की ओर प्रवृत्त करती है। परन्तु, ऐसे भी उदाहरणों की कोई कमी नहीं है जहाँ सम्पन्न एवं शक्तिशाली लोग बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं। लोगों में व्याप्त भ्रष्टाचार के ...
भ्रष्टाचार नियंत्रण के उपायों का मूल्यांकन 1. आचार संहिताएँ और सतर्कता आयोग प्रभावशीलता: आचार संहिताएँ और सतर्कता आयोग भ्रष्टाचार की निगरानी बढ़ाते हैं। औचित्य: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) जैसे निकायों ने कई भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा किया है। उदाहरण के लिए, विवेकानंद वाजपेयी का मामला। चुनौतियाँRead more
भ्रष्टाचार नियंत्रण के उपायों का मूल्यांकन
1. आचार संहिताएँ और सतर्कता आयोग
प्रभावशीलता:
- आचार संहिताएँ और सतर्कता आयोग भ्रष्टाचार की निगरानी बढ़ाते हैं।
औचित्य:
- केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) जैसे निकायों ने कई भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा किया है। उदाहरण के लिए, विवेकानंद वाजपेयी का मामला।
चुनौतियाँ:
- राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक देरी ने कार्रवाई में रुकावट डाली है।
2. आरटीआई (सूचना का अधिकार)
प्रभावशीलता:
- नागरिकों को पारदर्शिता की शक्ति प्रदान करता है।
औचित्य:
- 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला जैसे मामलों में RTI ने महत्वपूर्ण जानकारी उजागर की है।
चुनौतियाँ:
- आरटीआई कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न और अमल में कमी ने प्रभावशीलता को सीमित किया है।
3. सक्रिय मीडिया
प्रभावशीलता:
- जांच पत्रकारिता ने भ्रष्टाचार को उजागर किया है।
औचित्य:
- पनामा पेपर्स जैसे खुलासों ने सार्वजनिक दबाव बढ़ाया है।
चुनौतियाँ:
- संवेदनशीलता और विज्ञापन दबाव से प्रभावित हो सकता है।
4. विधिक यांत्रिकत्व
प्रभावशीलता:
- आचार संहिताएँ और कानूनी ढाँचा मानक स्थापित करते हैं।
औचित्य:
- भ्रष्टाचार निरोधक कानून जैसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने ढांचा तैयार किया है।
चुनौतियाँ:
- विधिक प्रक्रिया में देरी और अप्रभावी कार्यान्वयन।
सुझाई गई रणनीतियाँ
1. whistleblower सुरक्षा को मजबूत करना
रणनीति:
- विपरीत कार्यवाही से सुरक्षा के लिए ठोस उपाय अपनाना।
औचित्य:
- भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करता है। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र में whistleblower संरक्षण।
2. डिजिटल पारदर्शिता को अपनाना
रणनीति:
- ब्लॉकचेन जैसी तकनीकी समाधान को लागू करना।
औचित्य:
- ट्रांजैक्शन का पारदर्शिता बढ़ाता है, जैसे कि एस्टोनिया का ई-गवर्नेंस मॉडल।
3. न्यायिक सुधार
रणनीति:
- न्यायिक प्रक्रिया की गति बढ़ाना और भ्रष्टाचार अदालतों को सशक्त बनाना।
औचित्य:
- त्वरित न्याय भ्रष्टाचार के खिलाफ निवारक प्रभाव डालता है।
4. सार्वजनिक शिक्षा और भागीदारी
रणनीति:
- भ्रष्टाचार विरोधी शिक्षा और सामाजिक भागीदारी कार्यक्रम।
औचित्य:
- सूचित नागरिक अधिक प्रेरित होते हैं और जवाबदेही की मांग करते हैं।
निष्कर्ष: हालांकि मौजूदा उपायों ने कुछ प्रभाव डाला है, लेकिन whistleblower सुरक्षा, डिजिटल पारदर्शिता, और न्यायिक सुधार जैसे रणनीतियाँ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान कर सकती हैं।
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भ्रष्टाचार के आधारभूत कारण यह सत्य है कि निर्धनता भ्रष्टाचार की ओर प्रवृत्त कर सकती है, लेकिन भ्रष्टाचार केवल निर्धनों तक सीमित नहीं है। सम्पन्न और शक्तिशाली लोग भी बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं: 1. लालच और अधिक संपत्ति की इच्छा लालच और संपत्ति को अनंतRead more
भ्रष्टाचार के आधारभूत कारण
यह सत्य है कि निर्धनता भ्रष्टाचार की ओर प्रवृत्त कर सकती है, लेकिन भ्रष्टाचार केवल निर्धनों तक सीमित नहीं है। सम्पन्न और शक्तिशाली लोग भी बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:
1. लालच और अधिक संपत्ति की इच्छा
लालच और संपत्ति को अनंत मात्रा में बढ़ाने की चाहत, सम्पन्न और शक्तिशाली लोगों को भ्रष्टाचार की ओर धकेलती है। उदाहरण के लिए, पीएनबी बैंक घोटाला (2018) में नीरव मोदी, एक प्रसिद्ध व्यापारी होते हुए भी, बड़ी मात्रा में धोखाधड़ी में लिप्त पाया गया।
2. सत्ता का दुरुपयोग और जवाबदेही की कमी
शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा सत्ता का दुरुपयोग और जवाबदेही की कमी भी भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण है। 2022 में सामने आए दिल्ली शराब नीति घोटाले में राजनेताओं और अधिकारियों द्वारा सत्ता का दुरुपयोग देखने को मिला, जिससे बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार हुआ।
3. कमजोर कानूनी और प्रशासनिक ढांचा
कमजोर कानूनी ढांचे और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की कमी, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। सत्यम घोटाला (2009) एक उदाहरण है जहाँ कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने कानूनी प्रक्रियाओं की कमी का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी की।
4. सांस्कृतिक स्वीकृति और समाज में भ्रष्टाचार का सामान्यीकरण
कुछ समाजों में, भ्रष्टाचार सांस्कृतिक रूप से स्वीकृत हो जाता है, जिससे यह एक सामान्य व्यवहार बन जाता है। 2023 के तमिलनाडु खनन घोटाले में, सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठानों द्वारा भ्रष्टाचार को सामान्य मान लिया गया था।
5. व्यक्तिगत और राजनीतिक हित
व्यक्तिगत और राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए लोग अक्सर भ्रष्टाचार का सहारा लेते हैं। 2023 में हुए पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में, राजनीतिक हित साधने के लिए भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ।
निष्कर्ष
भ्रष्टाचार के पीछे केवल निर्धनता ही नहीं, बल्कि लालच, सत्ता का दुरुपयोग, कमजोर कानूनी ढांचा, सांस्कृतिक स्वीकृति, और व्यक्तिगत व राजनीतिक हित भी प्रमुख कारण हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी और व्यापक हैं, जो समाज के सभी वर्गों को प्रभावित करती हैं।
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